ई. सिगरेट पर प्रतिबंध का हो रहा विचार, केंद्र ने हाई कोर्ट से कहा

Considering ban on e-cigarettes, Centre tells HC
[email protected] । Apr 23 2018 9:24AM

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि युवाओं में ई. सिगरेट के जरिए निकोटिन की लत उन्हें पारंपरिक तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि युवाओं में ई. सिगरेट के जरिए निकोटिन की लत उन्हें पारंपरिक तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर सकती है। सरकार ने यह भी कहा कि वह इस पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अदालत से यह भी कहा कि हालांकि इलेक्ट्रानिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) या ई-सिगरेट (ईसी) से निपटने के लिए कोई विशेष दिशानिर्देश नहीं है, लेकिन कई राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों ने उन्हें निषेधित करने के लिए कदम उठाए हैं।

मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि ई सिगरेट या ईएनडीएस की मुख्य सामग्री निकोटिन होती है। इसके काफी नुकसान हैं और यह हृदय एवं फेफड़े के रोगों का कारण बनता है। इसका शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह गर्भवती महिलओं में गर्भपात की भी वजह बनता है। इसने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के व्यापक हित में मंत्रालय निकोटिन या इसके इस्तेमाल में सहायक ईएनडीएस या ई सिगरेट के विनिर्माण, आयात या किसी तरह की बिक्री सहित नियमन के लिए उपयुक्त दिशानिर्देश एवं परामर्श जारी करने की प्रक्रिया में भी जुटा हुआ है।

यह हलफनामा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की एक पीठ के समक्ष दाखिल किया गया। अदालत सीमा सहगल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो एक गृहिणी हैं। 

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