Lockdown के 69वें दिन मोदी ने फिर समझाया- 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी'

narendra Modi

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को दवा कंपनियों से कहा कि वे रूस और पूर्वी यूरोपीय देशों के अब तक अछूते बाजारों में निर्यात के अवसरों की तलाश करें। उन्होंने कंपनियों से कहा कि किसी तरह की रुकावट आती है, तो कंपनियां उन्हें इससे अवगत करायें।

लॉकडाउन में रियायतों के विस्तार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोगों को कोविड-19 के प्रति किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतने को लेकर आगाह किया और अतिरिक्त सतर्कता बरतने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट की मार गरीबों और श्रमिकों पर सबसे अधिक पड़ी है और उनके दु:ख को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य ‘‘देश को अतीत के अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर’’ प्रदान करता है। रेडियो पर प्रसारित होने वाले ‘मन की बात’ मासिक कार्यक्रम में मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के कारण सभी वर्गों के लोग प्रभावित हुए हैं लेकिन इसकी सबसे अधिक मार गरीबों पर पड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे गांव, कस्बे, जिले, राज्य आत्मनिर्भर होते, तो हमारे सामने मौजूद अनेक समस्याओं ने वह रूप नहीं धारण किया होता, जिस रूप में वे आज हमारे सामने खड़ी हैं।’’ उन्होंने कहा कि हर कोई गरीबों और श्रमिकों की मदद करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए शुरू की गई विशेष ट्रेनों की सुविधा का जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे खुलने के बीच सामाजिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने समेत ‘‘अतिरिक्त सावधानी’’ बरतने की अपील की। मोदी ने कहा, ‘‘ऐसे में हमें और सतर्क रहने की आवश्यकता है। दो गज की दूरी का नियम हो, मास्क पहनने की बात हो या घर में रहना हो, इन सभी बातों के पालन में जरा भी ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबके सामूहिक प्रयासों से देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। जब हम दुनिया की तरफ देखते हैं, तो पता चलता है कि वास्तव में भारतीयों की उपलब्धि कितनी बड़ी हैं।’’ प्रधानमंत्री का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक नये मामले आये हैं। 8,380 नये मामलों के साथ देश में रोगियों की कुल संख्या 1,82,143 हो गयी, वहीं मृतक संख्या 5,164 पहुंच गयी। मोदी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का रास्ता लंबा है। यह एक ऐसी आपदा है, जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज ही नहीं है। इसका पहले का कोई अनुभव ही नहीं है। ऐसे में, हम नयी-नयी चुनौतियों और परेशानियों का सामना कर रहे हैं।’’ उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए लागू लॉकडाउन के चौथे चरण के आखिरी दिन अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित सभी देश इसी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं और भारत भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा, ''हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो परेशानी न झेल रहा हो, लेकिन इस संकट की सबसे बड़ी चोट हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। हममें से कौन ऐसा होगा, जो उनकी और उनके परिवार की तकलीफों को अनुभव न कर रहा हो। हम सब मिलकर इस तकलीफ को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे रेलकर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं। केंद्र हो, राज्य हो या स्थानीय प्रशासन की संस्थाएं हों- हर कोई, दिन-रात मेहनत कर रहा है। रेलवे के कर्मचारी जिस प्रकार आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना योद्धा ही हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज हमारे श्रमिकों की पीड़ा में हम देश के पूर्वी हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं। जिस पूर्वी हिस्से में देश के विकास का इंजन बनने की क्षमता है, जिसके श्रमिकों के बाहुबल में देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का सामर्थ्य है, उस पूर्वी हिस्से का विकास बहुत आवश्यक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश ने जब मुझे सेवा का अवसर दिया, हमने तभी से पूर्वी भारत के विकास को प्राथमिकता दी है। मुझे संतोष है कि बीते वर्षों में इस दिशा में बहुत कुछ हुआ है और अब प्रवासी मजदूरों को देखते हुए कई नए कदम उठाना भी आवश्यक हो गया है। हम लगातार उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि श्रमिकों की दक्षता पर काम हो रहा है और प्रवास आयोग बनाने की बात हो रही है। उन्होंने प्रोत्साहन पैकेज का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के हालिया फैसलों से गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योगों से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं। मोदी ने कहा, ‘‘ये फैसले मौजूदा स्थिति के समाधान के लिए किए गए हैं। ये निर्णय आत्मनिर्भर भारत के लिए हैं। अगर हमारे गांव, कस्बे, जिले और राज्य आत्मनिर्भर होते, तो अनेक समस्याओं ने वह रूप नहीं धारण किया होता, जिस रूप में वे आज हमारे सामने खड़ी हैं, लेकिन अंधेरे से रौशनी की ओर बढ़ना मानव स्वभाव है।’’ मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अपनी अपील के बारे में कहा कि लोगों ने अब इसे अपना अभियान बनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोग ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ को प्रोत्साहित करते हुए केवल स्थानीय उत्पाद ही खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग गरीबों की मदद कर रहे हैं और स्वास्थ्य संकट की घड़ी में नवोन्मेष कर कर रहे हैं। स्वयंसेवक समूह मास्क बना रहे हैं, शिक्षा ऑनलाइन दी जा रही है और प्रयोगशालाएं कोरोना वायरस से निपटने के लिए टीका बनाने में व्यस्त है। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने पिछली बार आपसे ‘मन की बात’ की थी, तब यात्री ट्रेनें बंद थीं, बसें बंद थीं, हवाई सेवा बंद थी। इस बार, बहुत कुछ खुल चुका है। श्रमिक विशेष ट्रेनें चल रही हैं और अन्य विशेष ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं। विमान तमाम सावधानियों के साथ उड़ने लगे हैं। धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हो गए हैं। यानी, अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब खुल गया है।’’ मोदी ने कहा, ''हमारी जनसंख्या अधिकतर देशों से कई गुना ज्यादा है। हमारे देश में चुनौतियां भी भिन्न प्रकार की हैं, लेकिन फिर भी हमारे देश में कोरोना वायरस उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला। कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो नुकसान हुआ है, उसका दुःख हम सबको है, लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाएं हैं, वह निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है। इतने बड़े देश में, हर एक देशवासी ने खुद इस लड़ाई को लड़ने की ठानी है।''

