जानें एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या बड़ी बातें कहीं

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[email protected] । Jun 14 2019 6:28PM

मोदी ने कहा कि आतंकवाद की बुराई से लड़ने के लिए राष्ट्रों को इसके खिलाफ एकजुट होने की खातिर अपने संकीर्ण दायरे से बाहर निकलना होगा। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में यह कहा।

बिश्केक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और धन मुहैया कराने वाले देशों की शुक्रवार को ‘एससीओ’ शिखर सम्मेलन में आलोचना की। साथ ही, उन्होंने यहां मौजूद शीर्ष नेताओं से कहा कि ऐसे देशों को अवश्य ही जवाबदेह ठहराया जाए। मोदी ने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए यह कहा,हालांकि वहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी उपस्थित थे। मोदी ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद से निपटने के लिए एक वैश्विक सम्मेलन का आह्वान किया।

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प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत करने की एससीओ की भावना और उसके विचारों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक आतंकवाद मुक्त समाज की हिमायत करता है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं पिछले रविवार श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान सेंट एंथनी गिरजाघर गया, जहां मैंने आतंकवाद का घिनौना चेहरा देखा। इस आतंकवाद ने हर जगह निर्दोष लोगों की जान ली है।’’ उन्होंने श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए आतंकी हमलों में निशाना बनाए गए इस स्थान का जिक्र करते हुए यह कहा। इन हमलों में 258 लोग मारे गए थे। 

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मोदी ने कहा कि आतंकवाद की बुराई से लड़ने के लिए राष्ट्रों को इसके खिलाफ एकजुट होने की खातिर अपने संकीर्ण दायरे से बाहर निकलना होगा। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में यह कहा।  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और धन मुहैया कराने वाले राष्ट्रों को जिम्मेदार ठहराना जरुरी है।’’ उन्होंने कहा कि एससीओ के सदस्य देशों को आतंकवाद का खात्मा करने के लिए एससीओ-क्षेत्रीय आतंक रोधी ढांचा (आरएटीएस) के तहत सहयोग करना चाहिए।

मोदी ने कहा, ‘‘साहित्य एवं संस्कृति हमारे समाज को एक सकारात्मक गतिविधि प्रदान करते हैं। खासकर, वे हमारे समाज के युवाओं में चरमपंथ के प्रसार को रोकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि एक शांतिपूर्ण, एकीकृत, सुरक्षित और समृद्ध अफगानिस्तान एससीओ में स्थिरता और सुरक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अफगान नीत, अफगान का अपना और अफगान नियंत्रित व्यापक शांति प्रक्रिया का समर्थन करना है। हम इस बात को लेकर खुश हैं कि एससीओ अफगानिस्तान संपर्क समूह में आगे का एक खाका तैयार किया गया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के एससीओ का पूर्ण सदस्य देश बने दो साल हो गए हैं। भारत ने एससीओ की सभी गतिविधियों में सकारात्मक योगदान दिया है। 

मोदी दो दिवसीय एससीओ सम्मेलन के लिए बृहस्पतिवार को बिश्केक पहुंचे थे। एससीओ चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक एवं सुरक्षा संगठन है, जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया। भारत अपने यहां हुए आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता रहा है और उसने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी सरजमीं से संचालित हो रहे आतंकवादी संगठनों की मदद करना बंद कर दे। 

पठानकोट एयरबेस में जनवरी 2016 में एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन द्वारा किए गए हमले के बाद भारत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से बातचीत नहीं कर रहा है। भारत का यह कहना है कि वार्ता और आतंकवाद साथ- साथ नहीं चल सकते। वहीं, इस साल की शुरुआत में भारत-पाक संबंध उस वक्त और तनावपूर्ण हो गए, जब 14 फरवरी को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमले में कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।

इसके बाद, भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था। इसके अगले ही दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई की और इस हवाई झड़प में भारत के एक मिग-21 विमान को गिरा दिया तथा वायुसेना के एक पायलट को पकड़ लिया। इस पर, चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने की कोशिश की थी।

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