कर्नाटक का खूबसूरत और ऐतिहासिक शहर है चिकमगलूर

Chikmagalur is the beautiful and historic city of Karnataka
प्रीटी । Oct 7 2017 3:48PM

कर्नाटक का चिकमगलूर शहर मुल्लयनागिरी पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में स्थित है। यह शहर अपनी चाय और कॉफी के बागानों के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं चिकमगलूर के दर्शनीय स्थलों के बारे में।

कर्नाटक का चिकमगलूर शहर मुल्लयनागिरी पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में स्थित है। यह शहर अपनी चाय और कॉफी के बागानों के लिए जाना जाता है। इस जिले का एक बड़ा क्षेत्र है, 'मलनाड' यानी, भारी वर्षा होने वाला एक बड़ा सा पहाड़ी वन क्षेत्र। कहा जाता है कि सक्रेपटना के प्रसिद्ध प्रमुख रुक्मांगद की छोटी बेटी को यह शहर दहेज के रूप में दिया गया था। शहर का एक अन्य भाग हिरेमगलुर के नाम से जाना जाता है, जिसे बड़ी बेटी को दिया गया था। लेकिन कुछ पुराने शिलालेखों से पता चलता है कि इन दो स्थानों को किरिया-मुगुली और पिरिया-मुगुली के नाम से जाना जाता था।

यह शहर शिक्षा, व्यापार और वाणिज्य का भी केन्द्र है। शहर का वातावरण बहुत ही स्वास्थ्यकारक है। हिरेमगलूर जो अब चिक्कमगलुर शहर का हिस्सा है, उसमें एक ईश्वरा मंदिर है जहाँ पर 1.22 मीटर ऊंचे गोलकार जदेमुनी की बड़ी ही चतुराई से बनाई गई प्रतिमा है। मंदिर में एक यूपस्तम्भ भी है जिसे राजा जनमेजय द्वारा अपने सर्प यज्ञ के दौरान स्थापित किया गया था ऐसा माना जाता है। वहाँ एक परशुराम मंदिर और एक काली मंदिर भी है।

दर्शनीय स्थल

-रत्नागिरी बोरे जिसका महात्मा गांधी उद्यान के नाम से पुनःनामकरण किया गया था, प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर जगह है।

-एमजी रोड को खरीदारी के लिए बेहतर जाना जाता है।

-शहर में कई अच्छे शैक्षणिक संस्थान भी हैं और यह शहर कॉफी के लिए प्रसिद्ध है।

-यहां के धार्मिक महोत्सवों की भी अनूठी रंगत होती है जैसे श्रुन्गेरी के श्री जगद्गुरू शंकराचार्य दक्षिणाम्नाय महासंस्थानाम श्री शारदा पीठ या बलेहोंनुर के रंभापुरी मठ में मनाये जाने वाले श्री रेणुका जयन्ती या श्री वीरभद्र स्वामी महोत्सव। बिरुर के मैलारालिंगेस्वामी का दशहरा महोत्सव जहाँ पर इस क्षेत्र के रोमांचक और वीर रस पूर्ण लोक नृत्य डोल्लू कुनिता और वीरगासे, बाबा-बुदान गिरी का उर्स, कलसा के कलसेश्वर स्वामी का गिरिजा कल्याण महोत्सव या कोप्पा का वीरभद्र देवारा रथोत्सव भी देखा जा सकता है।

-सुग्गी हब्बा या फसल का त्यौहार ग्रामीण भागों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और कोलता, सालू कुनिथा, सुत्तु कुनिथा, राजा कुनिथा और आग पर चलना देखने का दुर्लभ अवसर भी प्रदान करता है।


कैसे पहुँचें

इस शहर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है मंगलोर का बाजपे हवाई अड्डा और निकटतम रेलवे स्टेशन है कडुर।

- प्रीटी

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