एक जून से 200 विशेष ट्रेनों का परिचालन

रेलवे ने रविवार को कहा कि एक जून से 200 विशेष ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जायेगा और पहले दिन 1.45 लाख से अधिक यात्री यात्रा करेंगे। रेलवे ने कहा कि लगभग 26 लाख यात्रियों ने एक जून से 30 जून तक विशेष ट्रेनों से यात्रा के लिए टिकट की बुकिंग कराई है। ये सेवाएं 12 मई से संचालित हो रही श्रमिक विशेष ट्रेनों और 30 वातानुकूलित ट्रेनों के अलावा हैं। रेलवे ने कहा कि यात्रियों को प्रस्थान से कम से कम 90 मिनट पहले स्टेशन पर पहुंचना होगा और जिन लोगों के पास कंफर्म या आरएसी टिकट होंगे, उन्हें ही स्टेशन के भीतर जाने और ट्रेनों में सवार होने की अनुमति दी जायेगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के दिशा-निर्देशों के अनुसार यात्रियों को अनिवार्य रूप से जांच करानी होगी, केवल बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही ट्रेनों में प्रवेश करने या सवार होने की अनुमति दी जायेगी।

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नया पेंट कर रहा रेलवे

रेलवे कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की देखभाल के लिये रखे गये पृथक डिब्बों के भीतर गर्मी कम करने के लिये इन डिब्बों में नये पेंट का परीक्षण कर रहा है। माना जा रहा है कि इस पेंट से डिब्बों का तापमान पांच से छह डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। यह परीक्षण ऐसे समय किया जा रहा है, जब नीति आयोग गर्मियों में इन डिब्बों का भीतरी तापमान अधिक हो जाने को लेकर चिंता व्यक्त कर चुका है। रेलवे ने स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के मुताबिक, देश भर के 215 रेलवे स्टेशनों पर कोविड-19 के मरीजों की देखभाल के लिये 5,200 डिब्बों को तैयार किया है। इनमें से 100 डिब्बों पर नये रंग-रोगन का परीक्षण किया जा रहा है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शोध डिजायन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा बताये गये मानकों पर अमल करते हुए उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे के 100 डिब्बों की छतों पर पेंट लगाने का आदेश दिया गया है। अधिकारी ने कहा, "परीक्षण के इस साल जून तक समाप्त होने की उम्मीद है और एक बार जब हम तापमान को कम से कम 5-6 डिग्री सेल्सियस तक कम करने में सक्षम होते हैं, तब हम इसे बड़े पैमाने पर बढ़ाएंगे। बात यह है कि अगर हम तापमान में काफी कमी नहीं ला सकते हैं, तो इसमें पैसे और संसाधनों का निवेश करने का कोई मतलब नहीं है।’’ एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि पेंटिंग की लागत प्रति कोच एक लाख रुपये है। इसमें पेंट और श्रम की लागत भी शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि अगर परीक्षण सफल रहा, तो इसका इस्तेमाल पांच हजार गैर-वातानुकूलित डिब्बों में किया जा सकता है।

