कोरोना संकट: दिल्ली-NCR में बढ़ी इम्यूनिटी बूस्टर पौधों की मांग
संक्रमण का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में देखने को मिल रहा है। शुरुआती दिनों की तुलना में कोरोनावायरस का लोगों में डर कम हुआ है और जागरूकता बढ़ी है। इसी जागरूकता के तहत लोग कोरोना से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे है।
कोरोनावायरस संकट देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 5 लाख के पार जा चुकी है जबकि मरने वालों का आंकड़ा 16 हजार के पार है। पिछले 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लगाए गया था हालांकि आर्थिक गतिविधियों को एक बार पुनः चालू करने के लिए लॉकडाउन में कुछ छूट दी जाने लगी। देश फिलहाल अनलॉक वन की समाप्ति की ओर बढ़ रहा है लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। संक्रमण का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में देखने को मिल रहा है। शुरुआती दिनों की तुलना में कोरोनावायरस का लोगों में डर कम हुआ है और जागरूकता बढ़ी है। इसी जागरूकता के तहत लोग कोरोना से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे है।
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इन्हीं उपायों में से एक उपाय आजकल खूब प्रचलन में है और यह उपाय है इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पौधों को अपने घर के आस-पास लगाना। फिलहाल शहरों में यह ट्रेंड ज्यादा देखने को मिल रहा है। अगर बात दिल्ली-एनसीआर की करें तो यहां भी लोग इम्यूनिटी बूस्टर प्लांट्स लगाने को लेकर जागरूक दिख रहे है। दिल्ली एनसीआर के लोग अपनी छतों की बालकनी में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पौधे लगा रहे है। लोग इन पौधों में तुलसी, कड़ी पत्ता, लेमन ग्रास, अजवाइन के पौधे, अश्वगंधा और ओरिगेनो काफी मात्रा में लगा रहे है। इसके अलावा अगर किसी के पास थोड़ी बहुत जगह है तो वे इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय की बेल, हरड़, अर्जुन, बहेड़ा, आंवला, तुलसी व नीम जैसे पौधे लगा रहे हैं।
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आमतौर पर दिल्ली में नर्सरी का सीजन अक्टूबर-नवंबर होता है या फिर मार्च-अप्रैल में। परंतु कोरोनावायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद अनलॉक वन में नर्सरी में पौधों की मांग बढ़ गई। नर्सरी से खूब पौधे खरीदे जाने लगे है। इन पौधों में वैसे पौधे ज्यादा शामिल थे जो इम्यूनिटी बूस्ट करने का काम करते है। इन पौधों के लिए नर्सरी संचालन कर रहे लोगों को भी अच्छी खासी कमाई हो रही है। जून-जुलाई में जब नर्सरी के लिए ऑफ सीजन होता है तो ऐसे में कोरोना की वजह से इनकी व्यापार अच्छे हो रहे है। तुलसी के पौधे की शुरुआती कीमत लगभग ₹15 है तो करी पत्ते की कीमत 15 से ₹20 प्रति पौधे है। अश्वगंधा के पौधे की कीमत 40 से 70 के बीच की है तो ऑरेगेनो ₹100 के आसपास बिक रहा है। सबसे अच्छी बात है कि अगर कोई तुलसी का पौधा खरीद रहा है तो वह अन्य पौधों को भी जरूर खरीदता है। ऐसे में नर्सरी वालों की अच्छी कमाई हो जाती है।
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लेकिन अचानक इन पौधों की मांग क्यों बढ़ गई है, यह पौधे तो पहले भी बाजार में थे। कोरोना संक्रमण काल में कहा जा रहा है कि जिनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता है वह इस बीमारी से आसानी से लड़ सकते हैं। ऐसे में वह पौधे जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं उनकी मांग बढ़ गई है। तभी तुलसी, गिलोय अश्वगंधा पौधों की मांग बढ़ गई है। इन पौधों को आंगन में या बालकनी में लगाने से आसपास की हवा स्वस्थ रहती है। दूसरी ओर आप नियमित तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं। इन पौधों को लगाने से खूबसूरती भी बनी रहती है। खास तौर पर शहरों में यह देखा जाता है कि लोग अपने गमलों में या फिर बालकनी में फूलों के पौधे या मनी प्लांट जैसे पौधे लगाना पसंद करते हैं लेकिन कोरोना संक्रमण संकट के दौरान लोग ऐसे पौधे ज्यादा लगाना पसंद कर रहे है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।
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