Unlock 1 के 20वें दिन कोरोना के इलाज की दवा पेश, कीमत 103 रु. प्रति टैबलेट

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दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम के कार्यालय में कार्यरत एक स्टेनोग्राफर की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि अशोक विहार निवासी अशोक कुमार ने राजीव गांधी सुपरस्पेशियालिटी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोविड-19 से मामूली रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर को फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है। इसकी कीमत 103 रुपये प्रति टैबलेट होगी। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह दवा 200 एमजी के टैबलेट में उपलब्ध होगी। इसके 34 टैबलेट के पत्ते की कीमत 3,500 रुपये होगी। कंपनी ने कहा कि फैबिफ्लू कोविड-19 के इलाज के लिए फेविपिराविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है। यह दवा चिकित्सक की सलाह पर 103 रुपये प्रति टैबलेट के दाम पर मिलेगी। पहले दिन इसकी 1800 एमजी की दो खुराक लेनी होगी। उसके बाद 14 दिन तक 800 एमजी की दो खुराक लेनी होगी। इस दवा की विनिर्माण क्षमता के बारे में पूछे जाने पर कंपनी ने कहाक कि प्रति मरीज दो न्यूनतम दो पत्ते की जरूरत के हिसाब से पहले महीने में ही वह 82,500 मरीजों के लिए फैबिफ्लू उपलब्ध करा पाएगी। ‘‘हमारी स्थिति पर निगाह है और स्थिति के अनुसार कंपनी देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के हिसाब से उत्पादन बढ़ाएगी।'' कंपनी इस दवा के लिए एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट (एपीआई) का उत्पादन अपने अंकलेश्वर संयंत्र में कर रही है। फार्मूलेशन का उत्पादन हिमाचल प्रदेश के बद्दी संयंत्र में किया जा रहा है। यह दवा अस्पतालों के अलावा खुदरा चैनलों के जरिये भी उपलब्ध होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी इस दवा की आपूर्ति के लिए अस्पतालों के साथ गठजोड़ पर भी विचार कर रही है, ग्लेनमार्क फार्मा ने कहा कि अभी हमारी प्राथमिकता फैबिफ्लू का विनिर्माण है जिससे इसे मरीजों तक पहुचाया जा सके। ग्लेनमार्क निश्चित रूप से निजी और सरकारी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को समर्थन पर विचार करेगी। समय और जरूरत के हिसाब से वह अन्य उचित विकल्पों पर भी विचार करेगी। मुंबई की कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से इस दवा के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, ‘‘यह मंजूरी ऐसे समय मिली है जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। सल्दान्हा ने कहा कि क्लिनिकल परीक्षणों में फैबिफ्लू ने कोरोना वायरस के हल्के संक्रमण से पीड़ित मरीजों पर काफी अच्छे नतीजे दिखाए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह खाने वाली दवा है जो इलाज का एक सुविधाजनक विकल्प है। उन्होंने कहा कि कंपनी सरकार और चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी ताकि देशभर में मरीजों को यह दवा आसानी से उपलब्ध हो सके। कंपनी ने कहा कि उसकी आंतरिक शोध एवं विकास टीम ने सफलतापूपर्वक इसका एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट (एपीआई) और फार्मूलेशन विकसित किया है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के अध्यक्ष भारतीय फार्मूलेशंस, पश्चिम एशिया और अफ्रीका सुजेश वासुदेवन ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने फेविपिराविर पर इसलिए काम करने का फैसला किया क्योकि इसे सार्स सीओवी2 वायरस पर प्रभावी पाया गया है। यह वायरस ही कोविड-19 महामारी की वजह है।'' ग्लेनमार्क फार्मा ने कहा कि मामूली संक्रमण वाले ऐसे मरीज जो मधुमेह या दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें भी यह दवा दी जा सकती है। सल्दान्हा ने कहा कि यह खाने की दवाई है। ऐसे में जब अस्पताल के ढांचे पर दबाव हो, तो यह काफी लाभकारी साबित हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में शनिवार को कोरोना वायरस के एक दिन में रिकॉर्ड 14,516 मामले सामने आए। अब देश में इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 3,95,048 हो गई है। यह महामारी अब तक 12,948 लोगों की जान ले चुकी है।

