Unlock 2 के 27वें दिन जाँच क्षमता 10 हजार और बढ़ी, मोदी ने कहा- हर भारतीय को बचाएँगे

narendra modi

केरल में सोमवार को 702 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जिनमें से कम से कम 43 स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 20 हजार के करीब यानी 19,727 हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भारत द्वारा खड़े किए गए स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों की क्षमताओं में विस्तार को ‘‘अभूतपूर्व’’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि सही समय पर सही फैसले लेने की वजह से कोरोना वायरस के मामले में भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले संभली हुई है। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण इलाकों में मौजूद स्वास्थ्य क्षमताओं को अधिक सक्षम बनाने पर जोर दिया ताकि गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े और कहा कि आज भारत में पांच लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं और आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आज देश उस स्थिति पर आ चुका है, जहां जागरूकता की कमी नहीं है, वैज्ञानिक डेटा का विस्तार हो रहा है और संसाधन भी बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में नोएडा, मुम्बई और कोलकाता में उच्च क्षमता वाली कोविड-19 परीक्षण सुविधाओं की शुरूआत करने के बाद उक्त बातें कहीं। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित थीं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश में जिस तरह सही समय पर सही फैसले लिए गए आज उसी का परिणाम है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले काफी संभली हुई स्थिति में है। आज हमारे देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु बड़े-बड़े देशों के मुकाबले काफी कम है।’’ उन्होंने कहा कि देश में कोरोना से ठीक होने की दर भी अन्य देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है और दिनोंदिन सुधार भी हो रहा है। उन्होंने कहा, ’’आज भारत में कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक होने वालों की संख्या करीब-करीब 10 लाख पहुंचने वाली है।’’ मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को देख कर दुनिया अचंभित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन अत्याधुनिक जांच केंद्रों की शुरुआत से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ताकत मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि अब तीनों जगह कोरोना जांच की जो उपलब्ध क्षमता है, उसमें 10,000 की क्षमता और जुड़ने जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण था कि देश में तेजी के साथ स्वास्थ्य संबंधी मूलभूत संरचनाओं का विकास हो। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत ने बहुत ही तेज गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। उन्होंने कहा, ‘‘जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए जहां मात्र एक केंद्र था वहीं आज करीब 1300 प्रयोगशालाएं पूरे देश में काम कर रही हैं। आज भारत में पांच लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं और आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। इस संकल्प ने भारत को ‘‘हैरतअंगेज’’ परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विशेषकर पीपीई किट्स, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो सफलता की एक बड़ी कहानी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ छह महीने पहले देश में एक भी पीपीई किट का निर्माता नहीं था, वहीं आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पीपीई किट निर्माता है। आज 1200 से ज्यादा निर्माता हर रोज पांच लाख से ज्यादा पीपीई किट बना रहे हैं। एक समय भारत एन-95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था जबकि आज भारत में तीन लाख से ज्यादा एन-95 मास्क हर रोज बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए मानव संसाधन तैयार करना बड़ी चुनौती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों की वजह से आज न सिर्फ लोगों का जीवन बच रहा है, बल्कि जो चीजें देश आयात करता था, अब उनका निर्यातक बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, आंगनबाड़ी और दूसरे स्वास्थ्य व अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया, वो भी अभूतपूर्व है।’’ प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य संसाधनों को और सक्षम बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिलकर नया हेल्थ इंफ्रा तो तैयार करना ही है, जो हमारे पास गांव-गांव में सरकारी और प्राइवेट डिस्पेंसरीज़ हैं, क्लिनिक हैं, उनको ज्यादा सक्षम भी बनाना है। ये हमें इसलिए भी करना है ताकि हमारे गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक गांवों ने कोरोना के खिलाफ बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इसके बावजूद अब राज्यों में जिला, गांव और ब्लॉक के स्तर पर मांग और आपूर्ति की व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे कोरोना योद्धा किसी तरह की थकान का शिकार ना हों। हमें नए और रिटायर्ड प्रोफेशनल्स को हेल्थ सिस्टम से जोड़ने के लिए भी लगातार काम करना होगा।’’ आने वाले त्योहारों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने जनता को सचेत भी किया और कहा कि जब तक कोरोना की कोई प्रभावी दवा या वैक्सीन नहीं बनती, तब तक मास्क, दो गज की दूरी, हाथ धोते रहना ही बचाव का एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी ना हो। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ हर गरीब परिवार तक समय पर पहुंचे, हमें ये भी सुनिश्चित करना है।’’ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस मौके पर कहा कि कोरोना की जांच के लिए आज पूरे देश में प्रयोगशाला उपलब्ध है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वाथ्य मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने की दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर काम करने का जिक्र भी किया। प्रधानमंत्री ने जिन तीन उच्च क्षमता वाली परीक्षण सुविधाओं का शुभारंभ किया उनको रणनीतिक तौर पर आईसीएमआर- राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान, नोएडा, आईसीएमआर- राष्ट्रीय प्रजननीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, मुंबई और आईसीएमआर- राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र बीमारी संस्थान, कोलकाता में स्थापित किया गया है जो हर रोज 10,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करने में सक्षम हैं। इन प्रयोगशालाओं में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों का भी परीक्षण हो सकेगा और महामारी खत्म होने के बाद हेपेटाइटिस बी एवं सी, एचआईवी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, साइटोमेगालोवायरस, क्लैमाइडिया, नीसेरिया, डेंगू इत्यादि बीमारियों के लिए भी परीक्षण कार्य होगा।

