वैज्ञानिकों ने भूसे या बुरादे से गैसोलीन/ईंधन बनाने का नया तरीका खोजा
वैज्ञानिकों ने भूसे या बुरादे से गैसोलीन/ईंधन बनाने का नया तरीका खोज लिया है। इससे गैस संयंत्रों को हरित ईंधन बनाने में और मदद मिलेगी। बेल्जियम के लुवेन स्थित कैथोलीक यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने भूसे में पर्याप्त मात्रा में मौजूद सेलुलोज को
लंदन। वैज्ञानिकों ने भूसे या बुरादे से गैसोलीन/ईंधन बनाने का नया तरीका खोज लिया है। इससे गैस संयंत्रों को हरित ईंधन बनाने में और मदद मिलेगी। बेल्जियम के लुवेन स्थित कैथोलीक यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने भूसे में पर्याप्त मात्रा में मौजूद सेलुलोज को हाइड्रोकार्बन चेन के रूप में विकसित करने का तरीका खोज लिया है।
विश्वविद्यालय के बर्ट सेल्स का कहना है कि इस हाइड्रोकार्बन को गैसोलीन में मिलाकर ईंधन के रूप में इसका प्रयोग किया जा सकता है। सेलुलोज मिश्रित गैसोलीन ‘सेकेंड जेनरेशन जैवईंधन’’ होगा। उनका कहना है, हम पौधों के अवशेषों से शुरूआत कर उसे पेट्रोकेमिकल के रूप में विकसित करने के लिए एक रासायनिक प्रक्रिया का प्रयोग करते हैं।
उनका कहना है, इस जैवईंधन की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि प्रक्रिया खत्म होने के बाद सेलुलोज से बने गैसोलीन और प्राकृतिक गैसोलीन में फर्क करने के लिए आपको कार्बन डेटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल करना होगा। अनुसंधानकर्ताओं ने 2014 में अपनी प्रयोगशाला में एक ‘केमिकल रिएक्टर’ स्थापित किया था जो कम मात्रा में सेलुलोज गैसोलीन का उत्पादन कर सकता है।
अन्य न्यूज़