संस्थागत पृथक-वास की जरूरत नहीं होगी

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 से संक्रमित ऐसे रोगी जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और जिनके पास घर पर पृथक रहने संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें संस्थागत पृथक-वास केंद्र में जाने की जरूरत होगी। उपराज्यपाल ने कोविड-19 के सभी मरीजों के लिए पांच दिन संस्थागत पृथक-वास में रहने संबंधी आदेश दिया था जिसका अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने विरोध दर्ज कराया था। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की शनिवार को हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस आदेश के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। बैठक के बाद उपराज्यपाल ने ट्विटर पर कहा, ‘‘संस्थागत पृथक-वास के संबंध में, केवल कोविड-19 से संक्रमित ऐसे रोगी जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और जिनके पास घर पर पृथक रहने संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, उन्हें संस्थागत पृथक-वास केंद्र में जाने की जरूरत होगी।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के वास्ते रियायती दर तय करने के लिए उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को डीडीएमए ने मंजूरी दे दी है।'' बैठक के बाद सिसोदिया ने कहा कि घर में पृथक रहने को लेकर उपराज्यपाल की आशंका संबंधी मुद्दे को सुलझा लिया गया है और घर में पृथक रहने की व्यवस्था जारी रहेगी। सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘घर में पृथक रहने को लेकर एलजी की जो भी आशंकाएं थीं वे एसडीएमए की बैठक में सुलझा ली गई और अब ‘होम आइसोलेशन’ की व्यवस्था जारी रहेगी। हम इसके लिए एलजी का आभार व्यक्त करते हैं। हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम दिल्ली वालों को कोई तकलीफ़ नहीं होने देंगे।’’ उपमुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘केंद्र की समिति ने निजी अस्पतालों में 60 प्रतिशत कोविड बिस्तरों को कम दर पर उपलब्ध कराने की सलाह दी थी। उससे बहुत कम बिस्तर कम दाम पर उपलब्ध हो रहे थे। अब 100 प्रतिशत बिस्तर कम दाम पर उपलब्ध रहेंगे।’’

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत अभी तक 42 करोड़ से अधिक गरीबों को कोविड-19 संकट के दौरान 65,454 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। सरकार ने 26 मार्च को महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के तहत मुफ्त अनाज और नकद सहायता देने की घोषणा की थी। मंत्रालय ने कहा कि पैकेज के क्रियान्वयन की केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। ‘‘अभी तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 42 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को 65,454 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है।’’ बयान में 19 जून तक इस दिशा में हुई प्रगति का ब्योरा देते हुए कहा गया है कि पीएम-किसान के 8.94 करोड़ लाभार्थियों को पहली किस्त के प्रारंभ में भुगतान के लिए 17,891 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। तीन किस्तों में महिला जनधन खाताधारकों के खातों में 30,952 करोड़ रुपये डाले गए हैं। पहली किस्त के रूप में 20.65 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों (100 प्रतिशत) के खातों में 10,325 करोड़ रुपये, दूसरी किस्त में 20.62 करोड़ खाताधारकों के खातों में 10,315 करोड़ रुपये और तीसरी किस्त में 20.62 करोड़ खाताधारकों के खातों में 10,312 करोड़ रुपये डाले गए हैं। इसके अलावा 2.81 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांग लोगों को दो किस्तों में 2,814.5 करोड़ रुपये की मदद दी गई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत भवन एवं निर्माण श्रमिकों को 4,312.82 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि मई, 2020 में 36 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 72.83 करोड़ लाभार्थियों को 36.42 लाख टन खाद्यान्न वितरित किया गया है। जून, 2020 में 29 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 27.18 करोड़ लाभार्थियों को 13.59 लाख टन खाद्यान्न दिया गया है। तीन माह के लिए 5.8 लाा टन दालों का आवंटन किया गया है। इसमें से 5.68 लाख टन दालें विभिन्न राज्यों-संघ शासित प्रदेशों को भेजी जा चुकी हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत अप्रैल और मई, 2020 के लिए 8.52 करोड़ एलपीजी सिलेंडरों की बुकिंग और डिलिवरी की गई है। जून के लिए 2.1 करोड़ सिलेंडरों की बुकिंग हुई और अभी तक लाभार्थियों को 1.87 करोड़ सिलेंडर मुफ्त दिए जा चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 20.22 लाख सदस्यों ने ऑनलाइन निकासी सुविधा का लाभ लिया है। इसके तहत इन सदस्यों ने 5,767 करोड़ रुपये निकाले हैं। यह राशि उन्हें वापस नहीं लौटानी है। जिला खनिज कोष (डीएमएफ) के तहत राज्यों से 30 प्रतिशत कोष खर्च करने को कहा गया है। यह राशि 3,787 करोड़ रुपये बैठती है। इसमें से 183.65 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