दिल्ली में कोरोना वायरस के 1,295 नए मरीज

दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस के एक दिन में सबसे ज्यादा 1,295 नए मामले सामने आए। इसके बाद जानलेवा विषाणु का शिकार लोगों की संख्या बढ़कर 19,844 हो गई। वहीं, मृतकों की संख्या भी 473 पहुंच गई। इससे पहले 30 मई को एक दिन में सबसे अधिक 1,163 मामले रिकॉर्ड किए गए थे। दिल्ली में यह पहली बार है, जब कोविड-19 के 1200 या इससे ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में बताया कि कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 473 हो गई है और कुल मामले बढ़कर 19,844 हो गए। दिल्ली में शनिवार को कोविड-19 के मामले 18,549 थे और मृतकों की संख्या 416 थी।

महाराष्ट्र सरकार ने 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को पूरे राज्य में 30 जून तक के लिए बढ़ाने, पाबंदियों में कुछ ढील देने और ‘मिशन बिगिन अगेन’ के तहत गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की रविवार को घोषणा की। रविवार को जारी अद्यतन दिशा-निर्देश के अनुसार मॉल को छोड़ कर सभी बाजार, बाजार क्षेत्रों और दुकानों को पांच जून से सम-विषम आधार पर खोलने की अनुमति होगी। सभी निजी कार्यालय आठ जून से अपनी जरूरत के हिसाब से 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम शुरू कर सकते हैं, शेष कर्मचारी घर से ही काम करेंगे। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ये रियायतें निरुद्ध क्षेत्रों में नहीं होंगी। ‘मिशन बिगिन अगेन’ के तहत सुबह की सैर, साइकिल चलाने जैसी बाहरी गतिविधियों की अनुमति होगी। नल ठीक करने, बिजली ठीक करने और कीट नियंत्रण जैसे काम करने वाले लोगों को काम करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उन्हें सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। गैरेज भी काम शुरू कर सकते हैं और ग्राहक पहले से समय ले कर वहां जा सकते हैं। इसमें कहा गया है मुंबई, सोलापुर, पुणे, औरंगाबाद, मालेगांव, नासिक, धुले, जलगांव, अकोला, अमरावती, नागपुर और मुंबई महानगर क्षेत्र के रेज जोन में इन गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इस तरह की गतिविधियां निरुद्ध क्षेत्रों में शुरू नहीं होंगी। गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि देश में आठ जून से ‘अनलॉक-1’ शुरू किया जाएगा, जिसके तहत 25 मार्च को देश भर में लागू किए गए लॉकडाउन में काफी हद तक ढील दी जाएगी। इसमें शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल खोलना भी शामिल है। वहीं, देश भर में 30 जून तक पाबंदियां लागू रहेंगी।

पूरी क्षमता के साथ कामकाज की अनुमति

राजस्थान सरकार ने रविवार को लॉकडाउन 5.0 के लिये जारी दिशा निर्देश के तहत एक जून से सभी सरकारी और निजी कार्यालयों को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दी है जबकि सभी धार्मिक स्थानों, होटलों और मॉलों पर प्रतिबंध जारी रखने के निर्देश दिये है। पंजीकृत निजी और वाणिज्यिक वाहनों में यात्रियों को बैठने की क्षमता तक ही अनुमति दी गई है। एक जून से 30 जून तक लॉकडाउन 5.0 के लिए जारी दिशा-निर्देश में राजस्थान सरकार ने बसों को अन्य राज्यों और निषिद्ध क्षेत्र / कर्फ्यू वाले क्षेत्र को छोडकर बाकी मान्य मार्गों पर चलने की अनुमति दी, लेकिन सिटी बसों का अगामी आदेश तक संचालन नहीं होगा। दिशानिर्देशानुसार व्यक्तियों और वस्तुओं के अंतराज्जीय एवं राज्य के अंदर आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। ऐसे आवागमन के लिये पृथक से स्वीकृति/अनुज्ञा/पास की आवश्यकता नहीं होगी। लॉकडाउन 4.0 के दौरान रेड ज़ोन में महत्वपूर्ण और आवश्यक काम करने वाले सरकारी विभागों के अधिकारियों को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दी गई थी और अन्य सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले 50 प्रतिशत कर्मचारियों और शेष कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी गई थी। एक जून से सभी सरकारी कार्यालय पूर्ण क्षमता के साथ खुले रहेंगे और निजी कार्यलय भी अपनी पूरी क्षमता के साथ संचालित हो सकेंगे। निजी कार्यालयों में ,जहां तक संभव हो, घर से काम करने को प्रोत्साहित किया जाये। होटल, रेस्टोरेन्टस, क्लब हाउस (स्पोर्टस सुविधाओं के अतिरिक्त) तथा अन्य आतिथ्य सेवाएं और खाने की जगहें (होम डिलिवरी और टेक अवे को छोडकर जो पहले से अनुमत है) और सभी धार्मिक स्थल और पूजा के स्थल जनता के लिये बंद रहेंगे। राज्यभर में रात्रि नौ बजे से सुबह पांच बजे तक सभी गैर आवश्यक गतिविधियों के लिये व्यक्तियों के आवागमन पर सख्त निषेध रहेगा। निषिद्ध क्षेत्र/कर्फ्यू क्षेत्र में भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा और केवल आवश्यकत गतिविधियों को ही अनुमति प्रदान की जायेगी। चिकित्सा आपात स्थिति और आवश्यक वस्तुओं तथा सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के अलावा इन क्षेत्रों के अंदर या उसके बाहर आवागमन पर रोक सुनिश्चित करने के लिये सख्त परिधि नियंत्रण लागू होगा। धारा 144 सीआरपीसी के तहत जिला प्राधिकारी द्वारा आदेश जारी किये जायेंगे। लॉकडाउन 5.0 तहत सभी दुकानों को सुरक्षा सावधानियों के साथ खोलने की अनुमति दी गई है। नाई की दुकानें, सैलून एवं ब्यूटी पार्लर प्रत्येक ग्राहक की सेवा के बाद पूर्ण सुरक्षा सावधानियों, कीटाणुशोधन एवं सफाई के साथ खोली जा सकती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने बताया कि क्रमिक रियायतों के साथ एक लंबी अवधि के लॉकडाउन से कोविड-19 के सामुदायिक प्रसार को रोकने और हजारों लोगों का जीवन बचाने में सफलता मिली है हालांकि वायरस से खतरा अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि यह दिशा निर्देश कार्यस्थलों, सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक परिवहन में पर्याप्त ऐहतियाति और सुरक्षा उपयों के माध्यम से सामान्य स्थिति की सावधानी पूर्वक बहाली के सिद्धांतों पर आधारित है। मेट्रो रेल सेवाएं, सभी विद्यालय/महाविद्यालय/शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक/ कांचिग संस्थान आदि भी आगामी आदेश तक बंद रहेंगे।

