आखिरी बार लापता एएन-32 को विमान को उड़ा रहे पायलट की पत्नी ने देखा था...

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रेनू तिवारी । Jun 7 2019 7:12PM

संध्या वायुसेना के जोरहाट स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) में ड्यूटी पर ही थीं जब आशीष तंवर ने इसी वायुसेना अड्डे से अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका के घने जंगल के लिये उड़ान भरी थी। वह एटीसी पर उनके विमान की सारी गतिविधि देख रही थीं।

नयी दिल्ली। एक विमान जिसने आसमान में उड़ान तो भरी लेकिन जहां जाना था वहां तक नहीं पहुंचा रास्ते में ही न जाने कहा रह गया। पिछले कई दिनों से इस विमान को भारतीय वायुसेना की तरफ से खोजा जा रहा है लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। एएन-32 एक रहस्य की तरह होता जा रहा है जिसके पता लगाने का हर मुमकिन प्रयास हो रहा है। चार दिनों की लंबी तलाशी के बाद ना तो विमान अपनी जगह परल पहुंचा और न ही विमान का कोई मलबा मिला। लेकिन एक बेहद ही दर्द से भरी खबर आई है। लापता विमान एएन-32 को जो पायलट उस दिन उड़ा रहा था उसका नाम आशीष तंवर था। आशीष तंवर की पत्नी संध्या तंवर वायुसेना के जोरहाट स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) में काम करती है उस दिन भी संध्या तंवर अपनी ड्यूटी पर तैनात थी। लापता विमान एएन-32 को आखिरी बार संध्या तंवर ने ही अपनी ड्यूटी के दौरान देखा था। ये बात जितना सुनने में दर्दनाक है उससे ज्यादा दुखों का पहाड़ इस समय संध्या के ऊपर आ गया है।

आखिरी बार लापता विमान एएन-32 को विमान को उड़ा रहे पायलट की पत्नी ने देखा

लापता विमान एएन-32 के पायलट आशीष तंवर की पत्नी संध्या तंवर ने सोचा भी नहीं होगा कि सोमवार का दिन उनके लिये इतना बुरा साबित होगा। संध्या वायुसेना के जोरहाट स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) में ड्यूटी पर ही थीं जब आशीष तंवर ने इसी वायुसेना अड्डे से अरुणाचल प्रदेश के मेंचुका के घने जंगल के लिये उड़ान भरी थी। वह एटीसी पर उनके विमान की सारी गतिविधि देख रही थीं। महज आधा घंटे बाद ही विमान रडार की पहुंच से गायब हो गया। संध्या उन लोगों में से पहली थीं जिन्हें वायुसेना के इस विमान के लापता होने का पता चला। विमान में 12 और लोग सवार थे। संध्या एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी हैं और वह जोरहाट वायुसेना अड्डे पर तैनात हैं। संध्या का विवाह 2018 में आशीष तंवर से हुआ था और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में वे दोनों अलग होंगे।

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वायुसेना कर रही है विमान का मलबा तलाश

रूस में बने इस विमान की चार दिन से तलाश जारी है और इसका पता लगाने के लिये बचाव अभियान चलाया जा रहा है। समय बढ़ने के साथ इन सभी के परिजनों का तनाव और नाउम्मीदी भी बढ़ रही है। वायुसेना का कहना है कि विमान ने दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर अरुणाचल के शि-योमी जिले में स्थित मेंचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिये उड़ान भरी थी और ग्राउंड कंट्रोल से विमान का आखिरी बार संपर्क दिन में एक बजे हुआ था। सूत्रों के अनुसार फ्लाइट लेफ्टिनेंट रैंक की अधिकारी संध्या उस वक्त एटीसी में ड्यूटी पर ही थीं। विमान में उनके 29 वर्षीय पति और 12 अन्य लोग थे। हरियाणा के पलवल के रहने वाले आशीष तंवर अपनी बी.टेक की डिग्री पूरी करने के बाद दिसंबर 2013 में वायुसेना में शामिल हुए थे। पलवल स्थित उनके गांव में गम का माहौल है। आशीष की मां सरोज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि विमान और लापता लोगों की तलाश में सभी उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग किया जाए। 

पांच यात्री और चालकदल के आठ सदस्य सवार 

इस विमान में पांच यात्री और चालकदल के आठ सदस्य सवार थे। दों इंजन वाले टर्बो प्राप रूस निर्मित एएन-32 पर्याप्त संख्या में प्रयोग में लाये जा रहे हैं। जून 2009 में भी अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले के एक गांव में एएन-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और इसमें सवार 13 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। यह विमान मेंचुका एडवांस लैंडिग ग्राउंड से तीस किलोमीटर दूर रिंची पहाड़ियों पर बसे हीयो गांव में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। 

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2016 में भी गायब हुआ था एएन-32 विमान 

जुलाई 2016 में भी एक अन्य एएन-32 विमान तब लापता हो गया था जब वह चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था। इस विमान में 29 लोग सवार थे। इस विमान के मलबे के बारे में कई सप्ताह तक पता नहीं चल सका था और कई विमानों ने 2,17,800 वर्ग नॉटिकल मील का इलाका छान मारा था। महीनों बाद भारतीय वायुसेना की जांच (कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी) के निष्कर्ष में कहा गया कि अब यह संभव नहीं है कि इस विमान में सवार लोगों में कोई बचा होगा।

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