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ग्रामीण भारत की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना वायरस से लड़ने में ग्रामीण भारत द्वारा दिखाए गए हौसले की तारीफ की और कहा कि भारत के गांवों में लोगों ने जिस तरह कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला किया, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के करीब 80-85 करोड़ लोग गांवों में रहते हैं, उस ग्रामीण भारत ने कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे गांवों की जनसंख्या यूरोप के सारे देशों को मिला दें, तो उससे कहीं ज्यादा है... इतनी बड़ी जनसंख्या का कोरोना का इतने साहस से मुकाबला करना बहुत बड़ी बात है। हर हिंदुस्तानी इस बात के लिए गर्व कर सकता है।’’ उन्होंने कहा कि इस सफलता के पीछे ग्रामीण भारत की जागरूकता ने काम किया है। मोदी ने दूसरे राज्यों से लौटकर आए प्रवासी मजदूरों को उनके घर के आसपास ही रोजगार देने के लिये 50,000 करोड़ रुपये की लागत वाले गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरूआत के मौके पर यह बात कही। बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव से शुरू की गयी इस योजना का मकसद वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाना, स्थानीय स्तर पर विकास को गति देना और आजीविका के अवसर प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने प्रवासी मजदूरों से कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के आगे पूरी दुनिया हिल गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे। भारत के गांवों ने कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है।’’ उन्होंने कहा कि वह ग्रामीण भारत की इस उपलब्धि का प्रचार पूरी दूनिया में करेंगे। उन्होंने जमीन पर काम करने वाले ग्राम प्रधानों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और ‘जीविका दीदी’ के काम की तारीफ भी की। भारत में शनिवार को कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 14,516 नए मामलों के सामने आने के साथ देश में संक्रमितों की कुल संख्या 3,95,048 हो गई है। देश में मौत के 375 नए मामलों के साथ अब तक 12,948 लोग इस संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 87.95 लाख से अधिक हो गयी है और इससे 4.63 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गयी है।

गुजरात में कोविड-19 के 539 नए मामले

गुजरात में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 539 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही संक्रमितों की संख्या 26,737 तक पहुंच गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि शनिवार को कोविड-19 के 20 मरीजों की मौत के साथ ही मृतक संख्या 1,639 हो गई। उन्होंने कहा कि 535 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ ही अब तक राज्य में 18,702 लोग ठीक हो चुके हैं। गुजरात में फिलहाल 6,396 मरीज उपचाराधीन हैं, जिनमें से 66 की हालत गंभीर है। राज्य में अब तक 3,19,414 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

मध्य प्रदेश में 142 नए मामले

मध्य प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 142 नए मामले सामने आए। इस तरह राज्य में कोविड-19 से अब तक संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 11,724 तक पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से छह और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 501 हो गयी है। मध्य प्रदेश के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के इंदौर में चार और भोपाल एवं हरदा में एक—एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 193 मौत इन्दौर में हुई है। उज्जैन में 67, भोपाल में 78, बुरहानपुर में 23, खंडवा में 17, खरगोन में 14, सागर में 18, जबलपुर में 13, देवास में 10, मंदसौर में नौ और नीमच में सात लोगों की मौत हुई है। बाकी मौत अन्य जिलों में हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 52 जिलों में अब तक कोरोना वायरस संक्रमित पाये गये हैं। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 1,069 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

