आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने सीवेज जल से विकसित की बैटरी
आईआईटी खड़गपुर के एक शोधार्थी ने सीवेज के पानी के जीवाणु से चलने वाली डिस्पोजेबल और लचीली बैटरी विकसित की है। संस्थान ने एक बयान में यह जानकारी दी।
कोलकाता। आईआईटी खड़गपुर के एक शोधार्थी ने सीवेज के पानी के जीवाणु से चलने वाली डिस्पोजेबल और लचीली बैटरी विकसित की है। संस्थान ने एक बयान में यह जानकारी दी। पर्यावरण अनुकूल इस बैटरी सेल से ऊर्जा उत्पादन शुरू करने के लिये उसमें जीवाणु युक्त सीवेज का पानी डालने की जरूरत है।
बयान में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की पीएचडी छात्रा रम्या वीरूभोतला के हवाले से कहा गया, ‘‘सामान्य तौर पर सूक्ष्मजीव ईंधन सेल्स (एमएफसी) में ऊर्जा उत्पादन में एक-दो दिन का वक्त लगता है क्योंकि जीवाणुओं को नये माहौल में ढलने में समय की जरूरत होती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस उपकरण में ऊर्जा उत्पादन 10 सेकंड के अंदर शुरू हो जाता है जो लगभभ तत्काल है।’’ फिलहाल इस उपकरण से ऊर्जा उत्पादन अभी कुछ माइक्रोवाट्स ही है। लेकिन संयोजन से इसे और बढ़ाया जा सकता है और व्यवहारिक अनुप्रयोग में लाया जा सकता है।
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