पूर्वोत्तर भारत, बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में 26 मई को थोड़ी देर ही दिखेगा चंद्रग्रहण

Lunar eclipse

ग्रहण का आंशिक चरण अपराह्न सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम छह बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा जबकि पूर्ण चरण शाम चार बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर शाम चार बजकर 58 मिनट पर खत्म होगा। विभाग के मुताबिक पोर्ट ब्लेयर से ग्रहण को शाम पांच बजकर 38 मिनट से 45 मिनट तक के लिये देखा जा सकता है जो भारत में ग्रहण का सर्वाधिक समय होगा।

नयी दिल्ली। बुधवार को पूर्ण चंद्रग्रहण होगा लेकिन पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और ओडिशा के तटीय इलाकों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप से यह थोड़ी देर के लिये ही नजर आएगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर में नजर आएगा। आईएमडी ने कहा, “भारत में पूर्वोत्तर के हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय इलाकों और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह में चंद्रोदय के ठीक बाद ग्रहण के आंशिक चरण का समापन कुछ देर के लिये नजर आएगा।” 

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ग्रहण का आंशिक चरण अपराह्न सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम छह बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा जबकि पूर्ण चरण शाम चार बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर शाम चार बजकर 58 मिनट पर खत्म होगा। विभाग के मुताबिक पोर्ट ब्लेयर से ग्रहण को शाम पांच बजकर 38 मिनट से 45 मिनट तक के लिये देखा जा सकता है जो भारत में ग्रहण का सर्वाधिक समय होगा। यह पुरी और मालदा से भी शाम 6 बजकर 21 मिनट से देखा जा सकता है, लेकिन यहां नजारा सिर्फ दो मिनट के लिये दिखेगा। भारत में अगला चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को दिखेगा। वो एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा। चंद्रोदय के ठीक बाद अरुणाचल प्रदेश और असम के सुदूर पूर्वोत्तर हिस्सों में बेहद कम समय के लिये आंशिक चरण नजर आएगा। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और जब तीनों एक सीध में होते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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