1 अप्रैल से होगा डेबिट कार्ड से लेन-देन सस्ता

माना जा रहा है कि आरबीआई के नए नियमों के अमल में आने पर डेबिट कार्ड से ट्रांज़ैक्शन सस्ता हो जाएगा। डेबिट कार्ड से लेन-देन करने पर 0.95 प्रतिशत से अधिक एमडीआर चार्ज नहीं लगेगा।

भारत में नोटबंदी के बाद से जनता के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया से लगातार कुछ ना कुछ खबरें आ रही हैं, जो आम जनता के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहीं हैं। वहीं काला बाज़ारी करने वालों को उस से नुकसान हो रहा है। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने बताया कि रैस्त्रां में आपको सर्विस टैक्स देने की ज़रूरत नहीं है। ये ग्राहक पर निर्भर करता है कि वह दुकानदार को सर्विस टैक्स देना चाहता है या नहीं। सर्विस टैक्स ना लगने से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। जैसे कि हम सब जानते हैं कि नोटबंदी के बाद नकदी से लेन-देन को कम करने के लिए सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है। अब इसी कवायद को आगे बढ़ाते हुए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने डेबिट कार्ड से लेन-देन पर एमडीआर (मर्चेट डिस्काउंट रेट) शुल्कों में भारी कटौती का प्रस्ताव किया है। छोटे कारोबारियों-व्‍यापारियों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। नई दरों का आधार लेन-देन की सीमा नहीं, बल्‍कि कारोबारियों की आय को माना गया है। 

माना जा रहा है कि आरबीआई के नए नियमों के अमल में आने पर डेबिट कार्ड से ट्रांज़ैक्शन सस्ता हो जाएगा। डेबिट कार्ड से लेन-देन करने पर 0.95 प्रतिशत से अधिक एमडीआर चार्ज नहीं लगेगा। खास बात यह है कि आरबीआई के नए नियमों के तहत एमडीआर चार्ज ट्रांज़ैक्शन के मूल्य पर नहीं, बल्कि मर्चेंट की श्रेणी के आधार पर लगेगा, जिससे डेबिट कार्ड से रेल की टिकट खरीदने से लेकर बिजली, पानी और टेलीफोन के बिल जमा करने सहित कई तरह के लेन-देन सस्ते हो जाएंगे।

रिजर्व बैंक ने एमडीआर शुल्क के लिहाज से कारेाबारियों को चार श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव किया गया है। आरबीआई की वेबसाइट पर नई दरों का प्रस्‍ताव पेश है और ये नई दरें विचार और सहमति के बाद 1 अप्रैल से लागू हो सकती हैं।

आइए विस्तार से जानते हैं आरबीआई की नई दरों का प्रस्ताव-

1. आरबीआई ने हाल ही में एमडीआर शुल्क घटाने से संबंधित एक सर्कुलर का ड्राफ्ट जारी किया है। इसमें एमडीआर लगाने के लिए मर्चेंट की चार श्रेणियां तय की गई हैं। आरबीआई के मुताबिक जिन व्यापारियों का सालाना कारोबार 20 लाख रुपये से कम है और जो जीएसटी की सीमा से बाहर हैं वे 'लघु व्यापारी' की श्रेणी में आएंगे और उनके द्वारा किए गए लेन-देन की राशि पर 0.40 प्रतिशत से अधिक एमडीआर शुल्क नहीं लगेगा। इस श्रेणी के व्यापारी अगर डिजिटल पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) जैसे क्यूआरकोड के माध्यम से ट्रांज़ैक्शन स्वीकार कर रहे हैं तो अधिकतम चार्ज की सीमा 0.3 फीसदी होगी, यानी कि 1000 रुपये पर 3 रुपये का चार्ज देना होगा।

2. इसी तरह से विशेष व्यापारियों की भी एक श्रेणी होगी जिस पर पीओएस मशीन के माध्यम से पेमेंट लेने वाले व्यापारियों पर अधिकतम 0.40 प्रतिशत की दर से एमडीआर शुल्क लगेगा। जबकि डिजिटल पीओएस के माध्यम से पेमेंट स्वीकारने वाले व्यापारियों पर एमडीआर शुल्क 0.30 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। 

3. तीसरी श्रेणी में 20 लाख रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले सभी गैर-सरकारी व्यापारी आएंगे जिनसे डेबिट कार्ड से लेन-देन पर 0.95 प्रतिशत से अधिक एमडीआर शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इस श्रेणी के जो व्यापारी डिजिटल पीओएस के माध्यम से पेमेंट स्वीकार करेंगे तो फिर वसूला जाने वाला एमडीआर 0.95 होगा यानी की 1 हज़ार रुपये पर यह साढ़े 9 रुपये तक होगा।

4. चौथी श्रेणी सरकारी संस्थाओं के लिए होगी। इसमें इनकम टैक्स, पासपोर्ट फीस, स्टैंप ड्यूटी, रोड टैक्स या फिर हाउस टैक्स के पेमेंट की भी विशेष दरें तय की गई हैं। यदि एक हज़ार रुपये के हिसाब से देखें तो 1000 रुपये तक के भुगतान पर 5 रुपये, 1001 से 2000 रुपये तक के भुगतान पर 10 रुपये और 2001 से अधिक के भुगतान पर एमडीआर शुल्क 0.50 प्रतिशत वसूलने का प्रस्ताव किया है। हालांकि सरकारी संस्था को किए गए 2 हज़ार रुपये से ज्यादा के पेमेंट के लिए ज्यादा से ज्यादा 250 रुपये तक का चार्ज लग सकता है।  

5. बिजली, पानी, बीमा आदि के पेमेंट के लिए भी एक हज़ार रुपये पर 3 रुपये चार्ज देना होगा।

आरबीआई ने यह साफ तौर पर कहा है कि इन चार्जेस के अलावा कोई भी दूसरी कंनवियेंस फीस या एक्‍स्‍ट्रा सर्विस चार्ज नहीं वसूला जा सकता है। नई दरों के ड्राफ्ट के मुताबिक बैंकों को और सभी व्यापारियों को अपने स्थान पर बोर्ड लगाकर साफ-साफ यह लिखना होगा कि ग्राहकों को किसी भी तरह के सुविधा शुल्क का भुगतान नहीं करना है। आरबीआई ने डेबिट कार्ड से पेट्रोल और ईंधन खरीदने के संबंध में फिलहाल कोई नियम नहीं बनाया है। हालांकि इस संबंध में आरबीआई तेल मंत्रालय व उद्योग जगत से परामर्श करने के बाद ही कुछ फैसला ले पाएगा। साथ ही आरबीआई की ये दरें क्रेडिट कार्ड के लिए लागू नहीं होतीं हैं।

- शैव्या शुक्ला

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