टीम इंडिया के मध्यक्रम में बदलाव संभव, जाधव और कार्तिक की हो सकती है छुट्टी
चैपियन्स ट्राफी 2017 के फाइनल में हार के बाद भारत की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम के कोर खिलाड़ी चुन लिए गए थे और कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली ने दो कलाई के स्पिनरों पर मैच विजेता के रूप में भरोसा किया था।
लंदन। भारत के कमजोर मध्यक्रम में आमूलचूल बदलाव की संभावना है और ऐसे मे अगले साल होने वाले विश्व टी20 को ध्यान में रखते हुए केदार जाधव और दिनेश कार्तिक जैसे कामचलाऊ विकल्पों को टीम से बाहर किया जा सकता है। महेंद्र सिंह धोनी ने जब से कप्तानी संभाली थी तब से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप के लिए कम से कम दो साल और टी20 के लिए लगभग 18 महीने पहले से टीम तैयार करने की नीति चल रही है। सीमित ओवरों का भारत का अगला बड़ा टूर्नामेंट आस्ट्रेलिया में अगले साल होने वाला विश्व टी20 होगा जो चार साल बाद हो रहा है।
Congratulations to New Zealand for making it to the final of #CWC19
— BCCI (@BCCI) July 10, 2019
Upward and onward for #TeamIndia from here on 🇮🇳🇮🇳 #INDvNZ pic.twitter.com/gsavYSJoyr
एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति बीसीसीआई के चुनाव होने तक प्रभारी रहेगी लेकिन उम्मीद है कि बदलाव के दौर में भी यही समिति जिम्मेदारी संभालेगी जिसमें अगले 14 महीने में ध्यान सबसे छोटे प्रारूप पर अधिक होगा। जाधव और कार्तिक जैसे कामचलाऊ खिलाड़ियों की मौजूदगी वाला भारत का कमजोर मध्यक्रम उपमहाद्वीप के बाहर के हालात में दबाव की स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं था। यह मौजूदा टीम की सबसे बड़ी कमजोरी थी और विश्व कप सेमीफाइनल जैसे नतीजे की आशंका सभी को थी। रोहित शर्मा, विराट कोहली और लोकेश राहुल का एक साथ बुरा दिन होने का खामियाजा भुगतना पड़ा और इससे भी निराशाजनक यह रहा कि ऐसा नाकआउट मैच में हुआ।
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चैपियन्स ट्राफी 2017 के फाइनल में हार के बाद भारत की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम के कोर खिलाड़ी चुन लिए गए थे और कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली ने दो कलाई के स्पिनरों पर मैच विजेता के रूप में भरोसा किया था। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने विश्व कप में काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में इनका प्रदर्शन शानदार रहा। विश्व कप ही नहीं बल्कि इससे दो साल पहले से ही भारत के पास कोई प्लान बी नहीं था लेकिन कोहली और रोहित की बेहतरीन फार्म और इनके शतकों ने टीम की बल्लेबाजी की कमजोरियों को उजागर नहीं होने दिया।
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