गनमैन की गलती का खामियाजा भुगत रही भाजपा, वरना बदल जाती MP की कुर्सी !

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मध्य प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक का असर अब महाराष्ट्र में भी दिखाई दे रहा है। एक तरफ कमलनाथ सरकार परेशान है लेकिन दिखा रही है कि हमारे विधायक ही हमारी ताकत हैं और हम उन पर अटूट विश्वास रखते हैं।

मध्य प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक का असर अब महाराष्ट्र में भी दिखाई दे रहा है। एक तरफ कमलनाथ सरकार परेशान है लेकिन दिखा रही है कि हमारे विधायक ही हमारी ताकत हैं और हम उन पर अटूट विश्वास रखते हैं। मध्य प्रदेश के विधायक प्रदेश से पलायन कर रहे थे कि कांग्रेस ने गुजरात में सरकार बनाने की इच्छा प्रकट कर दी और अब महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार को भी हार्ट ऑफ इंडिया की याद आ गई...

कैसे फेल हुआ ऑपरेशन कमल

महाराष्ट्र के बाद अब मध्य प्रदेश में ऑपरेशन कमल फेल हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बताया कि भाजपा कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए ऑपरेशन चला रही थी जो असफल हुआ। लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि भाजपा का ऑपरेशन असफल कैसे हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब विधायकों को मध्य प्रदेश से हरियाणा शिफ्ट किया जा रहा था उस वक्त एक विधायक के गनमैन ने फोन पर बात की थी और इस बात के चलते विधायकों के मनेसर स्थित रिजॉर्ट में शिफ्ट होने की बात लीक हो गई। 

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बात लीक होने के बाद तुरंत बाद कांग्रेस हरकत में आ गई। फिलहाल कांग्रेस दावा कर रही है कि उनके 6 विधायकों की घरवापसी हो चुकी है। बाकी के 4 विधायकों से अभी कांटेक्ट नहीं हो पाया है क्योंकि बचे हुए विधायकों को भाजपा ने बेंगलुरू शिफ्ट कर दिया है। वैसे बेंगलुरू उस प्रदेश की राजधानी है जहां की सरकार इस पंचवर्षी में दो बार बदल चुकी है और अंतत: तीसरी बार भाजपा सत्ता में काबिज होने में सफल हो पाई वो भी विधायकों द्वारा पाला बदले जाने के बाद...

इस विषय पर कभी और चर्चा करेंगे बाकी बीते दिनों आप लोगों को इस बात की जानकारी तो दे ही दी थी... कैसे कांग्रेस ने अपने विधायकों को निकाला था। हालांकि कांग्रेस के आलानेतृत्व ने भी आरोप लगाए हैं कि प्रजातंत्र का चीरहरण कर सत्ता की भूख मिटाना चाहती है भाजपा।

प्रदेश से बाहर क्यों निकले थे विधायक ?

जो जानकारी हमें प्राप्त हुई है उसके मुताबिक मध्य प्रदेश के 12 विधायक दिल्ली आने वाले थे लेकिन 11 विधायक ही मंगलवार की रात दिल्ली पहुंचे। जहां से उन्हें हरियाणा के ITC रिजॉर्ट में शिफ्ट किया गया। खबरें हैं कि ये तमाम विधायक भाजपा के आलानेतृत्व से मुलाकात करने वाले थे लेकिन कांग्रेस ने उनकी पूरी योजना पर पानी फेर दिया। आला-नेतृत्व से जुड़ने वाली बात संयोग मात्र भी हो सकती है क्योंकि मंगलवार की रात प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली के लिए रवाना हुए थे और खबरें हैं कि उन्होंने बुधवार की सुबह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी। हालांकि इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है।

वैसे एक दिलचस्प बात आपको बता देते हैं कि अगर गायब हुए 11 विधायक कांग्रेस का साथ छोड़ देते तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस नीत वाली सरकार गिर जाती वो भी राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले। मगर ऐसा हो न सका। और खबरें ये भी है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को विधायकों का जिम्मा सौंपा गया है। बचे हुए 4 विधायकों में 3 कांग्रेस और 1 निर्दलीय हैं जो बेंगलुरु के प्रेस्टीज पालम मेडोज में रुके हुए हैं।

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लेकिन एक मजेदार बात और भी है कि बेंगलुरू से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कमलनाथ से फोन पर बातचीत की है। बातचीत क्या हुई यह तो पता नहीं, मगर कांग्रेस काफी कॉन्फिडेंस में है कि बचे हुए विधायक जल्द ही वापस आ जाएंगे। इसी मसले पर गुरुवार को दिग्विजय सिंह का बयान सामने आया है। दिग्विजय सिंह ने लापता विधायकों के परिजनों से कहा कि आप लोग एफआईआर दर्ज कराएं।

भाजपा ने क्या कुछ कहा ?

भाजपा की सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमें क्या करना है यह तो अपने बोझ से ही गिर जाएगी। हमें भविष्य दिख रहा है। नरोत्तम मिश्रा ने सीधे तौर पर कांग्रेस के भीतर उपजे कलह को निशाने पर लिया और यह तमाम बाते कही। और कई बार देखा भी गया है कि कुछ मुद्दों पर कमलनाथ और सिंधिया आमने-सामने खड़े रहते हैं। इसी असमंजस की स्थिति को समाप्त करने के लिए कमलनाथ अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कई दिग्विजय और सिंधिया समर्थकों की मंत्रालय से छुट्टी भी हो सकती है।

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वैसे हमने शुरू में महाराष्ट्र और गुजरात की बात कही। गुजरात का किस्सा तो आपको पता ही है। कांग्रेस ने खुले तौर पर नितिन पटेल को ऑफर दिया कि आप 15 विधायकों को लेकर आ जाईए हम आपको मुख्यमंत्री बना देते हैं। सभी का ध्यान गुजरात की तरफ मुड़ने वाला था मगर मध्य प्रदेश की तरफ मुड़ गया और अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितिन पटेल भी सियासी बयानबाजी की रेस में कूद गए हैं। उन्होंने कहा कि 14-15 भाजपा के विधायक हमारे संपर्क में हैं। कभी भाजपा के संपर्क में विधायक आते हैं कभी कांग्रेस के... नेताजी ये अच्छी बात है कि आपके संपर्क में विधायक है लेकिन आप जनता के संपर्क में रहिए... क्योंकि जनता ने ही आपको चुन के भेजा है।

भईया ये तो राजनीति है आरोप-प्रत्यारोप तो होंगे ही। असल मुद्दा मध्य प्रदेश का है। जहां की 3 राज्यसभा सीटों के लिए संग्राम भी जारी है कि आखिर कौन इन सीटों से राज्यसभा पहुंचेगा। साथ ही भाजपा के भी कई नेताओं के बयान पहले आ चुके हैं कि आला नेतृत्व के एक इशारे पर हम सत्ता परिवर्तन कर देंगे। अब देखना यही दिलचस्प होगा कि मध्य प्रदेश से खाली हो रही 3 राज्यसभा सीटों से कौन से दिग्गज उच्च सदन पहुंचते हैं।

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