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तमिलनाडु में रिकॉर्ड 2,396 मामले सामने आए

तमिलनाडु में शनिवार को एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक 2,396 मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 56,845 हो गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग के अनुसार संक्रमण से 38 और लोगों की मौत हुई जिससे राज्यों में मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 704 पर पहुंच गयी। तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में बीते चार दिन से हर रोज कोरोना वायरस संक्रमण के दो हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। बुलेटिन के अनुसार आज एक दिन में सबसे अधिक 33,231 लोगों की जांच की गई। राज्य में अबतक 8,61,211 लोगों की जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शनिवार को 2,396 मामले सामने आए, जिनमें सबसे अधिक 1,254 मामले चेन्नई से सामने आए हैं। चेन्नई में अबतक कुल 39,641 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि शनिवार को 1,045 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई, जिसके साथ ही ठीक हो चुके लोगों की संख्या 31,316 हो गई है। राज्य में अब भी 24,822 लोग संक्रमित हैं।

हिमाचल प्रदेश में 22 नये मामले

हिमाचल प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के 22 नये मामले सामने आये, जिससे राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 651 पर पहुंच गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आर डी धीमान ने बताया कि ताजा मामलों में, हमीरपुर जिले से 11, कांगड़ा से चार, शिमला से तीन, सिरमौर से दो और सोलन और कुल्लू से एक-एक मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस के कारण सात मौतें हुई हैं। उन्होंने बताया कि 18 मरीज शनिवार को बीमारी से ठीक हुए हैं, जिनमें कांगड़ा के 14, ऊना के दो और शिमला और सोलन जिलों का एक-एक मरीज शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक 402 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, जबकि 11 मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। धीमान ने बताया कि राज्य में अब 229 मरीजों का उपचार चल रहा है।

आंध्र प्रदेश में कोविड-19 के 491 नए मामले

आंध्र प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के 491 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या 8,000 से ज्यादा हो गई है। प्रदेश में अभी तक 101 लोग की संक्रमण से मौत हुई है। कोविड-19 पर ताजा बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अभी तक 4,111 लोग को इलाज के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिली है जबकि 4,240 लोग का अभी इलाज चल रहा है। बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में राज्य में 22,371 नमूनों की जांच हुई है जिनमें से 491 लोग के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 390 आंध्र प्रदेश के स्थानीय लोग हैं। वहीं 83 लोग अन्य राज्यों से आए हैं जबकि 18 लोग विदेश से लौटे हैं। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों कुरनूल और कृष्णा में दो-दो लोग की मौत हुई है जबकि एक व्यक्ति की मौत गुंटूर में हुई है। राज्य में अभी तक कुल 101 लोग की मौत संक्रमण के कारण हुई है।