आंध्र प्रदेश में कोविड-19 के मामले एक लाख के पार

आंध्र प्रदेश में सोमवार को 6,000 से अधिक लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के साथ ही राज्य में कोविड-19 के मामले एक लाख के आंकड़े को पार कर गये। राज्य में हाल के दिनों में संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। केवल आठ दिनों में राज्य में कोविड-19 के मामलों की संख्या दोगुनी हो गई। आज संक्रमण के 6,051 नये मामले आने के साथ राज्य में संक्रमितों की संख्या 1,02,349 तक पहुंच गई। 20 जुलाई को संक्रमितों की संख्या 50,000 के पार हुई थी। राज्य में 1 जुलाई को 15,252 नये मामले थे, जिसके बाद से राज्य में हर जिले में महामारी तेजी से फैली है और संक्रमितों की संख्या में काफी अधिक वृद्धि हुई है। नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, राज्य में संक्रमण के कारण 49 मौतें हुई हैं, जिससे कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या 1,090 हो गई। पिछले 24 घंटों में, ठीक होने के बाद अस्पतालों से कुल 3,234 रोगियों को छुट्टी दे दी गई। बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या 51,701 है, जबकि अब तक कुल 49,558 मरीज ठीक हो चुके हैं।

उप्र में 30 और लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटो में कोविड-19 से 30 और रोगियों की मौत हो गयी जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 1456 पहुंच गयी है। अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस महामारी के 3578 नये मामले सामने आने के बाद मामलों की कुल संख्या 70,493 हो गई हैं। सोमवार की शाम को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार कोविड-19 के राजधानी लखनऊ में 312 नये मामले, कानपुर नगर 248, प्रयागराज में 162, वाराणसी 146, शाहजहांपुर 139, गाजीपुर 130, जौनपुर 116, तथा बरेली में 114 नये मामले सामने आये हैं। बुलेटिन के मुताबिक लखनऊ में कोविड-19 से छह रोगियों की मौत, कानपुर नगर में पांच, झांसी में तीन और प्रयागराज में दो मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा कई जनपदों में एक-एक रोगी की मौत हुई है। इसके अनुसार इस समय प्रदेश सक्रिय संक्रमण के मामले 26,204 है जबकि 42,833 रोगी स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके है। राज्य में 26,227 रोगी पृथक वार्ड में भर्ती हैं। इससे पहले प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में जांच का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में रविवार को एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए एक दिन में 1,06,962 नमूनों की जांच की गयी, जिसमें 3.5 प्रतिशत लोग ही संक्रमित पाये गये। उन्होंने बताया कि एक दिन में एक लाख से अधिक नमूनों की जांच करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। इस प्रकार कोविड-19 की जांच में 19 लाख का आंकड़ा पार करते हुए प्रदेश में अब तक 19,41,259 नमूनों की जांच की गयी है।

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महाराष्ट्र में 7,924 नये मामले सामने आये

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य में सोमवार को कोविड-19 के 7,924 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,83,723 हो गयी। संक्रमण के कारण 227 और लोगों की जान जाने से राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 13,883 हो गयी। उन्होंने कहा कि दिन में कुल 8,706 मरीजों को छुट्टी दे दी गई, जिसके बाद राज्य में ठीक हुए लोगों की संख्या बढ़कर 2,21,944 हो गई। महाराष्ट्र में अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,47,592 है। राज्य में अब तक कुल 19,25,399 लोगों की जांच की गई है।

मप्र में कोरोना वायरस के 789 नए मामले

मध्य प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 789 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाये गये लोगों की कुल संख्या 28,589 तक पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से नौ और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जिससे मृतकों की संख्या 820 हो गयी है। राज्य के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से जबलपुर एवं रीवा में दो-दो और भोपाल, ग्वालियर, बड़वानी, सिंगरौली एवं अशोकनगर में एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 304 मौत इन्दौर में हुई है। भोपाल में 159, उज्जैन में 72, सागर में 32, जबलपुर में 26, बुरहानपुर में 23, खंडवा में 19 एवं खरगोन में 17 लोगों की मौत हुई है। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में सोमवार को कोविड—19 के सबसे अधिक 189 नये मामले भोपाल जिले में आये हैं, जबकि इंदौर में 127, ग्वालियर में 59, दमोह में 31, जबलपुर में 28 एवं बड़वानी में 27 नये मामले आये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 28,589 संक्रमितों में से अब तक 19,791 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 7,978 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को 659 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 3,076 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार ने छह अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ाया

