इस साल अर्जुन पुरस्कार की उम्मीद नहीं की थी: हिमा दास
असम की 18 साल की हिमा उन 20 खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनके नाम की सिफारिश अर्जुन पुरस्कार के लिए की गई थी। इस सूची को खेल मंत्रालय की स्वीकृति का इंतजार है।
नयी दिल्ली। भारत की युवा धाविका हिमा दास को अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स के मौजूदा सत्र में शानदार प्रदर्शन के बावजूद इस साल उन्हें अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किए जाने की उम्मीद नहीं थी। असम की 18 साल की हिमा उन 20 खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनके नाम की सिफारिश अर्जुन पुरस्कार के लिए की गई थी। इस सूची को खेल मंत्रालय की स्वीकृति का इंतजार है। फिनलैंड में अंडर 20 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली हिमा ने एक प्रचार कार्यक्रम के इतर यहां कहा, ‘‘मुझे इस साल अर्जुन पुरस्कार मिलने की उम्मीद नहीं थी। मैं सोच रही थी कि शायद अगले साल मेरे नाम पर विचार हो।’’
हिमा को आज एडिडास का ब्रांड दूत बनाया गया। ढिंग एक्सप्रेस के नाम से मशहूर हिमा ने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद 18वें एशियाई खेलों में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीते। इस स्टार धाविका ने महिला चार गुणा 400 मीटर रिले में स्वर्ण के अलावा मिश्रित चार गुणा 400 मीटर और 400 मीटर व्यक्तिगत वर्ग में रजत पदक जीते।
यह पूछने पर कि वह कब ट्रेनिंग शुरू करेंगी, हिमा ने कहा, ‘‘अब सत्र खत्म हो गया है। अगले साल दक्षिण एशियाई खेल, एशियाई चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप होनी इसलिए इनकी तैयारी कैसे करनी है यह मैं ट्रेनिंग के दौरान तरू करूंगी।’’ यह पूछने पर कि कौन सी रेस उनके दिल के सबसे करीब है, हिमा ने कहा, ‘‘फिनलैंड (विश्व जूनियर चैंपियनशिप) की रेस मेरी सबसे पसंदीदा रेस में से एक है और एशियाई खेलों का सेमीफाइनल भी जब बारिश होने लगी थी।’’
हिमा ने 400 मीटर दौड़ में 50 .79 मीटर के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ रजत पदक जीता था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिमाग में कुछ लक्ष्य हैं। मैं इन पर एक-एक करके काम करूंगी। लोग अब मुझसे काफी उम्मीद कर रहे हैं और मैं इसे हासिल करूंगी। मैंने एशियाई खेलों में 50 .79 सेकेंड का समय लिया इसलिए 50 . 78 भी एक कदम आगे है।’’
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