विमानन किराये की सीमा परिस्थिति आगे बढ़ सकती है

विमानन किराये पर लगी अधिकतम व न्यूनतम सीमा को 24 अगस्त से आगे भी बढ़ाया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आगे परिस्थितियां कैसी रहती हैं। विमानन सचिव पीएस खरौला ने शनिवार को यह कहा। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये विमानन सेवाओं को लगभग दो महीने के लिये निलंबित कर दिया था। घरेलू यात्री उड़ानों को 25 मई से फिर से शुरू किया, लेकिन उड़ान की अवधि के आधार पर किराये पर निचली और ऊपरी सीमाएं रखी गयी। सरकार ने 21 मई को कहा था कि ये सीमाएं तीन महीने की अवधि के लिये होंगी। खरौला ने नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "स्थितियां कैसे बदलती हैं, इसके आधार पर किराया सीमा को (24 अगस्त) से आगे भी बढ़ाना पड़ सकता है। लेकिन अभी यह केवल तीन महीने के लिये है।" देश में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का परिचालन अभी भी निलंबित है। हालांकि, सरकार ने फंसे हुए लोगों को विशेष उड़ानों के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद करने के लिये छह मई को वंदे भारत मिशन शुरू किया है। विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जुलाई के मध्य में जब घरेलू विमानन यात्रियों की संख्या कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर के 50-55 प्रतिशत पर पहुंच जायेगी, सरकार तब अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें शुरू करने के बारे में सोचना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि भारत में मौजूदा सभी 650 वाणिज्यिक विमान साल के अंत तक उड़ान भरना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि मिशन के चरण 3 और चरण 4 के दौरान, कोरोना वायरस महामारी के बीच फंसे लोगों को निकालने के लिये निजी घरेलू एयरलाइंस को 750 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने की मंजूरी दी गयी है। विमानन नियामक डीजीसीए ने 21 मई को घरेलू उड़ानों के लिये सरकार द्वारा तय दरों की सूची जारी की थी। इसके तहत 40 मिनट से कम अवधि वाली घरेलू उड़ानों के लिये न्यूनतम किराया दो हजार रुपये और अधिकतम किराया छह हजार रुपये तय किया गया। इसी तरह न्यूनतम और अधिकतम किराया 40-60 मिनट के लिये क्रमश: 2,500 रुपये और 7,500 रुपये, 60-90 मिनट के लिये 3,000 रुपये और 9,000 रुपये, 90-120 मिनट के लिये 3,500 रुपये और 10,000 रुपये, 120-150 मिनट के लिये 4,500 रुपये और 13,000 रुपये और 150-180 मिनट के लिये 5,500 रुपये और 15,700 रुपये तय किये गये। अभी सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर के महज 33 प्रतिशत घरेलू उड़ानों को ही परिचालन की मंजूरी दी है। मंत्री ने कहा, ‘‘अगले हफ्ते और उसके बाद के लिये हम आवृत्तियों (मौजूदा मार्गों पर) को बढ़ा सकते हैं और 33 प्रतिशत के भीतर स्थानों की संख्या में वृद्धि कर सकते हैं।" उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों के दौरान, कुछ राज्यों ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि का हवाला देकर विमानन मंत्रालय से उड़ानों की संख्या में कमी लाने के लिये कहा है, जबकि कुछ अन्य राज्यों ने उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिये कहा है। पुरी ने कहा, "एक बार जब आप घरेलू क्षमता के 50 प्रतिशत तक पहुंच जाते हैं, तो ऐसा हो सकता है कि तब हम कह सकते हैं कि हम सामान्य अंतरराष्ट्रीय नागरिक परिचालन शुरू कर सकते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि घरेलू नागरिक उड्डयन क्षमता का 50-55 प्रतिशत 15 जुलाई से थोड़ा पहले प्राप्त किया जाये गा। उन्होंने कहा कि घरेलू हवाई यातायात इस साल के अंत तक 2019 के पूर्व-कोविड स्तर पर पहुंच जायेगा। उन्होंने दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों की बहाली इस बात पर निर्भर करेगी कि अन्य देश यात्रियों के लिये अपनी सीमा कब खोलेंगे।

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कर्नाटक में 416 नए मामले

कर्नाटक में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 416 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 8,697 हो गई जबकि नौ मरीज की मौत के बाद मृतक संख्या 132 तक पहुंच गई। शनिवार को स्वस्थ होने के बाद 181 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक, उडुपी और कलबुर्गी के बाद बेंगलुरु शहर ऐसा तीसरा जिला बन गया है, जहां संक्रमितों की संख्या 1,000 से अधिक है। इसके मुताबिक, शनिवार शाम तक राज्य में 8,697 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी थी, जिनमें से 132 की मौत हो गई और 5,391 मरीज ठीक हो चुके हैं। राज्य में फिलहाल 3,170 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से 74 आईसीयू में भर्ती हैं। नौ मृतकों में से तीन बेंगलुरु से थे और दो बीदर से, एक-एक दावणगेरे, चिकमंगलुरु, उडुपी और अन्य राज्य से एक हैं। वहीं, 416 नए मामलों में से 116 संक्रमित अन्य राज्यों से लौटे लोग हैं, जिनमें से अधिकतर पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से आए हुए हैं। 22 मामले अन्य देशों से लौटे लोगों से संबंधित है।