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजधानी रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग समेत अन्य शहरी इलाकों में लॉकडाउन छह अगस्त तक बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए ‘हॉटस्पॉट’ क्षेत्रों में लॉकडाउन की अवधि को अब छह अगस्त तक के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। जिलों में कोरोना संक्रमण वाले इलाकों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन के संबंध में निर्णय लेंगे। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर गहन विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया। इस अवसर पर मंत्रिपरिषद के सदस्य भी उपस्थित थे। बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए राज्य के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में जहां कारोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, उसकी रोकथाम को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 28 जुलाई से बढ़ाकर छह अगस्त तक करने का निर्णय लिया है। जिन इलाकों में संक्रमण की स्थिति अधिक है वहां लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। चौबे ने बताया कि उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने, लैब तकनीशियन, एएनएम तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की पूर्ति जिला खनिज निधि न्यास मद से करने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया गया है। मंत्री ने बताया कि उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में खरीफ फसलों की स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए आवश्यकता और जलाशयों में पानी उपलब्धता को देखते हुए 28 जुलाई से ही जलाशयों से पानी छोड़ने का भी निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। राज्य में रविवार तक कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7613 हो गई थी। इनमें में 2626 लोगों का इलाज किया जा रहा है वहीं 4944 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। राज्य में इस वायरस से संक्रमित 43 लोगों की मौत हुई है। राज्य में पिछले एक महीने के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के पांच हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य का रायपुर जिला सबसे अधिक प्रभावित है। जिले में इस वायरस के संक्रमण के 2187 मामले दर्ज किए गए हैं। रायपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए जिला प्रशासन ने रायपुर और बिरगांव नगर निगम क्षेत्र में इस महीने की 22 तारीख से 28 तारीख तक लॉकडाउन करने का फैसला किया था। वहीं राज्य के बिलासपुर, कोरबा, अंबिकापुर, दुर्ग, मुंगेली, बेमेतरा और राजनांदगांव शहरों में अलग-अलग समय के लिए लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया गया है।

गलत रिपोर्ट देने वाले टेस्ट क्यों ?

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को शहर की आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा कि वह कोविड-19 की प्राथमिक जांच के तौर पर ‘‘रैपिड एंटीजन टेस्ट’’ क्यों करा रही है, जबकि इसकी रिपोर्ट गलत आने की दर बहुत ज्यादा है। अदालत ने कहा कि ‘‘रैपिड एंटीजन टेस्ट’’ की नेगेटिव रिपोर्ट के गलत साबित होने की दर अत्यधिक है। अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली सरकार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी दिशानिर्देशों का ‘‘सख्ती से’’ अनुपालन करे और इस संबंध में अपने मन मुताबिक कार्य नहीं करे। उच्च न्यायालय ने इस बात का भी जिक्र किया कि दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किये गये सीरो सर्वे (रक्त के नमूनों की जांच) से यह संकेत मिला है कि 22.86 प्रतिशत से अधिक आबादी कोविड-19 से पीड़ित हुई है, जबकि उन्हें यह महसूस नहीं हुआ कि वे संक्रमित हैं क्योंकि उनमें शायद इसके लक्षण नहीं थे। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि इस तरह के परिदृश्य में दिल्ली सरकार अपने अग्रिम मोर्चे के जांच के तौर पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ कैसे आगे बढ़ सकती है, जबकि इसकी गलत नेगेटिव रिपोर्ट आने की दर बहुत अधिक है और आरटी/ पीसीआर जांच कराने की केवल उन्हीं को लोगों को सलाह दी जा रही है, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं। अदालत ने कहा कि आईसीएमआर ने नहीं कहा है कि जांच इस तरीके से करानी होगी। दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने पीठ से कहा कि स्वास्थ्य विभाग आईसीएमआर के उन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कर रहा है, जिनमें कहा गया है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट जिन लोगों की नेगेटिव आएगी और उनमें इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण दिखेंगे, उनकी आरटी/पीसीआर जांच कराई जाए। वहीं, अधिवक्ता राकेश मेहरोत्रा ने अदालत से कहा कि आईसीएमआर ने बस इतना कहा है कि जिन लोगों में इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण दिखेंगे और रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आएगी, उन्हें आरटी/पीसीआर जांच से गुजरना होगा और यह रणनीति उन लोगों पर लागू नहीं होती जो श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी (एसएआरआई) से ग्रसित हैं। दिल्ली में जांच की संख्या बढ़ाने और तेजी से रिपोर्ट प्राप्त करने की मेहरोत्रा की याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही है। दिल्ली सरकार ने कहा कि अधिक जोखिमग्रस्त लोगों की अपनी सूची में उसने एसएआरआई को भी शामिल किया है, जिन्हें पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट से गुजरना होगा। आईसीएमआर का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्र सरकार के वकील अनुराग आहलूवालिया ने पीठ से कहा कि उसने कभी भी रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिये एसएआरआई की सिफारिश नहीं की और यह इंफ्लुएंजा जैसे रोगों के समान नहीं है। आईसीएमआर से डॉ. निवेदिता गुप्ता ने भी अदालत से कहा कि इसने कभी नहीं कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव रिपोर्ट आने वाले कोविड-19 के गैर लक्षण वाले मरीज को आरटी/पीसीआर जांच नहीं करानी होगी। इसने सिर्फ यह कहा था कि कोविड के लक्षण वाले रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आये मरीजों को प्राथमिकता दी जाए। आईसीएमआर की दलील पर गौर करते हुए अदातल ने दिल्ली सरकार से कहा कि कोविड-19 की जांच पर उसके दिशानिर्देशों का उसे सख्ती से पालन करना होगा। अदालत ने कहा, ‘‘आप आईसीएमआर के परामर्श में बदलाव क्यों कर रहें? आप अपने मुताबिक इसकी व्याख्या नहीं कर सकते।’’ कोविड-19 की जांच के लिये चिकित्सक की सलाह की जरूरत होने के मुद्दे को लेकर भी दिल्ली सरकार को अदालत की नाराजगी का सामना करना पड़ा। अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा कि उसने मई में निजी चिकित्सकों को कोविड-19 के लिये नुस्खा लिखने की इजाजत कैसे दे दी जबकि आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी एक जुलाई को इजाजत दी। यही कारण है कि लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। अदाल ने आईसीएमआर को सीरो सर्वे के मद्देनजरजांच रणनीति पर अदालत के समक्ष अपना अगला परामर्श पेश करने को कहा और विषय की अगली सुनवाई चार अगस्त के लिये सूचीबद्ध कर दी। दिल्ली सरकार को भी तब तक की गई जांच की अद्यतन स्थिति रिपोर्ट देने को कहा गया है।