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स्थानीय किराना दुकानों से ही खरीदारी करना पसंद

देश में ज्यादातर उपभोक्ता आगे स्थानीय किराना दुकानों से ही खरीदारी करना पसंद करेंगे। एक सर्वे में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ताओं का किराना दुकानों के प्रति भरोसा बढ़ा है। ‘डेलायट ग्लोबल स्टेट ऑफ दि कंज्यमूर ट्रैकर’ सर्वे में यह तथ्य भी उभरकर सामने आया है कि देश के उपभोक्ता घरों में किराना सामान का भंडार नहीं कर रहे हैं। सर्वे में कहा गया है कि पिछले छह सप्ताह के दौरान उपभोक्ता खर्च के तरीके में बदलाव आया है। सर्वे में 1,000 लोगों की राय ली गई है। सर्वे में शामिल 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे किराना या परचून के सामान पर अधिक खर्च करना चाहेंगे। वहीं 52 प्रतिशत ने रोजाना इस्तेमाल के घर के सामान पर अधिक खर्च करने की बात कही। इसके अलावा 72 प्रतिशत का कहना था कि वे स्थानीय किराना दुकान से सामान खरीदना चाहेंगे। यह दर्शाता है कि लॉकडाउन के दौरान किराना दुकानों के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। 64 प्रतिशत उपभोक्ताओं का कहना था कि वे उन ब्रांडों की खरीद करेंगे, जो संकट के समय आसानी से उपलब्ध हुए। आवागमन के बारे में ज्यादातर उपभोक्ताओं ने कहा कि वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कम करेंगे। 70 प्रतिशत ने एप आधारित वाहन सेवा का इस्तेमाल करने से बचेंगे। सर्वे में 79 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे नया वाहन खरीदना चाहेंगे। इस सर्वे में डेलॉयट इंडिया के भागीदार एवं उपभोक्ता उद्योग लीडर अनिल तलरेजा ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण समय में उपभोक्ताओं के व्यवहार और रुख में बदलाव को दर्शाता है।

तैयार किये एक लाख बेड

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर एक लाख बेड तैयार करने का लक्ष्य रविवार को हासिल कर लिया। ऐसा करने वाला वह सम्भवत: पहला राज्य है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक लाख बेड तैयार करने का लक्ष्य दिया था जिसे हमने आज प्राप्त कर लिया है, अगर लोग बहुत बड़ी संख्या में संक्रमित होते हैं, जिसकी सम्भावना नगण्य है तो भी हमने एक लाख 1236 बेड की व्यवस्था एल1, एल2, एल3 अस्पतालों में कर ली है। उन्होंने गुणवत्ता पर जोर देने की चर्चा करते हुए कहा कि बेड के लिये मेडिकल टीम, दवाएं, इंफ्रारेड थर्मामीटर इत्यादि की बेहतरीन व्यवस्था हो, इस पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 262 नये मामले सामने आये हैं और राज्य में इस वक्त कुल 2901 मरीज उपचार से गुजर रहे हैं, उधर, 4709 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और अब तक 213 लोगों की मौत हुई है। इस वक्त पृथक वार्ड में 2938 लोगों को रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शनिवार को राज्य में 9976 सैम्पल जांचे गये। अब हमारा लक्ष्य 15 जून तक इसे बढ़ाकर 15 हजार तक ले जाने का है। अब तक 77 लाख 68 हजार 346 घरों का सर्वेक्षण किया गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि अब तक 11 लाख 28 हजार 804 प्रवासी कामगारों की ट्रैकिंग की गयी, इनमें से 1027 लोगों में कोरोना का कोई न कोई लक्षण पाया गया है। इनकी टेस्टिंग और इलाज का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में एक मई से 10 मई तक जो प्रवासी कामगार यहां आये थे, उनकी पृथक-वास अवधि आज पूरी हो चुकी है।

