धरती पर जीवन विनाश का बढ़ा खतरा, नासा ने कहा- धरती की सतह का बढ़ रहा तापमान

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[email protected] । Apr 17 2019 4:58PM

अध्ययन कर्मियों ने 2003 से 2007 तक उपग्रह आधारित इन्फ्रारेड मेजरमेंट सिस्टम एआईआरएस (ऐटमॉसफेरिक इन्फ्रा रेड साउन्डर) के जरिए प्राप्त धरती के तापमान का आकलन किया।

वाशिंगटन। नासा के अध्ययनकर्मियों द्वारा उपग्रह के जरिए किए गए आकलन ने उन आंकड़ों की पुष्टि की है जिससे पता चला है कि पिछले 15 साल में पृथ्वी की सतह गरम हुई है। अध्ययन कर्मियों ने 2003 से 2007 तक उपग्रह आधारित इन्फ्रारेड मेजरमेंट सिस्टम एआईआरएस (ऐटमॉसफेरिक इन्फ्रा रेड साउन्डर) के जरिए प्राप्त धरती के तापमान का आकलन किया। अध्ययन दल ने इन आंकड़ों को गोडार्ड इन्स्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज सरफेस टेंपरेचर एनालाइसिस (जीआईएसटीईएमपी) से मिलान किया।

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बाद में यह अध्ययन पत्रिका इनवायरनमेंटल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित हुआ। पिछले 15 साल में दोनों डाटा संग्रह के बीच काफी समानता देखने को मिली। अमेरिका में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के जोएल सुसकिंड ने कहा कि एआईआरएस डेटा ने जीआईएसटीईएमपी के लिए पूरक रहा क्योंकि जीआईएसटीईएमपी की तुलना में इसका दायरा ज्यादा रहा और इसने समूची दुनिया को कवर किया। सुसकिंड ने एक बयान में कहा, ‘‘डेटा के दोनों सेट से पता चला कि धरती की सतह इस अवधि में गर्म हुई और 2016,2017 और 2015 क्रम से सबसे गर्म साल रहा। ’’

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