मरीजों ने डॉक्टर से बदसलूकी की

पश्चिम त्रिपुरा जिले में कोविड देखभाल केंद्र पर मरीजों के एक समूह ने एक महिला डॉक्टर से कथित तौर पर बदसलूकी की और उनपर थूक दिया। यह घटना उस वक्त हुई जब वह कुछ अन्य लोगों को वहां भर्ती कराने गयी थीं। पुलिस ने बताया कि पश्चिम त्रिपुरा जिला निगरानी अधिकारी डॉ. संगीता चक्रवर्ती भगत सिंह यूथ हॉस्टल में बनाए गए कोविड देखभाल केंद्र में नवजात शिशुओं के साथ पांच महिलाओं को भर्ती कराने गयी थीं। इसी बीच, मरीजों के एक समूह ने कहा कि वे नए मरीजों को नहीं आने देंगे क्योंकि पहले से ही वहां ज्यादा मरीज हैं। केंद्र के डॉक्टरों ने जब मरीज को समझाने की कोशिश की तो उन्होंने अपशब्द कहे और चक्रवर्ती पर थूक दिया तथा चक्रवर्ती को संक्रमित कर देने की धमकी दी। पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) माणिकलाल दास ने सोमवार को बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा पुलिस के संज्ञान में मामला लाने पर जांच शुरू की गयी। एसपी ने बताया, ‘‘पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज के जरिए दो लोगों की पहचान की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मरीजों के ठीक होने का इंतजार करेंगे और इसके बाद कार्रवाई शुरू करेंगे।’’ स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव एस के राकेश ने कहा, ‘‘इस तरह की घटना स्वीकार्य नहीं है। हमारे दिशा-निर्देश के मुताबिक कोविड-19 का कोई भी मरीज नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा।’’ पश्चिम त्रिपुरा जिले में कोविड देखभाल केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि यहां पर 300 बेड की क्षमता है और चक्रवर्ती जब मरीजों को भर्ती कराने गयी थीं उस वक्त 270 मरीज थे। उधर, त्रिपुरा के सरकारी डॉक्टरों के संगठन (एटीजीडीए) ने चक्रवर्ती से दुर्व्यवहार करने वाले और उनपर थूकने वाले मरीजों को सख्त सजा देने की मांग की है।

तमिलनाडु में कोविड-19 के 6,993 नये मामले

तमिलनाडु में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 6,993 नये मामले सामने आये, जो अब तक एक दिन की सर्वाधिक संख्या है। इसके साथ ही, राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 2,20,716 पहुंच गई। सोमवार लगतार तीसरा दिन रहा, जब राज्य में संक्रमण के करीब सात हजारे मामले सामने आये। इससे पहले रविवार को 6,986 और शनिवार को 6,988 मामले सामने आये थे। राज्य में कोविड-19 से 77 और लोगों की मौत होने के साथ इस महामारी से अब तक हुई मौतों की संख्या बढ़ कर 3,571 हो गई। स्वास्थ्य विभाग की एक बुलेटिन में कहा गया है कि संक्रमण के नये मामलों में चेन्नई और इसके आसपास के जिलों, चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरूवल्लूर से कुल 2,422 मामले हैं, जबकि शेष मामले राज्य के अन्य जिलों से हैं। कोविड-19 से मरने वाले 77 लोगों में 69 पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे। कुल मृतक संख्या बढ़ कर अब 3,571 हो गई, जिनमें सिर्फ चेन्नई में ही 2,032 लोगों की मौत हुई है। राज्य के कुल 2,20,716 मामलों में केवल चेन्नई से ही 95,857 मामले हैं। राज्य में अभी कुल इलाजरत मरीज 54,896 हैं। सोमवार को अस्पतालों से 5,723 लोगों को छुट्टी दिये जाने के साथ अब तक इस रोग से उबर चुके लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 1,62,249 हो गई।

