जो विभाजनकारी लोकतंत्र नहीं चाहते वो उत्तर कोरिया चले जाएं: तथागत रॉय
मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जो लोग “विभाजनकारी लोकतंत्र” नहीं चाहते हैं, वह उत्तर कोरिया चले जाएं। उन्होंने कहा, “विवाद के वर्तमान माहौल में दो बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए - 1. देश को कभी धर्म के नाम पर विभाजित किया गया था। 2.लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है।
शिलांग। मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने शुक्रवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जो लोग “विभाजनकारी लोकतंत्र” नहीं चाहते हैं, वह उत्तर कोरिया चले जाएं। रॉय ने ट्वीट किया कि लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है। अगर आप इसे नहीं चाहते हैं तो उत्तरी कोरिया चले जाइए। राज्यपाल इस ट्वीट के जरिए परोक्ष रूप से नए नागरिकता कानून का समर्थन कर रहे थे।
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उन्होंने कहा, “विवाद के वर्तमान माहौल में दो बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए - 1. देश को कभी धर्म के नाम पर विभाजित किया गया था। 2.लोकतंत्र अनिवार्य रूप से विभाजनकारी है। अगर आप इसे नहीं चाहते तो उत्तर कोरिया चले जाइए।” उत्तर कोरिया में तानाशाह किम जोंग-उन का शासन है।
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उनका ये ट्वीट प्रदर्शनकारियों के राजभवन पहुंचने से कुछ घंटे पहले आया। प्रदर्शनकारियों ने जब सुरक्षा का उल्लंघन करने की कोशिश की, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया था, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हाथापाई में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारी राज्यपाल से मांग कर रहे थे कि वह बाहरी लोगों के राज्य में प्रवेश पर अनिवार्य पंजीकरण के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को अपनी सहमति दें और साथ ही केंद्र राज्य में इनर लाइन परमिट को लागू करे।
Two things should never be lost sight of in the present atmosphere of controversy.
— Tathagata Roy (@tathagata2) December 13, 2019
1. The country was once divided in the name of religion.
2. A democracy is NECESSARILY DIVISIVE. If you don’t want it go to North Korea.
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