डीजाईजी कोरोना वायरस से संक्रमित

गृह मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक डीआईजी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) की जांच रिपोर्ट शनिवार को मिली जिसमें उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि डीआईजी नार्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के कार्य की निगरानी करने के लिए मंत्रालय से संबद्ध हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि डीआईजी के साथ काम करने वाले दो अन्य व्यक्तियों को पृथक-वास में भेजा गया है और सभी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकारी को इलाज के लिए पृथक-वार्ड में भर्ती किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले मंत्रालय से संबद्ध सीआरपीएफ के दो जवान भी कोरोना पॉजिटिव मिले थे। हालांकि, अब वे ठीक हो चुके हैं।

पश्चिम बंगाल में एक दिन में 371 मामले

पश्चिम बंगाल में रविवार को कोविड-19 के 371 मामले सामने आए। एक दिन में सामने आने वाले मामलों में यह सर्वाधिक है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 5,501 है और 3,027 मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से आठ लोगों की मौत हो गई है जिनमें से सात कोलकाता से थे और एक मरीज उत्तर 24 परगना जिले का था। राज्य में अब तक कोविड-19 से 245 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी दौरान विभिन्न अस्पतालों से 187 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से ग्रसित हुए अब तक 2,157 लोग ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक बुलेटिन में बताया गया कि नये 371 मामलों में से 72 महानगर के, 60 उत्तर 24 परगना जिले के और 47 हावड़ा के हैं।

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सतपाल महाराज कोरोना संक्रमित

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज तथा उनके परिवार और कर्मियों समेत 22 व्यक्तियों की रविवार को आयी जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने से हड़कंप मच गया है और अब पूरे त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल को पृथक-वास में रखने पर विचार हो रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि महाराज शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे जिसके बाद एहतियातन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत पूरे मंत्रिमंडल को पृथक वास में रखने पर विचार हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि जरूरत समझे जाने पर पूरे मंत्रिमंडल की कोरोना वायरस जांच की जा सकती है। महाराज की पत्नी अमृता रावत की जांच रिपोर्ट में उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद महाराज तथा उनके परिवार के अन्य सदस्यों की कोरोना जांच की गयी। दूसरी तरफ, देहरादून में डालनवाला क्षेत्र स्थित उनके मकान और गली को पूरी तरह सील कर दिया गया है तथा उसका संक्रमण रोधन किया जा रहा है।

ओडिशा में खड़े पीपीई से लदे ट्रक

कोरोना वायरस महामारी के बीच व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) के आपूर्तिकर्ताओं ने दावा किया है कि उनके द्वारा भेजे गए पीपीई से लदे ट्रक यहां एक गोदाम के पास फंस गए हैं क्योंकि ओडिशा सरकार ने माल लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहां स्थित ओडिशा राज्य चिकित्सा निगम लिमिटेड (ओएसएमसीएल) के गोदाम के बाहर देश के विभिन्न हिस्सों से आए पीपीई किट से लदे ट्रक पिछले कई दिनों से इंतजार कर रहे हैं। आपूर्तिकर्ताओं का कहना है कि उन्हें निगम की ओर से ऑर्डर दिया गया था। पीपीई बनाने वाली एक कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, “कोविड-19 से मुकाबले के लिए पीपीई किट की भारी मांग है लेकिन ओएसएमसीएल ने माल लेने से इनकार कर दिया है, इसलिए ट्रक ओडिशा पहुंचने के बाद गोदाम के बाहर खड़े हैं।” उन्होंने कहा, “सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमियों ने राष्ट्र की पुकार पर पीपीई किट बनाईं और उन्हें ओएसएमसीएल से ऑर्डर मिला था। हालांकि लगता है कि अब निगम ने अपना निर्णय बदल लिया है।” इस बीच, ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नाबा किशोर दास ने कहा कि एक बैठक में तय किया गया था 26 मई के बाद पीपीई किट की आपूर्ति स्वीकार नहीं की जाएगी क्योंकि राज्य में पर्याप्त मात्रा में किट हैं और इस संबंध में आपूर्तिकर्ताओं को सूचना दे दी गई थी।

