जीत से अभियान खत्म करने उतरेंगे पुणे और पंजाब
प्लेआफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके किंग्स इलेवन पंजाब और राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स जब आमने सामने होंगे तो उनका लक्ष्य जीत के साथ नौवें आईपीएल से विदा लेना रहेगा।
विशाखापट्टनम। प्लेआफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके किंग्स इलेवन पंजाब और राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स जब आमने सामने होंगे तो उनका लक्ष्य जीत के साथ नौवें आईपीएल से विदा लेना रहेगा। सुपरजाइंट्स की टीम इसी स्थल दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ जीत के बाद इस मैच में उतरेगी। यह उसक घरेलू मैदान भी है। जहां तक पंजाब का सवाल है तो उसने अपने पिछले दोनों मैच गंवाये हैं। उसे रायल चैलेंजर्स बेंगलूर और सनराइजर्स हैदराबाद के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। पंजाब को इस सत्र में चौथी और आखिरी जीत इसी मैदान पर मिली थी जब उसने मुंबई इंडियन्स को हराया था। टूर्नामेंट से शुरू में ही बाहर होने के बाद सुपरजाइंट्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिये यह पूरी तरह से अलग अहसास है क्योंकि इससे पहले के सभी सत्रों में उन्होंने कप्तान के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया। वैसे यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इस बार उनकी टीम को खिलाड़ियों के चोटिल होने की समस्या से जूझना पड़ा। पहली बार टूर्नामेंट में भाग ले रही टीम ने केविन पीटरसन, स्टीवन स्मिथ, फाफ डु प्लेसिस और मिशेल मार्श जैसे खिलाड़ी चुने थे और उससे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी लेकिन उसका कोई भी विदेशी खिलाड़ी आखिर तक टूर्नामेंट से नहीं जुड़ा रह पाया और चोटिल होकर स्वदेश लौट गये। ऐसे में धोनी के पास बहुत कम विकल्प रह गये थे।
जहां तक पंजाब का सवाल है तो वह पिछले सत्रों में भी इस तरह परिस्थितियों का सामना करता रहा है। कप्तानी में बदलाव और कुछ नये विदेशी खिलाड़ियों को जोड़ने से भी टीम का भाग्य नहीं बदला। किंग्स इलेवन की टीम में आक्रामकता की कमी दिखी और उसका कोई भी खिलाड़ी प्रभाव नहीं छोड़ पाया। यही नहीं इस बीच टीम प्रबंधन और मालिकों के बीच भी मतभेद उभर गये। पंजाब को निश्चित तौर पर अच्छे खिलाड़ियों की कमी खली जबकि बिग हिटर डेविड मिलर की असफलता से भी टीम काफी प्रभावित हुई। ग्लेन मैक्सवेल और शान मार्श के चोटिल होने से भी उसकी परेशानी बढ़ी। अब ये दोनों टीमें इस सत्र में आखिरी बार आमने सामने होंगी। उनके सामने गंवाने के लिये कुछ भी नहीं है लेकिन वे जीत के साथ इस सत्र का अंत करने की कोशिश करेंगी।
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