कोरोना के बाद प्रेग्नेंसी में हो सकती है समस्या, स्पर्म काउंट भी होता है कम ! शोधकर्ताओं ने किए चौंका देने वाले खुलासे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना संक्रमित लोगों के ठीक होने के बाद कुछ पुरुषों के सीमेन सैंपल एकत्रित किए गए। जिनमें से 35 पुरुषों के स्पर्म की गतिशीलता 60 फीसदी तक कम हो गई। इतना ही नहीं स्पर्म काउंट भी कम हो गया। वहीं बेल्जियम में भी कुछ सैंपल एकत्रित किए गए थे।
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 'ओमीक्रोन' डेल्टा वेरिएंट की ही तरह खतरनाक है। इसी बीच लंदन के एक कॉलेज के शोधकर्ताओं की रिसर्च सामने आई है। जिसमें उन्होंने 11,329 संक्रमित लोगों के डाटा को दूसरे वेरिएंट के संक्रमित 2 लाख लोगों के डाटा से तुलना की। जिसको लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कि ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है जिसमें यह कहा जा सके कि ओमीक्रोन, डेल्टा की तुलना में कम खतरनाक है। इतना ही नहीं रिसर्च में शोधकर्ताओं को यह भी पता चला कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद कुछ लोगों के स्पर्म की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना संक्रमित लोगों के ठीक होने के बाद कुछ पुरुषों के सीमेन सैंपल एकत्रित किए गए। जिनमें से 35 पुरुषों के स्पर्म की गतिशीलता 60 फीसदी तक कम हो गई। इतना ही नहीं स्पर्म काउंट भी कम हो गया। वहीं बेल्जियम में भी कुछ सैंपल एकत्रित किए गए थे। जिसकी रिपोर्ट चौंका देने वाली थी। 120 पुरुषों पर किए गए सर्वे से पता चला कि 37 फीसदी लोगों की स्पर्म गतिशीलता कम हो गई है।
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इसके अलावा रिसर्च में यह भी बताया गया कि कोरोना संक्रमण के बाद स्पर्म की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। ऐसे में ठीक होने वाले लोग जो प्रेग्नेंसी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इसकी जानकारी देनी चाहिए। हालांकि इस समस्या से उबरने में उन्हें तकरीबन 3 हफ्ते का समय लगेगा। हालांकि इसकी अभी पुष्टी नहीं हुई है।
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