धोखाधड़ी को लेकर चेतावनी दी

सरकार ने लोगों तथा व्यवसायों के खिलाफ बड़े पैमाने पर साइबर हमले की चेतावनी देते हुए कहा है कि साइबर हमलावर कोविड-19 की आड़ में निजी तथा आर्थिक जानकारी चुरा सकते हैं। भारत की साइबर सुरक्षा की नोडल एजेंसी सीईआरटी-इन ने परामर्श जारी किया है जिसमें कहा है कि ये हमले सरकार की ओर से वित्तीय सहायता का काम देखने वाली सरकार एजेंसियां, विभाग तथा कारोबारी संस्था बनकर किए जा सकते हैं। इसमें कहा गया कि ये हमले 21 जून, 2020 से शुरू हो सकते हैं और साइबर हमलावर सरकार के नाम वाली ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमलावर ऐसे स्थानीय अधिकारी बनकर दुर्भावनापूर्ण ईमेल भेज सकते है जिन्हें सरकार द्वारा वित्तपोषित कोविड-19 समर्थित पहलों की सेवा देने का प्रभार दिया गया है। इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने 19 जून के परामर्श में कहा, ‘‘इस तरह की ईमेल लोगों को फर्जी वेबसाइट पर ले जाते हैं जहां उन्हें निजी या वित्तीय जानकारी मुहैया करवानी होती है।’’ परामर्श में कहा गया है कि ऐसे साइबर हमलावरों के पास 20 लाख लोगों के ईमेल आईडी हो सकते हैं और वे ईमेल भेजने की योजना बना रहे हैं जिनमें विषय की जगह लिखा हो सकता है- दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद में सभी नागरिकों के लिए कोविड-19 की जांच मुफ्त।

उत्तराखंड में कोविड-19 से एक व्यक्ति की मौत

उत्तराखंड में कोविड-19 से शनिवार को एक और मरीज की मौत हो गई। वहीं, कोरोना वायरस से 101 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि होने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,278 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक हलद्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल में 66 वर्षीय एक कोरोना वायरस से संक्रमित महिला की मौत हुई है। बुलेटिन के मुताबिक महिला को 16 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह टाइप टू डायबिटीज, सांस लेने की बीमारी के साथ विभिन्न अंगों की परेशानी से ग्रस्त थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस बीच 101 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के साथ राज्य में कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 2,278 हो गई है जिनमें से 1,433 लोग ठीक हो चुके हैं और अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक सबसे अधिक 33 मामले देहरादून से आए हैं। इनके अलावा टिहरी में 24, ऊधम सिंह नगर और उत्तरकाशी में 12-12, चमोली में सात, अलमोड़ा में छह, रुद्रप्रयाग में चार, पौड़ी में दो और हरिद्वार में एक नया मामला सामने आया है।

जम्मू-पठानकोट राजमार्ग बाधित किया

प्रदर्शनकारियों ने कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के दो रिश्तेदारों की कथित तौर पर जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई मौत की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर शनिवार को जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को बाधित कर दिया। जिलाधिकारी सुषमा चौहान ने पहले ही विमल जाडू और उनके चचेरे भाई विपिन जाडू की बृहस्पतिवार को उनके कोरोना पॉजिटिव चाचा के अंतिम संस्कार के दौरान हुई मौत की समयबद्ध न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। इससे एक दिन पहले ही उनके चाचा के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। जिला प्रशासन ने शनिवार की सुबह मानवीय आधार पर दोनों मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। हालांकि, दोनों की कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए गई जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। मृतकों के परिजनों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने जम्मू शहर के बाहरी इलाके गंगयाल में प्रदर्शन किया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने, न्यायिक जांच कराने और पीड़ितों के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ''दोनों युवकों की मौत प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। गर्मी के बावजूद उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनाकर एक शमशान भूमि से दूसरे शमशान भूमि घुमाया गया। उन्हें पानी तक उपलब्ध नही कराया गया।’’ उन्होंने दावा किया कि दोनों युवकों की मौत शरीर में पानी की कमी की वजह से हुई और इसे प्राकृतिक मौत बताकर खारिज नहीं किया जा सकता बल्कि इसे हत्या मानकर जांच की जानी चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक विक्रम रंधावा ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि लोगों की जान बचाने में नाकाम रहने वाले लोगों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ''दोनों की मौत की वजह बनी परिस्थितियों की निंदा की जानी चाहिए। रंधावा ने विमल के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की क्योंकि वह अपने पीछे पत्नी और दो छोटी-छोटी बच्चियों को छोड़ कर गया है।'' स्थानीय पार्षद बलदेव बिल्लावारिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन कोविड-19 से होने वाले मौतों के मामलों में दाह संस्कार का उचित स्थान तय नहीं कर पाया है जबकि पहले भी इसको को लेकर अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं। प्रदर्शनकारियों को मनाने और सड़क खुलनवाने में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ी मेजनत करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के डॉक्टरों के बोर्ड ने मृतकों का पोस्टमॉर्टम किया और शनिवार को शव को परिवार को सौंप दिया।