गुजरात सरकार की सफाई

गुजरात सरकार ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 351 मौत के मामलों के विश्लेषण के आधार पर उच्च न्यायालय में कहा कि मरने वाले कोविड-19 के रोगियों में से 83 प्रतिशत अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। अहमदाबाद के अस्पतालों में अब तक कोविड-19 से 789 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अकेले सिविल अस्पताल में 415 मौत के मामले आए हैं। राज्य सरकार ने गुजरात उच्च न्यायालय को हाल ही में दिये एक जवाब में कहा कि यहां बीजे मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा सिविल अस्पताल में कोविड-19 से मौत के मामलों के किये गये विश्लेषण के अनुसार 351 रोगियों में से 83.24 प्रतिशत को अन्य गंभीर बीमारियां थीं। सरकार ने कहा कि ये रोगी मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, थायरॉइड, किडनी संबंधी गंभीर रोग, फेफड़े के रोग, टीबी, यकृत के रोग, मानसिक रोग, कैंसर, पार्किंसन आदि गंभीर रोगों से ग्रस्त थे। उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘यह बात बहुत निराशाजनक है कि सिविल अस्पताल में चार दिन तक या इससे अधिक उपचार के बाद रोगियों की मौत हो रही है, जो गहन देखभाल में पूरी तरह कमी को दर्शाता है।’’ सरकार ने जानेमाने संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल पटेल की एक रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिन्होंने कहा है कि गंभीर रोगियों में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) एक बड़ी समस्या है, जो उनकी सांस लेने में कठिनाई शुरू होते ही सामने आती है। गुजरात उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी से संबंधित स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर अपने आदेश में सरकार को निर्देश दिया था कि विभिन्न श्रेणियों के रोगियों के लिए निर्दिष्ट सभी जरूरी चिकित्सा प्रोटोकॉलों का कड़ाई से पालन किया जाए ताकि किसी तरह की लापरवाही से किसी की जान नहीं जाए। अदालत ने सरकार के इस जवाब पर संतोष जताया कि सिविल अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए 47 नये वेंटिलेटर लाये गये हैं और चिकित्सा अधिकारियों की संख्या बढ़ा दी गयी है।

सीआईसी ने अधिकारी की खिंचाई की

केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों के संबंध में आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी देने से इनकार कर ‘‘लापरवाहपूर्ण’’ रवैया अपनाने के लिए एक अधिकारी की खिंचाई की है और श्रम मंत्रालय को अपनी वेबसाइट पर इस संबंध में अधिक से अधिक डाटा अपलोड करने के लिए कहा है। सूचना आयुक्त वनजा एन सरना ने मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी) के कार्यालय के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) को फटकार लगाई जिन्होंने आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक से कहा था कि फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों का कोई आंकड़ा नहीं है। सीपीआईओ ने सीएलसी के आठ अप्रैल के एक परिपत्र का हवाला दिये जाने के बावजूद यह जवाब दिया। सीएलसी ने अपने क्षेत्रीय कार्यालय को कोरोना वायरस से निपटने के लिए 25 मार्च को लगाये गये देशव्यापी लॉकडाउन के बाद फंसे हुए प्रत्येक श्रमिकों की तीन दिन के भीतर गिनती करने को कहा था। सीएलसी परिपत्र के लगभग एक पखवाड़े बाद, नायक ने एक आरटीआई आवेदन दायर किया था, जिसमें उन जिलों के राज्यवार नाम जानने की मांग की गई थी, जहां से फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों के बारे में आंकड़े प्राप्त हुए थे। लेकिन उन्हें बताया गया कि अधिकारी के पास कोई आंकड़ा नहीं है। इसके बाद नायक ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत आयोग के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई। सरना ने कहा कि आरटीआई आवदेन में एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने कहा कि आयोग इस तथ्य से आश्वस्त नहीं है कि जब मुख्य श्रम आयुक्त द्वारा प्रवासी मजदूरों पर डाटा एकत्र करने के लिए एक पत्र जारी किया जाता है, तो यह कैसे संभव है कि कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने अपने आदेश में कहा, ‘‘इसमें संशय नहीं है सीपीआईओ ने आरटीआई आवेदन को बहुत ही हल्के और लापरवाह तरीके से लिया है। शिकायतकर्ता ने अपने आरटीआई आवदेन के जरिये फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है।’’ सरना ने कहा कि अधिकारी आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों से पूरी तरह अनजान दिखाई देते हैं।

