लोकसभा चुनाव के चलते मध्य प्रदेश के 15 हजार स्कूलों को मिली बिजली की सौगात

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[email protected] । May 26 2019 1:48PM

उन्होंने बताया कि ये स्कूल राज्य के दूरदराज के उन इलाकों में स्थित हैं जिनमें किन्हीं कारणों से या तो बिजली कनेक्शन नहीं था या इनमें बिजली आपूर्ति की अस्थायी व्यवस्था की गयी थी।

नयी दिल्ली। मूलभूत सुविधाओं से महरूम मध्य प्रदेश के दूरदराज के हजारों स्कूलों के बच्चे अब तक बिना बिजली के पढ़ाई करने को मजबूर थे लेकिन चुनावों में मतदान केंद्र बनाये जाने की वजह से इनके दिन फिर गये हैं और यहां बिजली-पानी जैसी बुनियादी सहूलियतें उपलब्ध हुई हैं। निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में स्थित 15 हजार प्राथमिक पाठशालाओं में चुनाव के दौरान बिजली के स्थायी कनेक्शन दे दिए गए। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश में चुनावी तैयारियों के बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है। 

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चुनावी तैयारियों के नाम पर बिजली पाने वाले स्कूलों के बच्चे अब चुनाव के बाद इस सुविधा से लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि ये स्कूल राज्य के दूरदराज के उन इलाकों में स्थित हैं जिनमें किन्हीं कारणों से या तो बिजली कनेक्शन नहीं था या इनमें बिजली आपूर्ति की अस्थायी व्यवस्था की गयी थी। मतदान में इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एवं बिजली से चलने वाले अन्य तकनीकी उपकरणों के अनिवार्य प्रयोग की बाध्यता के कारण प्रत्येक मतदान केन्द्र में बिजली की उपलब्धता जरूरी है। रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में झाबुआ, रतलाम, बैतूल, और भिंड सहित अन्य पिछड़े क्षेत्रों के दूरदराज इलाकों में कुछ स्कूल ऐसे थे जिन्हें पहली बार मतदान केन्द्र बनाया गया। 

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मध्य प्रदेश निर्वाचन कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनमें बिजली का स्थायी कनेक्शन नहीं होने की बाधा को दूर करने के लिये राज्य के शिक्षा एवं ऊर्जा विभाग ने आयोग की पहल पर इन स्कूलों को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर बिजली के स्थायी कनेक्शन से लैस किया। इससे मतदान प्रक्रिया के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित होने के खतरे से निपटने में मदद मिली। चुनाव की तैयारियों के कारण मूलभूत सुविधाओं का लाभ बिहार के कुछ स्कूलों को भी मिला है। बिहार के सीईओ की रिपोर्ट के हवाले से आयोग के अधिकारी ने बताया कि राज्य में दर्जन भर से अधिक ऐसे प्राथमिक विद्यालयों को मतदान केन्द्र के रूप में चयनित किया गया जिनकी जर्जर इमारत थी। मतदान केन्द्र के रूप में इन्हें तैयार करने की प्रक्रिया के तहत स्कूलों के कमरों को रंगरोगन कर दुरुस्त किया गया।

इस दौरान राज्य के शिक्षा विभाग ने चुनाव तैयारियां मुकम्मल करने के दबाव में स्कूलों की टूटी फूटी छत और दीवारों को दुरुस्त किया। साथ ही जिन स्कूलों में बिजली के पंखे और बल्ब आदि जरूरी उपकरण नहीं थे उन स्कूलों में यह उपकरण उपलब्ध कराए गए। अधिकारी ने बताया कि चुनाव के बाद इन सहूलियतों का लाभ छात्रों को होगा। 

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