कैंसर को मात देने वाले युवराज सिंह के करियर की ये हैं सर्वश्रेष्ठ पारियां

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[email protected] । Jun 10 2019 6:03PM

युवराज ने नैरोबी में कीनिया के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के साथ भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया।

मुंबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने वाले युवराज सिंह ने अपने करियर के दौरान कई उपलब्धियां हासिल की जिसमें से कुछ इस प्रकार हैं।

जनवरी 2000: युवराज सिंह ने 2000 में श्रीलंका में अंडर 19 विश्व कप में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 33 . 83 की औसत से 203 रन बनाए और बायें हाथ की स्पिन गेंदबाजी से भी प्रभावित किया।

अक्टूबर 2000: युवराज ने नैरोबी में कीनिया के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के साथ भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया।

अक्टूबर 2000: अपना दूसरा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच और पहली अंतरराष्ट्रीय पारी खेल रहे युवराज ने आईसीसी नाकआउट टूर्नामेंट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 80 गेंद में 84 रन बनाकर भारत को यादगार जीत दिलाई।

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जुलाई 2002: युवराज ने 69 रन की पारी खेली और मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर भारत को इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में 325 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दो विकेट की रोमांचक जीत दिलाई।

जनवरी 2004: युवराज ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 122 गेंद में 139 रन की पारी खेली जो उस समय उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी थी।

फरवरी 2006: युवराज सिंह एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के सबसे उपयोगी और निरंतर प्रदर्शन करने वाले क्रिकेटर के रूप में उभरे। पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला में 4-1 की जीत के दौरान उन्होंने नाबाद 87 और 79 रन की पारी खेली जिससे टीम ने श्रृंखला जीती। उन्होंने इस श्रृंखला में 93 गेंद में नाबाद 107 रन भी बनाए जिससे भारत 287 रन के लक्ष्य का पीछा करने में सफल रहा।

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सितंबर 2007: पहले विश्व टी20 में युवराज ने स्टुअर्ट ब्राड के एक ओवर में छह छक्के जड़कर रिकार्ड बुक में नाम दर्ज कराया। उन्होंने सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भी 70 रन की मैच विजेता पारी खेली जिसके बाद भारत ने एतिहासिक खिताब जीता। सबसे लंबा 119 मीटर का छक्का जड़ने का रिकार्ड भी उनके नाम दर्ज है।

दिसंबर 2007: युवराज को भारत की टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए हमेशा जूझना पड़ा लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलोर में 169 रन की पारी खेली जिससे भारत ने घरेलू सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीती।

19 फरवरी से दो अप्रैल 2011: यह युवराज सिंह और भारतीय टीम के लिए स्वप्निल विश्व कप रहा। भारत ने 28 साल बाद दोबारा विश्व कप जीता। युवराज ने नौ मैचों में 90.50 की औसत से 362 रन बनाए जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल रहे। उन्होंने चार मैच आफ द मैच पुरस्कार के अलावा टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुना गया। युवराज सिंह किसी एक विश्व कप में 300 से अधिक रन बनाने वाले और 15 विकेट हासिल करने वाले पहले आलराउंडर बने। विश्व कप के तुरंत बाद उन्हें फेफड़ों में कैंसर का पता चला लेकिन वह इससे उबरने में सफल रहे और अगले साल के अंत तक क्रिकेट के मैदान पर वापसी की।

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जनवरी 2017: युवराज ने इंग्लैंड के खिलाफ कटक में 122 गेंद में 134 रन की पारी खेली जिससे भारत ने 15 रन से जीत दर्ज की।

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