हिंद महासागर के भयानक तूफान में फंसे नेवी कमांडर अभिलाष टोमी को बचाया गया

naval-commander-abhilash-tommy-stranded-in-the-horrific-storm-of-the-indian-ocean-was-rescued
रेनू तिवारी । Sep 25 2018 4:18PM

भारतीय नौसेना के अभिलाष टॉमी नौसेना ने बचा लिया हैं। अभिलाष टॉमी ने दक्षिणी हिंद महासागर में ‘गोल्डन ग्लोब रेस’ में भाग ले लिया था। इस रेस के दौरान अभिलाष टॉमी दक्षिण हिंद महासागर में आये तूफान में फंस गये थे।

भारतीय नौसेना के अभिलाष टॉमी नौसेना ने बचा लिया हैं। अभिलाष टॉमी ने दक्षिणी हिंद महासागर में ‘गोल्डन ग्लोब रेस’ में भाग ले लिया था। इस रेस के दौरान अभिलाष टॉमी दक्षिण हिंद महासागर में आये तूफान में फंस गये थे। लेकिन नौसेना ने अपना जाबाज साहस दिखाते हुए अभिलाष टॉमी को बचा लिया लेकिन इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अभिलाष टॉमी  को गंभीर चोटें भी आई हैं। अभिलाष टॉमी करीब 30 हजार नॉटिकल मील की इस समुद्री यात्रा में शामिल अकेले भारतीय हैं। अभिलाष टॉमी का स्वदेशी नौकायन पोत ‘थुरिया’ तूफान में फंस गया था और वो जख्मी भी हो गए थे। ऐसे में उन्हें बचाने की लगातार कोशिश की जा रही थी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, तूफान की वजह से मध्य धारा में 14 मीटर ऊंची लहरें उठ रही थीं। अभिलाष टॉमी की नौव को इन लहरों से गहरी क्षति पहुंची और वह खुद भी पीठ में गहरी चोट लगने से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना के पी8आई विमान ने अभिलाष की ‘‘अत्यंत क्षतिग्रस्त हो चुकी’’ नौका को देखा।

ईपीआईआरबी से विमान को संकेत दिया 

प्रवक्ता ने बताया कि जब विमान नौका के ऊपर से उड़ा तब कमांडर टॉमी ने इमरजेंसी पोजिशन इंडिकेटिंग रेडियो बीकॉन (ईपीआईआरबी) से संकेत दिया। इमरजेंसी पोजिशन इंडिकेटिंग रेडियो बीकॉन (ईपीआईआरबी) एक यंत्र है जिसमें समुद्र में हादसे के मामलों में बचाव के लिए बचाव सेवाओं को संकेत दिया जाता है। 


2013 में कीर्ति चक्र से हो चुके हैं सम्मानित

भारतीय नेवी के अनुसार, समुद्री तूफान के कारण अभिलाष घायल हो गए. खासकर उनकी पीठ में गंभीर चोट लगी। उन्होंने अपने आखिरी संदेश में भी कहा था कि वह सुरक्षित हैं, लेकिन बैक इंजरी के कारण वह अपनी बोट को चलाने में सक्षम नहीं हैं। अभिलाष टोमी को 2013 में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।

क्या है गोल्डन ग्लोब रेस?

गोल्डन ग्लोब रेस विश्व की सबसे रोमांचक रेस में से एक मानी जाती हैं। इस रेस में नाव के कमांडर को नाव के जरिए 30000 मील का सफर तय करना होता हैं। जिस नाव से ये सफर पूरा करना होता हैं वो नाव 50 साल पुरानी होती है। और इसमें संचार उपकरणों के सिवा कोई तकनीक नहीं होती है। इस बार 39 साल के कमांडर टोमी रेस में भारत के कप्तान थे, जो भारतीय नौसेना अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. यह रेस दक्षिणी हिंद महासागर में जिस जगह आयोजित की जा रही थी वो जगह पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) से लगभग 1900 समुद्री मील दूर है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़