चीनी वैज्ञानिकों की जीत, प्रोस्टेट कैंसर के लिए जिम्मेदार ‘जीन’ की खोज की
चीनी के वैज्ञानिकों ने प्रोस्टेट कैंसर के लिए जिम्मेदार एक जीन की पहचान की है जिससे इस बीमारी का पता लगाने और उसका इलाज करने में नए तरीके का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
बीजिंग। चीनी के वैज्ञानिकों ने प्रोस्टेट कैंसर के लिए जिम्मेदार एक जीन की पहचान की है जिससे इस बीमारी का पता लगाने और उसका इलाज करने में नए तरीके का इस्तेमाल किया जा सकेगा। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि सुजहोउ इंस्टि्टयूट ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी के वैज्ञानिकों ने ‘ पीसीएसईएटी ’ नाम के एक नए बायोमार्कर की खोज की है। शोध में सामने आया कि प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों में पीसीएसईएटी अधिक मात्रा में है जिससे संकेत मिला कि पीसीएसईएटी संभावित चिकित्सीय लक्ष्य हो सकता है। यह शोध मई में , ‘ बायोकेमिकल एंड बायोफिजिकल रिसर्च कम्यूनिकेशंस ’ में प्रकाशित हुआ है। शोध के आधार पर वे प्रोस्टेट कैंसर का जल्दी पता लगा सकते हैं। इसके इलाज की लागत में कमी आ सकती है।
प्रोस्टेट क्या है?
प्रोस्टेट ग्रंथि केवल पुरूषो में पाई जाती है जो उनके प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है। यह मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होता है। पौरूष ग्रंथि मूत्रमार्ग के चारों और होता है, मूत्रमार्ग मूत्र को मूत्राशय से लिंग के रास्ते निष्कासित करता है। वीर्य पुटिका ग्रंथि जो वीर्य का तरल पदार्थ बनाती है पौरूष ग्रंथि के पीछे स्थित होती है। पौरूष ग्रंथि दो भागो में विभाजित होती है, दाँए और बाँए। उम्र के साथ पौरूष ग्रंथि के आकार में परिवर्तन होता रहता है। युवावस्था में पौरूष ग्रंथि के माप के में तीव्र वृद्धि होती है। एक व्यस्क पुरूष में पौरूष ग्रंथि का आकार 3 से.मी. मोटा और 4 से.मी. चौडा होता है (एक अखरोट के आकार के बराबर) और वजन 20 ग्राम तक होता है, लेकिन बुजुर्गों में यह और बड़ा हो सकता है।
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