सह यात्रियों ने शव के साथ बंगाल तक यात्रा की

राजस्थान से पश्चिम बंगाल जा रही एक श्रमिक विशेष ट्रेन में सवार 50 वर्षीय एक प्रवासी कामगार की बीच रास्ते में ही मौत हो गई, जिससे अन्य यात्रियों में दहशत फैल गई। हालांकि, उन्होंने शव के साथ आठ घंटे से अधिक समय तक यात्रा की। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। मालदा जिले में हरिश्चंद्रपुर का रहने वाला बुद्ध परिहार राजस्थान के बीकानेर में एक होटल में काम करता था। उसका करीबी रिश्तेदार सरजू दास भी उसी होटल में काम करता था। परिहार के परिवार में उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं। वह करीब 20 साल से राजस्थान में काम करता था। पुलिस ने बताया कि परिहार और दास का लॉकडाउन के चलते रोजगार छिन गया और इस घटना से पहले मालदा लौटने की उनकी कई कोशिशें नाकाम रही थीं। आखिरकार वे 29 मई (शुक्रवार) को सुबह करीब 11 बजे एक ट्रेन में सवार हुए। उन्होंने बताया कि परिहार की ट्रेन में शनिवार रात 10 बजे उत्तर प्रदेश में मुगलसराय के पास मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि उसकी मौत हो जाने पर कंपार्टमेंट में दहशत फैल गई क्योंकि लोगों को संदेह हो रहा था कि उसकी मौत कोविड-19 के चलते हुई है और सह यात्री भी संक्रमित हो सकते हैं। ट्रेन जब रविवार सुबह करीब छह बज कर 40 मिनट पर मालदा टाउन स्टेशन पहुंची, तब शव को गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सौंप दिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में यह विषय इंग्लिशबाजार पुलिस थाने को सौंप दिया गया, जिसने घटना की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिये मालदा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। दास ने कहा, ‘‘हम एक होटल में काम किया करते थे लेकिन लॉकडाउन शुरू होते ही हमारी नौकरी चली गई। हमारे पास पैसे नहीं बचे थे और कई बार हमने घर लौटने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। आखिरकार, हम 29 मई को एक ट्रेन में सवार हो गये। लेकिन उसकी (परिहार की) रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई।’’ मालदा जिलाधिकारी राजश्री मित्रा ने बाद में कहा कि परिवार को टीबी की बीमारी थी। उन्होंने कहा कि दास की कोविड-19 की जांच कराई जाएगी।

नासिक का किसान प्रसन्न

महाराष्ट्र के नासिक जिले में रहने वाले 62 वर्षीय किसान राजेंद्र जाधव उस समय स्तब्ध रह गए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ में उनके नाम का उल्लेख किया और उनके नवोन्मेष की प्रशंसा की। जाधव नासिक के सताणा कस्बे में रहते हैं और उन्होंने कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए मशीन बनाई है जिसका नाम उन्होंने ‘यशवंत’ रखा है। मौजूदा समय में उनकी मशीन का इस्तेमाल स्थानीय नगर निकाय इलाके में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और संक्रमण मुक्त करने के लिए दवा छिड़काव करने में कर रहा है। रविवार को प्रसारित रेडियो कार्यक्रम में मोदी ने जाधव द्वारा विकसित छिड़काव मशीन का उल्लेख किया। जाधव ने केवल दसवीं तक पढ़ाई की है और कृषि उपकरणों को बनाने के लिए कार्यशाला चलाते हैं, जिसमें उनके परिवार के सदस्य मदद करते हैं। रेडियो कार्यक्रम में बाद जाधव ने कहा कि उन्होंने कीटनाशकों के छिड़काव के लिए इस मशीन को बनाया था। उन्होंने कहा, ''कोरोना वायरस के फैलने की वजह से हर जगह भय का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। मैंने इस मशीन में कुछ बदलाव किया और महामारी के दौरान दवा का छिड़काव करने के लिए इसे सताणा नगर परिषद को दे दिया।’’ जाधव ने बताया कि इस मशीन से सड़क, हाउसिंग सोसाइटी, दरवाजे और परिसरों की दीवारों की सफाई की जाती है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि प्रधानमंत्री ने मेरे काम को संज्ञान में लिया। मैं बढ़ती उम्र के बावजूद देश और किसानों के लिए और काम करूंगा।’’ उल्लेखनीय है कि उनकी ऐसी ही एक खोज के लिए वर्ष 2017 में उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था। जाधव ने बताया, ''मशीन में अल्युमीनियम के दो ब्लेड लगे हैं जो घूमते हुए एक तरह से हवा लेते हैं और इसकी मदद से दूसरी ओर पूरे वेग से दवा का छिड़काव करते हैं। इसको चलाने के लिए 15 एचपी (अश्वशक्ति) के ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है एवं 15 फीट ऊंची दीवार पर भी दवा का छिड़काव किया जा सकता है। इस मशीन में लगे टैंक की क्षमता 600 लीटर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मशीन को चलाने में मानवीय सहयोग की बहुत कम जरूरत होती है, जिससे संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलती है।’’ जाधव ने कहा, ‘‘हमने इस मशीन को मात्र 25 दिनों में विकसित किया था। मौजूदा समय में सताणा नगर परिषद इसका इस्तेमाल कस्बे के 30 किलोमीटर इलाके को संक्रमणमुक्त करने में कर रही है।’’ जाधव के मुताबिक उन्होंने इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया है और इसका डिजाइन राष्ट्रीय नवप्रर्तन प्रतिष्ठान को भेजा है।

