एचआईवी मरीजों को दिल का दौरा पड़ने का है खतरा अधिक
इसमें बताया गया कि खान-पान, जीवनशैली संबंधी गड़बड़ियां और तम्बाकू के इस्तेमाल जैसे पारम्परिक कारक और एचआईवी संबंधी कारक जब मिलते हैं तो संक्रमित मरीजों में हृदय और रक्त वाहिनियों संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
वॉशिंगटन। एचआईवी पीड़ित लोगों को हृदय और रक्तवाहिनी संबंधी बीमारियों का खतरा उन लोगों की तुलना में अधिक होता है, जो इस वायरस से संक्रमित नहीं हैं। पत्रिका ‘सर्कुलेशन’ में प्रकाशित नए वैज्ञानिक बयान के अनुसार प्रभावशाली एंटीरेट्रोवायरल थेरैपी ने एचआईवी को जानलेवा बीमारी से एक ऐसी बीमारी में तब्दील कर दिया है जिसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
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इसमें बताया गया कि खान-पान, जीवनशैली संबंधी गड़बड़ियां और तम्बाकू के इस्तेमाल जैसे पारम्परिक कारक और एचआईवी संबंधी कारक जब मिलते हैं तो संक्रमित मरीजों में हृदय और रक्त वाहिनियों संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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तम्बाकू का इस्तेमाल हृदय संबंधी बीमारियों का बड़ा कारक है और एचआईवी संक्रमित लोग अक्सर तम्बाकू का इस्तेमाल करते है। इसके अलावा एचआईवी से संक्रमित लोगों में शराब का अधिक इस्तेमाल, नशा करना, घबराहट, कम शारीरिक गतिविधियों जैसी समस्याएं आमतौर पर होती हैं और इसी कारण उन्हें हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक है।
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