लकड़ियों या कोयले से खाना पकाने से सांस की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है

cooking-with-wood-or-coal-is-linked-to-increased-risk-of-respiratory-illness-and-death
[email protected] । Sep 22 2018 4:47PM

एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत जैसे कम आय वाले देशों में खाना पकाने के लिए लकड़ियां या कोयला चलाने के चलन से श्वसन रोगों के कारण अस्पताल में भर्ती होने या जान चले जाने का जोखिम बढ़ सकता है।

लंदन। एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत जैसे कम आय वाले देशों में खाना पकाने के लिए लकड़ियां या कोयला चलाने के चलन से श्वसन रोगों के कारण अस्पताल में भर्ती होने या जान चले जाने का जोखिम बढ़ सकता है। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार दुनियाभर में करीब तीन अरब लोग ऐसे परिवारों में रहते हैं जहां खाना पकाने के लिए नियमित रूप से लकड़ियां, कोयला या अन्य ठोस ईंधन जलाये जाते हैं। ठोस ईंधन जलने पर भारी मात्रा में प्रदूषक खासकर ऐसे कण छोड़ते हैं जो हमारे फेफड़ों में अंदर तक चले जाते हैं।

आमतौर पर ऐसे परिवार कम और मध्यम आय वाले देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं। वैसे चीन में तेजी से शहरीकरण हो रहा है लेकिन उसकी एक तिहाई जनसंख्या अब भी ठोस ईंधनों पर निर्भर है। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि खाना पकाने के लिए बिजली या गैस का इस्तेमाल करने वालों की तुलना में लकड़ी या कोयला का इस्तेमाल करने वालों में पुरानी और गंभीर सांस संबंधी बीमारी से अस्पताल में भर्ती या मौत के मामले 36 फीसदी ज्यादा हैं।

अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित आलेख के अनुसार लोग ठोस ईंधन का जितने अधिक समय तक इस्तेमाल करते हैं, उनके सांस संबंधी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने या मौत होने का खतरा गैस या बिजली से खाना पकाने वालों की तुलना में उतना ही बढ़ जाता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़