जून-जुलाई की स्कूल फीस माफ होने संबंधी कोर्ट के ऑर्डर का यह रहा सच
सोशल मीडिया पर कोई भी मैसेज वायरल करते समय हम यह जाँचना भूल जाते हैं कि उस संदेश में सत्यता कितनी है। बस मैसेज आया नहीं कि बढ़ा दिया आगे। आजकल एक ऐसा ही संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर कोई भी मैसेज वायरल करते समय हम यह जाँचना भूल जाते हैं कि उस संदेश में सत्यता कितनी है। बस मैसेज आया नहीं कि बढ़ा दिया आगे। आजकल एक ऐसा ही संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि कोई भी निजी स्कूल जून और जुलाई की फीस वसूल नहीं कर सकता। संदेश में बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट ने इस संबंध में ऑर्डर जारी किये हैं।
व्हाट्सएप पर आये संदेश में लिखा है कि अगर कोई भी निजी स्कूल जबरदस्ती फीस वसूल करेगा तो वो कोर्ट की बात की तौहीन करने वाला मुजरिम पाया जायेगा। और इन तमाम ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और स्कूल को ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा। लिहाजा तमाम पैरेन्टस से रिक्वेस्ट है कि वो जून और जुलाई की फीस नहीं दें अगर दी है तो रिटर्न मांग लें। अगर कोई स्कूल ना दे तो उसकी कम्पलेन्ट पास के पुलिस थाने में या असिस्टेंट CP को शिकायत करें। ये पेरेन्टस के लिए हैं इसलिए समझदार बनें और दूसरों को भी इसकी इतिला दें। संदेश में हाई कोर्ट ऑर्डर की क्रम संख्या के साथ फैसले की तिथि 5 मार्च की बतायी गयी है।
अब आइए आपको बताते हैं इस संदेश का सच, दरअसल यह आदेश सिंध हाईकोर्ट, कराची (पाकिस्तान) का है। यह आदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जुल्फिकार अहमद खान ने दिया है। पड़ताल में यह सामने आया है कि यह मामला शाहरूख शकील खान व अन्य ने 2015 में सिंध प्रांत के मुख्य सचिव के खिलाफ दायर किया था। इस मामले में फैसला 7 अक्तूबर 2016 को सुनाया गया था। अपने फैसले में चीफ जस्टिस ने छुटि्टयों के दौरान फीस न लेने व स्कूलों में फीस बढ़ोतरी की सीमा तय कर दी थी। यहां यह भी बताना जरूरी है कि जहां भारत में खासकर उत्तर भारत में स्कूलों की छुट्टी मई-जून में होती है वहीं पाकिस्तान के स्कूलों में जून-जुलाई में अवकाश होता है।
संदेश आगे बढ़ाने के दौरान हम यह भी नहीं देख रहे कि इस संदेश की भाषा हिंदी जरूर है लेकिन उसमें उर्दू के शब्द ज्यादा है यही नहीं भारत में जुलाई में स्कूलों की छुट्टी होती ही नहीं तो फीस कैसे वापस हो सकती है।
सोशल मीडिया का उपयोग करें लेकिन सावधानी से...अपनी जिम्मेदारी को भूलें नहीं और उसी संदेश को आगे बढ़ायें जिसमें लिखी बातों के बारे में आप सुनिश्चित हों।
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