मूड खराब है तो इस 'क्राइंग रूम' में जाकर आप निकाल सकते हैं मन की भड़ास

crying room

la lloreria नाम के इस क्राइंग रूम में लोगों को यह महसूस कराया जाता है कि अगर वे किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हैं तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है। इस रूम में अंदर 'आइए और रो लीजिए', 'मुझे आपकी चिंता है' जैसे शब्द लिखे हुए हैं।

जब भी हमारा मन किसी बात को लेकर दुखी होता है या हम भावुक होते हैं तो हमारी आंखों में आंसू आ जाते हैं। अक्सर रोने को कमजोरी की निशानी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विज्ञान के अनुसार रोना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शोध के अनुसार रोने से मेंटल स्टिग्मा दूर होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्पेन की राजधानी मैड्रिड में एक अनोखा 'क्राइंग रूम' बनाया गया है। जी हां, यह कमरा रोने के लिए बनाया गया है। इस क्राइंग रूम में लोग खुलकर रो सकते हैं या चिल्ला सकते हैं। इस रूम में मदद के लिए मनोचिकित्सक भी मौजूद रहते हैं।

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बहुत खास है क्राइंग रूम 

la lloreria नाम के इस क्राइंग रूम में लोगों को यह महसूस कराया जाता है कि अगर वे किसी मानसिक समस्या से पीड़ित हैं तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है। इस रूम में अंदर 'आइए और रो लीजिए', 'मुझे आपकी चिंता है' जैसे शब्द लिखे हुए हैं। गुलाबी रंग के इस कमरे में उन लोगों के नाम और नंबर लिखे हुए हैं जो यहां पहले आ चुके हैं। अगर कोई व्यक्ति बहुत उदास है तो इन लोगों में से किसी से भी बात कर के अपने अनुभव बता सकता है। इस खास कमरे को बनाने का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों की मदद करना है। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य लोगों के दिमाग से मेंटल स्टिग्मा को हटाना है कि ना तो रोना  कमजोर होने की निशानी है और आप बिना किसी संकोच के किसी से भी  मदद मांग सकते हैं।

स्पेन में 10% नाबालिग डिप्रेशन का शिकार

साल 2019 में स्पेन में आत्महत्या से 3671  लोगों की जान गई है जो प्राकृतिक कारणों के बाद मौत का दूसरा सबसे आम कारण है। आंकड़ों के मुताबिक स्पेन में करीब 10 प्रतिशत नाबालिग भी डिप्रेशन का शिकार हैं। स्पेन के प्रधानमंत्री ने मानसिक स्वास्थ्य अभियान के लिए खास शो मिलियन यूरो का बजट रखा है।

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भारत में भी बड़ी संख्या में लोग मेंटल हेल्थ से पीड़ित 

अगर भारत की बात करें तो देश में हर 20 में से एक व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में पूरी दुनिया की तुलना में सबसे ज्यादा लोग तनाव से ग्रसित हैं। वहीं कोरोना काल के दौरान लोगों की मेंटल हेल्थ पर बहुत असर हुआ है। लेकिन कोविड-19 के दौरान ही लोगों ने मेंटल हेल्थ पर बात करना ज्यादा शुरू किया है। अगर आप भी किसी मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं तो इस बारे में जरूर बात करें।

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