43,022 स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती केंद्र

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 43,022 स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनका उद्देश्य लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की अवधि (जनवरी से जुलाई 2020 के बीच) के दौरान करीब 13,657 स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती केंद्र खोले गये। मंत्रालय ने कहा कि ये केंद्र समुदाय को व्यापक एवं गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘24 जुलाई 2020 तक, 43,022 स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती केंद्र देश के विभिन्न हिस्सों में संचालित हो रहे थे।’’ मंत्रालय ने कहा कि 44.26 लाख लोग आयुष्मान भारत और तंदुरूस्ती केंद्रों द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं से 18 जुलाई से 24 जुलाई के बीच लाभान्वित हुए। बयान में कहा गया है, ‘‘14 अप्रैल से स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती केंद्रों में पहुंचने वाले लोगों की संख्या में क्रमश: वृद्धि दर्ज की गई। इन केंद्रों ने गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित नहीं होने देने को सुनिश्चित किया है।’’ 

मंत्रालय ने कहा कि देश भर में 32,000 योग सत्र का आयोजन किया गया। इन केंद्रों के स्थापित होने के बाद से कुल 14.24 लाख योग सत्र का आयोजन किया गया। बयान में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा ये केंद्र गैर संचारी रोगों की व्यापक जांच में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। पिछले हफ्ते 3.83 लाख लोगों की रक्तचाप की, 3.14 लोगों की मधुमेह की, 1.15 लाख लोगों के मुंह के कैंसर की और 45,000 महिलाओं की स्तन कैंसर की तथा 36,000 महिलाओं की सर्विकल कैंसर की जांच की गई।’’ बयान में कहा गया है कि इन केंद्रों के स्थापित होने के बाद से कुल 4.72 करोड़ लोगों की रक्तचाप की, 3.14 करोड़ लोगों की मधुमेह की, 2.43 करोड़ लोगों की मुंह के कैंसर की, 1.37 करोड़ महिलाओं की स्तन कैंसर की और 91.32 लाख महिलाओं की सर्विकल कैंसर की जांच की गई।

सिक्किम में कोविड-19 मामले बढ़े

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार को कहा कि लोगों द्वारा लॉकडाउन दिशा-निर्देशों का घोर उल्लंघन किये जाने से कोविड-19 के मामलों में अचानक तेज वृद्धि हुई है। उन्होंने पुलिस को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। राज्य में कोविड-19 महामारी के प्रबंधन की समीक्षा के लिये राज्य कार्यबल के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए तमांग ने यह बात कही। सिक्किम में 30 जून तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 88 थी, जो बीते एक महीने में छह गुना बढ़कर 545 हो गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा, 'लॉकडाउन दिशा-निर्देश पूरी सख्ती के साथ लागू किये जाने चाहिये।'

अंडमान में कोविड-19 के 34 नए मामले

अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में कोरोना वायरस संक्रमण के 34 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या सोमवार को 324 हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि संक्रमण के नए मामले सामने आने के बाद इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 142 हो गई। वहीं, कोविड-19 के 182 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिनमें से पिछले 24 घंटे में छह मरीज स्वस्थ हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि उप निदेशक (स्वास्थ्य) अविजीत रॉय भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। वह द्वीप पर कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में सबसे आगे थे। कोविड-19 के नोडल अधिकारी रॉय को साउथ पॉइंट इलाके के सर्किट हाउस में स्थानांतरित किया गया है। उप राज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डीके जोशी ने रेडियो के माध्यम से एक संदेश में लोगों से अपील की कि वे प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने रेखांकित किया कि केंद्र शासित प्रदेश में मई से अब तक 36,000 लोग आए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बेवजह यात्रा करने से बचें। उन्होंने बताया कि इस द्वीप पर 10 लाख की आबादी पर 53,000 नमूनों की जांच की गई है। यह राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।

जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 से नौ और लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से नौ और लोगों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या 321 हो गई जबकि 470 नए मामले सामने आने के बाद केंद्रशासित प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा 18,390 हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि नए मामलों में जम्मू से 161 और कश्मीर से 309 नये मरीज शामिल हैं। उन्होंने बताया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से संक्रमित नौ लोगों की मौत हुई। ये सभी कश्मीर घाटी के थे।’’ केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 321 हो गई है, जिनमें से 298 मरीज कश्मीर घाटी तथा 23 मरीज जम्मू क्षेत्र के थे। इस केंद्र शासित प्रदेश में फिलहाल कोविड-19 के 7,667 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 10,402 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। नए संक्रमितों में से 79 लोग हाल में जम्मू-कश्मीर लौटे थे। अधिकारी ने बताया कि नए मामलों में सबसे ज्यादा, मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले में 132 और अनंतनाग में 53 मामले आए हैं।

