पूर्वाग्रह से ग्रसित हो सकते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले रोबोट
वैज्ञानिकों ने कहा है कि ‘‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’’ से युक्त मशीनें बहुत ही आसानी से एक-दूसरे से नस्ल और लैंगिक आधार पर भेदभाव सीख सकती हैं क्योंकि दूसरों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित होने के लिए ज्यादा बुद्धि की जरूरत नहीं होती है।
बोस्टन। वैज्ञानिकों ने कहा है कि ‘‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’’ से युक्त मशीनें बहुत ही आसानी से एक-दूसरे से नस्ल और लैंगिक आधार पर भेदभाव सीख सकती हैं क्योंकि दूसरों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित होने के लिए ज्यादा बुद्धि की जरूरत नहीं होती है। अमेरिका स्थित मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) और ब्रिटेन की कार्डिफ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि अनजान मशीनों का एक समूह पहचान, नकल और एक-दूसरे के व्यवहार से सीख कर पूर्वाग्रह जाहिर कर सकता है। भले ही ऐसा लगता हो कि पूर्वाग्रह मनुष्य में होने वाली दिक्कत है, लेकिन कम्प्यूटर में ऐसे ‘एल्गोरिदम’ हैं, जो पूर्वाग्रह दर्शा रहे हैं। यह प्रोग्राम सार्वजनिक रिकॉर्ड और अन्य डेटा के आधार पर नस्ली और लैंगिक आधार पर पूर्वाग्रह दर्शा रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त मशीनों में खुद-ब-खुद पूर्वाग्रह आ रहा है। इस अध्ययन का निष्कर्ष साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुआ है।
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