अगर बंगाल की संस्कृति देखनी है तो आइए बारासात...

If Bengal''s culture is to be seen then come Barasat
रेनू तिवारी । Feb 1 2018 10:45AM

आमतौर पर बंगाल का नाम सुनते ही आपके जहन में सबसे पहले क्या आता है? बंगाली रसगुल्ला, बंगाल टाइगर या फिर कोई बंगाली कलाकार। चलिए, हम आपको बंगाली संस्कृति की एक अलग पहचान बताते हैं।

आमतौर पर बंगाल का नाम सुनते ही आपके जहन में सबसे पहले क्या आता है? बंगाली रसगुल्ला, बंगाल टाइगर या फिर कोई बंगाली कलाकार। चलिए, हम आपको बंगाली संस्कृति की एक अलग पहचान बताते हैं। बारासात, अंतराष्ट्रीय हवाई अड्ड़े के निकट तथा देश की राजधानी कोलकाता के करीब स्थित, बंगाली संस्कृति का एक केंद्र है, जहां दुर्गा और काली पूजा के दौरान हलचल रहती है, यह सौहार्दपूर्ण हिन्दू मुस्लिम समुदाय के लिए एक आदर्श स्थान है, स्थानीय मूल्यों का उपदेश देते आश्रमों से भरा है, इस में कोई शक नहीं कि बारासात पर्यटन ने कोलकाता के स्थानीय लोगों का और दुनिया भर के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

बारासात एक ऐसी जगह है, जहां जाकर आपको बंगाल की एक नई परिभाषा देखने को मिलेगी। बारासात में न सिर्फ आपको घूमने-फिरने की खूबसूरत जगह मिलेगी, बल्कि यहां के जायके भी आपको बेहद खास लगेंगे।

बारासात की सैर और यहां की स्थानीय संस्कृति बारासात शहर तक पहुंचना बहुत आसान है और यहां के कई स्थानीय लोग इसे बड़े कोलकाता का एक हिस्सा मानते हैं। हैरत की बात है, कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशियों के आप्रवास के बावजूद बारासात के स्थानीय लोगों एक बेहतर सांस्कृतिक माहौल बनाने में कामयाब रहे हैं। यह हज़रत इकदिल शाह का समाधि स्थान है, वे एक मुस्लिम विद्वान थे, तथा यह स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। क्या बेहतर है? हिंदू और मुसलमान समान रुप से संत हज़रत इकदिल शाह की स्मृति में आयोजित होने वाले वार्षिक मेले में भाग लेने आते हैं।

बंगाली संस्कृति की झलक 

बारासात बंगाली संस्कृति का एक केंद्र है, जहां दुर्गा और काली पूजा के दौरान काफी रौनक रहती है, बारासात पर्यटन ने कोलकाता के स्थानीय लोगों का और दुनिया भर के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। दुर्गा पूजा के दौरान आपको यहां कई विदेशी देखने को मिलेंगे।

देखना न भूलें ये खास जगह 

हजरत इकदिल शाह की समाधि यहां हिन्दू-मुस्लिम के संगम को दर्शाती है। हजरत इकदिल की याद में यहां हर साल मेला भी लगता है. इसके अलावा यहां पुरानी इमारतें और मंदिर भी बंगाल के इतिहास को बयां करते हैं। यहां आकर आप ऐसी कई चीजें देखने को मिलेगी, जो आपको अपने शहर में नहीं मिल सकती। आप यहां कपास बुनाई के छोटे कुटीर उद्योग भी देख सकते हैं, जो बारासात नगरी का प्रमुख उत्पादक है।

कैसे पहुंचें: आप कोलकत्ता जाने वाली किसी ट्रेन या फ्लाइट से यहां आ सकते हैं। कोलकत्ता के बाद आप किसी टैक्सी या बस से यहां पहुंच सकते हैं।

कहां ठहरें: बारासात में कई गेस्ट हाउस हैं, लेकिन अगर आपको लक्जरी होटल चाहिए, तो आप कोलकाता में ठहर कर दिन के समय यहां घूमने आ सकते हैं।

क्या है खास: अगर आप बारासात आ रहे हैं, तो यहां घूमने-फिरने के साथ यहां के जायकों को न भूलें। आपको यहां स्ट्रीट फूड के बेहतरीन जायके चखने को मिलेंगे।

घूमने का बेस्ट टाइम: आप यहां नवम्बर से मार्च महीने में आ सकते हैं। मौसम खुशनुमा रहता है।

-रेनू तिवारी

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