युवावस्था में किडनी की बीमारी से बचने के लिए कम करें नमक का सेवन

To avoid kidney disease in puberty, reduce salt intake
[email protected] । Apr 8 2018 4:01PM

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि खाने में नमक कम रखा जाये तो युवावस्था में किडनी की बीमारियों से बचा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में मौत के शीर्ष पांच कारणों में किडनी की बीमारी भी शमिल है।

मुंबई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि खाने में नमक कम रखा जाये तो युवावस्था में किडनी की बीमारियों से बचा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में मौत के शीर्ष पांच कारणों में किडनी की बीमारी भी शमिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि हमारे देश में महिलाएं किडनी की बीमारी से निपटने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उनका कहना है कि चूंकि ज्यादातर घरों में रसोई की जिम्मेदारी महिलाओं की होती है , इसलिए वे आसनी से भोजन में नमक की मात्रा नियंत्रित कर सकती हैं। 

मुंबई के सैफी अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अरुण पी. दोशी का कहना है कि डायलिसिस में 25 से 30 वर्ष आयु वर्ग के मरीजों की संख्या पिछले पांच - छह वर्ष में बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। डॉक्टर दोशी का कहना है कि गुर्दा / किडनी के कामकाज में दिक्कत सबसे ज्यादा उच्च रक्तचाप के कारण आती है। और भोजन में नमक की मात्रा सीधे तौर पर रक्तचाप से जुड़ी हुई है।  डॉक्टर का कहना है, ‘‘ज्यादा मात्रा में नमक के सेवन से उच्च रक्त चाप हो सकता है , लेकिन आप रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं। ऐसे में आप आसानी से नमक की मात्रा कम करके किडनी फेल होने से भी रोक सकते हें।’’ नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित लांगोटे का कहना है कि देश के अन्य भागों के मुकाबले उत्तरी भारत में डायलिसिस के लिए आने वाले युवा मरीजों की संख्या ज्यादा है। 

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