भाजपा के पूर्व विधायक ने सुनाया सियासत का किस्सा, कहा- अब राजनीति बहुत बदल गई है

bjp

लसीदास अटल जी का किस्सा सुनाते हुए बताते हैं, मैं 26 वर्ष का था 1962 के चुनाव के लिए अटल बिहारी बाजपेई बलरामपुर आए थे। तब बलरामपुर गोंडा का हिस्सा हुआ करता था।मुझे संघ के प्रचारक ने कहा कि अटल जी का चुनाव प्रचार करना होगा। अटल जी के चुनाव प्रचार के लिए विजय राजे सिंधिया भी आई हुई थी।

भारतीय सियासत में किस्सों और कहानियों की कोई कमी नहीं है। 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक की बहुत सारी छोटी बड़ी कहानियां मिल जाएंगी। सियासत का एक ऐसा ही किस्सा आज हम भी आपको बताने जा रहे हैं।

बीजेपी के बुजुर्ग नेता व पूर्व विधायक तुलसीदास रामचंदयानी किस्सा सुनाते हुए बताते हैं कि वह संघर्ष के दिनों से ही भाजपा के साथ ही रहे हैं। वह गोंडा के जिला अध्यक्ष और दो बार के विधायक रहे हैं। तुलसीदास कहते हैं कि वो 1957 में पश्चिमी पाकिस्तान से गोंडा आए थे। परिवार गरीबी का सामना कर रहा था मैंने फल बेच कर परिवार को आगे बढ़ाया। 

मैं गोंडा आने के बाद आर एस एस और जनसंघ के संपर्क में आया और बाद में भाजपा से जुड़ गया। मैं 11 सालों तक पार्टी का जिला अध्यक्ष रहा और 1991 में पार्टी ने मुझसे कहा चुनाव लड़ाने के साथ-साथ लड़ना भी होगा। उन दिनों चार पहिया गाड़ी तो होती नहीं थी मोटरसाइकिल पर चुनाव प्रचार हुआ, पार्टी ने 11 में से 10 सीटें जीती थी।

अटल जी का सुनाया किस्सा

तुलसीदास अटल जी का किस्सा सुनाते हुए बताते हैं, मैं 26 वर्ष का था 1962 के चुनाव के लिए अटल बिहारी बाजपेई बलरामपुर आए थे। तब बलरामपुर गोंडा का हिस्सा हुआ करता था। मुझे संघ के प्रचारक ने कहा कि अटल जी का चुनाव प्रचार करना होगा। अटल जी के चुनाव प्रचार के लिए विजय राजे सिंधिया भी आई हुईं थी। मुझे जिस पोलिंग बूथ जिम्मा सौंपा गया था वहां 42% मतदान हुआ लेकिन अटल जी चुनाव हार गए। उसके बाद अटल जी ने कहां की इस बार हार गए तो क्या हुआ अगली बार जीत के जाएंगे। 1967 में अटल बिहारी वाजपेई एक बार फिर गोंडा से लड़े और इस बार जीत गए।

तुलसीदास कल्याण सिंह का एक किस्सा सुनाते हुए कहते हैं, जब मैं जिला अध्यक्ष था उन दिनों कल्याण सिंह गोंड आए हुए थे। मेरे बारे में किसी ने शिकायत कर दी कि मुझे जिले के ब्लॉकों की संख्या के बारे में नहीं पता। कल्याण सिंह ने मंच से ही पूछ लिया, और मैंने 25 ब्लॉकों का नाम बता दिया उन्होंने शिकायत करने वालों को फटकार लगाई। और मैं जिला अध्यक्ष बना रहा। मैंने राजनीति के बड़े उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1991 में मेरे जिला अध्यक्ष रहते हुए भाजपा ने 11 में से 10 सीटें जीती थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़