होटल व्यवसाय पर संकट

तमिलनाडु में होटल और रेस्त्रां को कोविड-19 महामाारी के समय बढ़ते कर्ज और वेतन सहित वित्तीय प्रतिबद्धताओं के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में जानकारी रखने वालों के अनुसार ग्राहकों को भोजन पैक कराकर घर ले जाने की सुविधा प्रदान करने वाले चेन्नई और अन्य शहरों में स्थित होटलों का कहना है कि इस सुविधा को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया कोरोना वायरस महामारी के चलते धीमी और गैर लाभकारी है। तमिलनाडु में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयासों के तहत राज्य सरकार ने होटल और रेस्त्रां को ग्राहकों को भोजन पैक कराकर घर ले जाने की सुविधा प्रदान करने अनुमति दी है। तमिलनाडु में अनुमानित 50 हजार होटल और रेस्त्रां हैं और उन्हें ग्राहकों को खाने-पीने की वस्तु पैक कराकर घर ले जाने की सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी गई है, हालांकि उपभोक्ता ऐसे होटल और रेस्त्रां में बैठकर भोजन नहीं कर सकते। कुछ होटलों ने खाद्य पदार्थ के नये विकल्प शुरू किये हैं जिन्हें फोन पर ऑर्डर किया जा सकता है, जिससे लोग अपने घरों पर आराम से बैठकर शानदार भोजन का आनंद ले सकते हैं। तमिलनाडु होटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमवी सुब्बू ने कहा, ‘‘लॉज और होटल व्यवसाय कम होने से प्रभावित हैं और पार्सल (टेकवे) सेवा में केवल 25 प्रतिशत कारोबार देखा गया है और यह बहुत कम लाभकारी है।" उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र पर अनिश्चितता व्याप्त है और होटल व्यवसायी यकीन से नहीं कह सकते स्थिति में सुधार कब होगा और सामान्य व्यापार का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा, ‘‘भले ही एक अगस्त से होटल बड़े पैमाने पर फिर से खुल जाएं, लेकिन अगले दो महीनों तक कोई व्यवसाय नहीं होगा। उसके बाद, इसमें सुधार हो सकता है।’’ चेन्नई होटल्स एसोसिएशन के सचिव आर राजकुमार ने 24 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से कारोबार में राजस्व हानि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार महीनों से कोई कारोबार नहीं हुआ है। इसके बावजूद, हम अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बाध्य हैं।" उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र राजस्व हानि और वेतन भुगतान से ही प्रभावित नहीं हैं, विभिन्न कर उस पर बोझ बढ़ा रहे हैं।

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दिल्ली में संक्रमण के 613 नए मामले

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 613 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या सोमवार को 1,31,219 हो गई। इसके अलावा बीते 24 घंटे में 26 रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की तादाद 3,853 हो गई है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार दोपहर जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। राजधानी में रविवार को संक्रमण के 1075 नए मामले सामने आए थे। दिल्ली में फिलहाल 10,994 रोगियों का इलाज चल रहा है। रविवार को इनकी संख्या 11,904 थी। शहर में अब तक 1,16,372 लोग ठीक हो चुके हैं।

ओडिशा में ‘कोवैक्सिन’ का परीक्षण शुरू

कोरोना वायरस के खिलाफ देश में बने संभावित टीके कोवैक्सिन का सोमवार को यहां के एक संस्थान में इंसानों पर नैदानिक परीक्षण शुरू हो गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा चयनित 12 केंद्रों में से एक आयुर्विज्ञान संस्थान और एसयूएम अस्पताल में बहुप्रतीक्षित बीबीवी152 कोविड-19 टीके या कोवैक्सिन का परीक्षण शुरू हो गया है। संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि पहले और दूसरे चरण की प्रक्रिया के लिए इन 12 केंद्रों का चयन किया गया है। परीक्षण प्रक्रिया के प्रधान अनुसंधानकर्ता डॉ. ई. वेंकट राव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही कोवैक्सिन कुछ चयनित लोगों को लगाई गई जो इस महत्वपूर्ण परीक्षण का हिस्सा बनने के लिये खुद आगे आए थे। उन्होंने कहा कि टीका लगवाने के लिये आगे आए स्वयंसेवकों को कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ा और उन्हें भारत के औषधि महानियंत्रण (डीसीजीआई) द्वारा तय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यह टीके लगाए गए।

कोविड-19 से मरने वाले का शव 14 घंटे पड़ा रहा

कोविड-19 से मरने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति के परिवार ने दावा किया है कि दक्षिण 24 परगना जिला स्थित आवास में उनका शव 14 घंटे तक पड़ा रहा, लेकिन बार-बार कॉल किये जाने बावजूद पड़ोसियों और स्थानीय पार्षद ने कोई जवाब नहीं दिया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि करीब 65 वर्ष की आयु के व्यक्ति की रविवार मध्य रात्रि मृत्यु हो गई। मृतक के भाई ने बताया, ‘‘मेरे बड़े भाई के अलावा परिवार के तीन अन्य लोगों की भी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। दादा (भाई) की रविवार रात 11 बजकर 55 मिनट पर मृत्यु हो गई। तब से हमनें पार्षद अशोक मंडल से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी भी (फोन) कॉल का जवाब नहीं मिला। हमनें राज्य स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क किया लेकिन किसी ने मदद नहीं की।’’ उन्होंने बताया कि पड़ोस से भी कोई मदद के लिये नहीं आया। जब राज्य के मंत्री एवं स्थानीय विधायक पार्थ चटर्जी ने हस्तक्षेप किया, तब जाकर शव की अंत्येष्टि का इंतजाम किया जा सका। बेहला पश्चिम क्षेत्र से विधायक चटर्जी ने संपर्क किये जाने पर कहा, ‘‘मैंने बेहला पुलिस थाना प्रभारी और मृतक के भाई से बात की। यदि पार्षद ने कॉल का जवाब नहीं दिया तो यह सही चीज नहीं है। मैं चीजों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं।’’

