पायल तड़वी खुदकुशी मामले में आया नया मोड़, आरोपियों से पुलिस हिरासत में पूछताछ
तड़वी के परिवार की ओर से पेश हुए वकील नितिन सतपुते ने आरोप लगाया कि चोट के निशान से पता चलता है कि तड़वी की हत्या की गई और इसलिए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने सरकारी अस्पताल में जातिगत टिप्पणियां कर एक कनिष्ठ डॉक्टर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के आरोप में गिरफ्तार तीन वरिष्ठ महिला डॉक्टरों को 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर एम सदरानी ने पुलिस की दलील को स्वीकार कर लिया कि भक्ति मेहेरे, हेमा आहूजा और अंकिता खंडेलवाल को हिरासत में लेने की जरूरत इसलिए है ताकि यह पता चल सके कि मृतका ने कोई सुसाइड नोट छोड़ा था और अगर छोड़ा था तो क्या आरोपियों ने उसे गुमा दिया या नष्ट कर दिया है।
पुलिस ने अदालत से कहा कि आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं लेकिन मृतका के साथ उनके व्हाट्सऐप चैट को हासिल करने के लिए और समय की जरूरत है। पुलिस ने दावा किया की पायल तड़वी के शरीर पर चोट के कुछ निशान थे जिनकी आगे जांच जरूरी है] जिसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पायल तड़वी (26) ने पिछले बुधवार को बीएलवाई नायर अस्पताल में अपने कमरे में कथित रूप से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी जिसके बाद इन तीन डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
#UPDATE Medical student Payal Tadvi suicide case: Third accused doctor Ankita Khandelwal has also been arrested by Police. Details awaited. https://t.co/ql7qxkanWu
— ANI (@ANI) May 29, 2019
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मेहेरे को जहां मंगलवार को गिरफ्तार किया गया वहीं आहूजा एवं खंडेलवाल को बुधवार सुबह पकड़ा गया। तड़वी के परिवार की ओर से पेश हुए वकील नितिन सतपुते ने आरोप लगाया कि चोट के निशान से पता चलता है कि तड़वी की हत्या की गई और इसलिए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। हालांकि, आरोपियों के वकील आबाद पोंडा ने दलील दी कि तीनों डॉक्टरों को तड़वी की जाति के बारे में पता भी नहीं था।उन्होंने कहा, “आत्महत्या के लिए तब उकसाया जाता है जब कोई जानबूझ कर व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना चाहता है लेकिन आरोपियों ने (इस मामले में) केवल उनके काम के लिए उन्हें डांटा था और उनको नुकसान पहुंचने की कोई मंशा नहीं थी।”
Medical student Payal Tadvi suicide case: National Commission for Women writes to director of BYL Nair Hospital requesting for an investigation and apprise the commission of action taken in the case. pic.twitter.com/CQi9CTWk38
— ANI (@ANI) May 28, 2019
उन्होंने कहा कि अगर मृतका को कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए थी या शीर्ष पद के अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी जो उसने नहीं किया। वहीं, आरोपियों की तरफ से पेश एक दूसरे वकील संदीप बाली ने अदालत से कहा कि मृतका की शादी एक डॉक्टर के साथ हुई थी लेकिन उसके साथ रहने की बजाए वह हॉस्टल में रह रही थी तो हो सकता है कि किसी पारिवारिक मुद्दे की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया हो। बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि जिस कमरे में तड़वी कथित तौर पर लटकती पाई गईं थीं वह अंदर से बंद था इसलिए किसी और के वहां होने की संभावना नहीं बनती।
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