भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा दौर था 2007 विश्व कप: सचिन तेंदुलकर

The worst phase of Indian cricket was 2007 World Cup: Sachin Tendulkar
[email protected] । Sep 12 2017 6:19PM

मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारतीय टीम के लिये 2007 का विश्व कप सबसे बुरा दौर था। एक कार्यक्रम में यहां पहुंचे तेंदुलकर ने कहा कि वेस्टइंडीज में 2007 विश्व कप के पहले दौर में टीम के बाहर होने के बाद भारतीय क्रिकेट में कई सकारात्मक बदलाव आए।

मुंबई। मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारतीय टीम के लिये 2007 का विश्व कप सबसे बुरा दौर था। एक कार्यक्रम में यहां पहुंचे तेंदुलकर ने कहा कि वेस्टइंडीज में 2007 विश्व कप के पहले दौर में टीम के बाहर होने के बाद भारतीय क्रिकेट में कई सकारात्मक बदलाव आए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रिकार्डों के बादशाह के तौर पर जाने जाने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, मुझे लगता है 2006-07 का सत्र हमारे (टीम) लिये सबसे बुरा था।

हम विश्व कप के सुपर आठ दौर के लिये भी क्वालीफाई नहीं कर सके थे। लेकिन हमने वहां से वापसी की, नये तरह से सोचना शुरू किया और सहीं दिशा में आगे बढ़ना शुरू किया।’’ राहुल द्रविड के नेतृत्व में उस विश्व कप में भारतीय टीम ग्रुप चरण में श्रीलंका और बांग्लादेश से हार कर बाहर हो गयी थी। तेंदुलकर ने कहा, विश्व कप के बाद हमें कई बदलाव करने पड़े और एक बार जब हमने यह तय कर लिया कि टीम के तौर पर हमें क्या करना हैं तो हम पूरी शिद्दत के साथ उसे करने के लिय प्रतिबद्ध थे जिसके नतीजे भी आए।’’

शतकों का शतक लगने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, हमें कई बदलाव करने थे। हमें यह नहीं पता था कि वह सहीं है या गलत। यह बदलाव एक दिन में नहीं आया। हमें नतीजों के लिये इंतजार करना पड़ा। मुझे विश्व कप की ट्रॉफी को उठाने के लिये 21 वर्षों का इंतजार करना पड़ा। ’’महेन्द्र सिंह धोनी के नेतृत्व में 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का तेंदुलकर महत्वपूर्ण सदस्य थे।

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