स्वयं रोगाणु मुक्त होने वाले दस्ताने बनाए

उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक स्मार्ट उपकरण विकसित किया है जो सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन होते ही आगाह करता है। इसके अलावा संस्थान ने ऐसा दस्ताना विकसित किया है जो स्वत: रोगाणु मुक्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि पहने जाने वाला यह उपकरण बैटरी से चलता है। अनुसंधानकर्ताओं ने दावा किया कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बहुत कारगर हैं। नोएडा स्थिति एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि सामाजिक दूरी का अनुपालन कराने वाला उपकरण कलाई घड़ी की तरह है और किसी के छह फीट से कम दूरी पर आने पर चेतावनी देने लगता है। उन्होंने बताया, ‘‘यह बहुत ही छोटा, लाने-ले जाने में आसान, सस्ता और कम ऊर्जा खपत करने वाला उपकरण है। इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से दो लोगों के बीच छह फीट की दूरी सुनिश्चित की जा सकती है और इसका उल्लंघन होने पर अलार्म और रोशनी के जरिये यह चेतावनी देता है।'' उन्होंने बताया कि इस उपकरण की कीमत 400 से 500 रुपये के बीच होगी और इसकी बैटरी को आसानी से चार्ज किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि यह अनुसंधान दल प्रख्यात वैज्ञानिक और विश्वविद्यालय के ही इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस रिसर्च ऐंड स्टडीज (वस्तु एवं उपकरण) के प्रोफेसर वीके जैन के नेतृत्व में गत तीन महीने से काम कर रही है। अनुसंधान दल ने एक लॉकेट भी बनाया है जो चेहरा छुने पर हर बार उपयोकर्ता को बताता है। इससे लोग बार-बार चेहरा छूने की आदत में बदलाव कर सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि जैसे ही व्यक्ति का हाथ चेहरे के पास जाता है यह लॉकेट अलार्म और एलईडी लाइट और कंपन के जरिये उसे आगाह करने लगता है। विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक दस्ताना भी विकसित किया है जो न केवल इसे पहनने वाले को बचाता है बल्कि विषाणु के प्रसार को भी रोकता है। उन्होंने बताया, ''दस्ताने की भीतरी परत सामान्य सुरक्षा के लिए है जबकि दूसरी परत में सैनिटाइजर होता है। वहीं तीसरी और ऊपरी परत से रोगाणु मुक्त करने वाली दवा निकलती है जो वायरस को फैलने से रोकती है। सैनेटाइजर का स्राव उंगलियों की गति से पड़ने वाले दबाव के आधार पर होता है।

दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बकरीद मनाएं

देश में मुसलमानों के प्रमुख संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय से ईद-उल-अज़हा पर स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सोमवार को अपील की। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मुसलमानों को सलाह दी जाती है कि एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मस्जिद या घर पर ईद-उल-अज़हा की नमाज अदा करें। मौलाना मदनी ने एक बयान में कहा, "अधिक उचित है कि सूरज निकलने के बीस मिनट के बाद छोटी नमाज़ और खुतबा अदा करके कुर्बानी कर ली जाए और गंदगी को इस तरह दफ्न किया जाए कि जिससे बदबू न फैले।" जमीयत प्रमुख ने लोगों से प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी नहीं करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अगर कहीं पर कुर्बानी करने में परेशानी हो तो कुछ समझदार और जिम्मेदार लोग प्रशासन को विश्वास में लेकर कुर्बानी कराएं। उन्होंने कहा कि फिर भी मज़हबी वाजिब (धार्मिक दायित्व) को अदा करने का रास्ता न निकले तो किसी नजदीकी स्थान पर कोई दिक्कत न हो वहां कुर्बानी करा दी जाए। मौलाना मदनी ने कहा, "जिस जगह कुर्बानी होती आई है और फिलहाल दिक्कत है तो वहां कम से कम एक बकरे की कुर्बानी अवश्य की जाए और प्रशासन के कार्यालय में दर्ज भी करा दिया जाए ताके भविष्य में कोई दिक्कत न हो।" ईद-उल-अज़हा या जुहा या बकरीद पर मुस्लिम समुदाय के सदस्य पशुओं की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी उन लोगों पर फर्ज होती है जिनके पास 613 ग्राम चांदी या इसके बराबर का पैसा है। ईद-उल-अज़हा का त्योहार एक अगस्त को मनाया जाएगा।