केरल में 61 नए मरीज सामने आए

केरल में कोरोना वायरस के 61 नए मरीज सामने आए जिनमें 57 वो लोग भी शामिल हैं जो विदेश से लौटे हैं। नए मामलों के साथ ही राज्य में रविवार को कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 1,269 पहुंच गई है। वहीं 1.34 लाख लोगों को निगरानी में रखा गया है। एक प्रेस विज्ञप्ति में स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि अलग-अलग अस्पतालों में 670 मरीज इलाज करा रहे हैं जबकि 590 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। इनमें आज ठीक हुए 10 मरीज भी शामिल हैं। पल्लकड़ में सबसे ज्यादा 12 मामले रिपोर्ट हुए हैं। अबतक 1,31,651 लोग राज्य में प्रवेश कर चुके हैं जिनमें 19,662 लोग हवाई अड्डे से और एक लाख से ज्यादा लोगों ने जांच चौकियों से प्रवेश किया है। राज्य में 1,34,654 लोगों को विभिन्न जिलों में निगरानी में रखा गया है। आज 208 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बीते 24 घंटे में 3,099 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अबतक 67,371 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं और 64,093 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

दिल्ली नोएडा सीमा सील ही रहेगी

लॉकडाउन- 5 के तहत एक जून से गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जनहित में नोएडा और दिल्ली सीमा को सील रखने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को रिपोर्ट दी कि पिछले 20 दिनों में कोविड-19 के जितने मामले मिले हैं, उन मामलों में से 42 प्रतिशत में संक्रमण का स्रोत दिल्ली को पाया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के साथ परामर्श एवं सहमति के उपरांत जनहित में निर्णय लिया गया है, कि नोएडा-दिल्ली सीमा को पूर्व की भांति सील रखा जाए। दिल्ली से नोएडा में प्रवेश वैध पास के आधार पर ही होगा। जिलाधिकारी ने बताया कि दुकानें और बाजार खोलने के संबंध में राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार जिले में जारी पिछले निर्देश बने रहेंगे। पहले की ही तरह शहरी क्षेत्रों में 50 फीसदी दुकानों को एकांतर के आधार पर खोलने की व्यवस्था लागू रहेगी। दुकानदारों और व्यापार मंडल के अनुरोध के आधार पर श्रम विभाग को व्यापारियों से परामर्श करने के बाद, साप्ताहिक अवकाश को संशोधित करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इंसिडेंट कमांडर, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग नए दिशानिर्देशों के अनुसार निषिद्ध क्षेत्र को फिर से परिभाषित करेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि आवासीय क्षेत्रों में बहुमंजिला आवासीय भवनों में निषिद्ध क्षेत्र के संबंध में यह नियम लागू होगा कि, यदि मल्टी स्टोरी सोसाइटी में स्थित एक टावर में एक या एक से अधिक संक्रमित मरीज पाए जाते है, तो वह टावर जहां संक्रमित केस पाया गया है, को ही निषिद्ध क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी सोसाइटी में एक से अधिक टावरों में मामले पाए जाते हैं तो ऐसे सभी टावर निषिद्ध क्षेत्र होंगे। वहां पार्क, जिम, स्विमिंग पूल, बैंक्वेट हॉल आदि जैसी सभी सुविधाएं निषिद्ध क्षेत्र के अंतर्गत ही मानी जाएगी।

9000 से अधिक नए मामले सामने आए

रूस में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 9,268 नए मामले सामने आए। एक सप्ताह में पहली बार एक ही दिन में संक्रमितों की संख्या 9,000 को पार कर गई, लेकिन कई दिन बाद मौत के मामलों में कमी देखी गई। रविवार को इस घातक वायरस से 138 मरीजों की मौत हो गई। रूस में अब तक संक्रमण के 405,843 मामले सामने आए हैं जबकि 4,693 मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम मृत्यु दर ने स्थानीय स्तर पर और विदेश में मौत के मामलों के पेश आंकड़े को शक के घेरे में ला दिया है। संशय जताया जा रहा है कि राजनीतिक कारणों से मौत के सही आंकड़े को छुपाया जा रहा है। पिछले सप्ताह इसके बचाव में उप प्रधानमंत्री तातियाना गोलिकोवा ने कहा था कि रूस में केवल उन्हीं मौत के मामलों को आंकड़ों में शामिल किया जा रहा है, जिनकी मौत का सीधा कारण कोविड-19 रहा है। साथ ही उन्होंने वे आंकड़े भी पेश किए जिनमें लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण था लेकिन उनकी मौत अन्य बीमारियों से हुई।

-नीरज कुमार दुबे

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