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2200 रुपये में होगी कोविड-19 जांच

राजस्थान के निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच अब 2200 रुपए में होगी। राज्य सरकार ने शनिवार को इस बारे में निर्देश जारी किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने सभी निजी चिकित्सालयों और प्रयोगशालाओं के लिए निर्देश जारी किया। उसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा एनएबीएल मान्यता प्राप्त एवं आईसीएमआर से कोरोना वायरस संक्रमण जांच हेतु अनुमोदित निजी जांच प्रयोगशालाओं में संक्रमण की आरटी-पीसीआर जांच की अधिकतम दर 2200 रूपए (जीएसटी / सभी कर सहित) निर्धारित की गई है। उसमें मान्यता प्राप्त एवं आईसीएमआर से कोरोना वायरस जांच हेतु अनुमोदित निजी प्रयोगशालाओं द्वारा सभी आवश्यक प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए जांच किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सिंह ने बताया कि राज्य में 20 राजकीय चिकित्सा संस्थानों में कोरोना वायरस की जांच निःशुल्क की जा रही है तथा एनएबीएल मान्यता प्राप्त एवं आईसीएमआर से अनुमोदित चार निजी जांच प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की जा रही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि आईसीएमआर के निर्देशों पर निजी जांच प्रयोगशालाओं में कोविड की जांच की उच्चतम सीमा 4500 रूपए प्रति जांच निर्धारित की गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने आमजन को कम कीमतों पर सहज एवं सुलभ जांच सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 की धारा चार में प्रदत्त शक्तियों के जरिए यह दर 2200 रूपए तय कर दीहै।

शराब की होम डिलिवरी की मंजूरी मिली

ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन और बिगबास्केट को पश्चिम बंगाल में शराब की होम डिलिवरी करने की मंजूरी मिल गयी है। एक दस्तावेज से इसकी जानकारी मिली। ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म बिगबास्केट ने कहा कि यह देश के शराब वितरण श्रेणी में उसका पहला मौका होगा। यह अमेजन के लिये भी भारत में संभवत: पहली बार होगा। सरकारी कंपनी पश्चिम बंगाल स्टेट बेवरेजेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बेवको) ने दोनों कंपनियों को पात्र पाने के बाद होम डिलिवरी के लिये समझौतों पर हस्ताक्षर करने को बुलाया। इनके अलावा कोलकाता की दो कंपनियों सेनरिसा टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और गोल्डन गोयनका कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड को भी को समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिये आमंत्रित किया। यह पूछे जाने पर कि बिगबास्केट कब परिचालन शुरू करेगी, कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हरि मेनन ने बताया, "मैं अभी पुष्टि नहीं कर सकता कि हम कितनी जल्दी शुरू करेंगे, लेकिन हां यह कंपनी के लिए पहली बार की बात होगी।" अमेजन ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। फूड ऑर्डरिंग प्लेटफॉर्म जोमैटो और स्विगी ने पहले ही आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद पश्चिम बंगाल में कोलकाता व सिलीगुड़ी में शराब की डिलिवरी शुरू कर दी है। खुदरा विक्रेता स्पेंसर और हिपबर भी इस क्षेत्र में उतरे हैं। झारखंड देश का पहला राज्य है, जिसने ऑनलाइन प्लेटफार्मों द्वारा शराब की होम डिलिवरी की अनुमति दी।

-नीरज कुमार दुबे

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