लार्ड्स की पिच से दूसरी पारी में स्पिनरों को मदद मिली: युजवेंद्र चहल

Spinners get help in second innings from Lords pitch: Yuzvendra Chahal
[email protected] । Jul 15 2018 12:18PM

चहल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक टीम के रूप में डेथ ओवरों में हमने 20 से 25 रन अधिक दे दिए। लेकिन श्रेय डेविड विली और रूट को दिया जाना चाहिए जिन्होंने अंत में काफी अच्छी बल्लेबाजी की।

लंदन। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में यहां भारत की 86 रन की हार के दौरान पहली पारी में धीमे गेंदबाजों को मदद नहीं मिली जबकि लार्ड्स की पिच से दूसरी पारी में घरेलू टीम के स्पिनरों आदिल राशिद और मोईन अली को काफी टर्न मिला। जो रूट के करियर के 12वें शतक की बदौलत इंग्लैंड ने सात विकेट पर 322 रन बनाए और फिर भारत को 50 ओवर में 236 रन पर आउट कर दिया।

चहल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक टीम के रूप में डेथ ओवरों में हमने 20 से 25 रन अधिक दे दिए। लेकिन श्रेय डेविड विली और रूट को दिया जाना चाहिए जिन्होंने अंत में काफी अच्छी बल्लेबाजी की। यह अलग तरह की, धीमी पिच थी। जब हमने गेंदबाजी की तो पिच से दूसरी पारी की तरह टर्न नहीं मिल रहा था।’’ कुलदीप (68 रन पर तीन विकेट) ने भारत को सफलताएं दिलाई जबकि चहल ने सात ओवर किफायती गेंदबाजी की लेकिन पारी के 40वें ओवर के बाद विली और रूट ने तेजी से रन बटोरे।

चहल ने कहा, ‘‘जब मैंने कुछ ओवर फेंके तो पाया कि पिच थोड़ी धीमी है। इसलिए मैंने अपनी गति में विविधता लाने का फैसला किया और फुल लेंथ की गेंद की क्योंकि पिच धीमी थी। शार्ट पिच गेंद करने पर रन बनने की अधिक संभावना थी। इसलिए मैं विकेटों पर ही गेंदबाजी करना चाहता था क्योंकि अगर बल्लेबाज चूक करता है तो मेरे पास विकेट हासिल करने का मौका होता।’’ हालांकि कल इंग्लैंड के स्पिनर मोईन और राशिद छाए रहे जिन्होंने मिलकर 20 ओवर में 80 रन देते हुए तीन विकेट चटकाए। चहल ने कहा कि विराट कोहली का आउट होना टर्निंग प्वाइंट बन गया।

चहल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टर्निंग प्वाइंट विराट कोहली का विकेट था क्योंकि अच्छी साझेदारी हो रही थी। जब आप 322 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे हो तो आपको अंत में विकेट की जरूरत होती है। मुझे साथ ही लगता है कि उनके स्पिनरों ने अच्छी गेंदबाजी की।’’ उन्हेंने कहा, ‘‘मोईन ने जिस तरह की गेंदबाजी की उससे बाउंड्री नहीं लग रही थी। हम एक या दो रन ही बना सके और जरूरी रन गति बढ़ती चली गई इसलिए बल्लेबाजों पर दबाव था। आप कह सकते हैं कि बीच के ओवरों में उनके स्पिनरों ने अच्छी गेंदबाज की।’’ 

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