अपनी रणनीति की प्रशंसा की

गोवा में अब तक कुल 1.21 लाख लोगों की कोरोना वायरस जांच हो चुकी है और उनमें से 8.11 प्रतिशत लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। राज्य विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने यह जानकारी दी। अब तक कोविड-19 से हुई 35 मरीजों की मौत पर राणे ने शोक प्रकट किया और कहा कि महामारी से होने वाली मौतों की दर, गोवा उन राज्यों में है जहां मृत्युदर सबसे कम है। सदन में दिए गए अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा, “हमने 1.21 लाख लोगों की जांच की और उनमें से 8.11 प्रतिशत लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण पाया गया। गोवा में हो रही जांच की संख्या प्रति दस लाख लोगों के हिसाब से देश में सर्वाधिक में से एक है। राज्य में कोविड-19 के मरीज 65 प्रतिशत की दर से ठीक हो रहे हैं जो अच्छी बात है। हमें दुख है कि महामारी से 35 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।” राणे ने अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे समय में उन्हें रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सदन में कहा कि महामारी पूरे दुनिया के लिए एक पहेली थी और उनकी सरकार ने कई चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को घर वापस भेजा, लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की और देश और दुनिया में फंसे गोवा वासियों को वापस लाया गया। उन्होंने कहा, “हमने कोविड-19 के सभी मरीजों को मुफ्त में उपचार मुहैया कराया। हमसे पांच सितारा उपचार की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।''

असम में कोविड-19 से सात और मौतें

असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य में सोमवार को कोविड-19 के सात और मरीजों की मौत हो गई, जिससे राज्य में मृतकों की कुल संख्या 86 हो गई है। उन्होंने बताया कि नवीनतम मौतों में गुवाहाटी की 26 वर्षीय महिला और पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के एक 59 वर्षीय वन अधिकारी शामिल हैं। डिब्रूगढ़ के एक 72 वर्षीय डॉक्टर और जोरहाट जिले के एक अन्य व्यक्ति ने भी संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा दी। मंत्री ने कहा कि दिन में तिनसुकिया जिले में एक महिला सहित तीन लोगों की भी संक्रमण से मौत हो गई। राज्य में अब तक कोविड-19 के 32,228 मामले सामने आये हैं। सरमा ने कहा कि वर्तमान में 8,106 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 24,040 मरीज ठीक हुए हैं और तीन राज्य से बाहर चले गए हैं।

गुजरात में कोविड-19 के 1,052 नए मामले

गुजरात में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,052 नए मामले सामने आए तथा महामारी से 22 और मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद राज्य में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 56,874 हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने कहा कि कोविड-19 से 22 मरीजों की मौत होने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 2,348 हो गई है। विभाग के अनुसार राज्य भर में कोविड-19 के 1,015 मरीज ठीक हो गए। गुजरात में अब तक कोविड-19 के 41,380 मरीज ठीक हो चुके हैं। विभाग ने बताया कि राज्य में अभी 13,146 मरीज उपचाराधीन हैं जिनमें से 81 की हालत नाजुक है।

मुख्यमंत्री चौहान मंत्रिपरिषद की ऑनलाइन बैठक करेंगे

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के चलते मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की ऑनलाइन बैठक की जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान कोविड-19 के उपचार के लिये भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं और वहीं से ही विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में पहली बार 28 जुलाई की पूर्वाह्न 11 बजे से मंत्रिपरिषद की बैठक ऑनलाइन होगी। उन्होंने बताया कि बैठक में मंत्रिपरिषद के सदस्य कहीं से भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हो सकते हैं।

कर्नाटक में कोविड-19 मरीजों की संख्या एक लाख के पार

कर्नाटक में कोविड-19 मरीजों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है। वहीं सोमवार को राज्य में एक दिन में सबसे अधिक 5,324 नये मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक गत 24 घंटे में राज्य में कोविड-19 से 75 और लोगों की मौत हुई है जिन्हें मिलाकर कर्नाटक में अबतक 1,953 लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, इस अवधि में 1,847 मरीजों को संक्रमण मुक्त होने के बाद असपतालों से छुट्टी दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि नये मामलों के साथ राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या 1,01,465 हो गई है। वहीं राज्य में अबतक 1,953 लोगों की मौत हुई है जबकि 37,685 लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई है। विभाग ने बताया कि सोमवार को सामने आए 5,324 नये मामलों में सबसे अधिक 1,470 मामले अकेले बेंगलुरु शहर में आए हैं। इससे पहले राज्य में सबसे एक दिन सबसे अधिक नये मामले आने का रिकॉर्ड 26 जुलाई को बना था तब कुल 5,199 नये मामले सामने आए थे। यह लगातार चौथा दिन है जब राज्य में 5000 के करीब नये मामले सामने आए हैं।

उद्धव ने प्रधानमंत्री से मदद मांगी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई के निकट एक स्थायी संक्रामक रोग अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने के लिये सोमवार को केन्द्र सरकार से सहयोग और मदद मांगी। ठाकरे ने नोएडा, मुंबई और कोलकाता में कोविड-19 जांच केंद्रों के डिजिटल उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ बातचीत करते हुए यह मांग रखी। ठाकरे ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि मैं मुंबई शहर के निकट स्थायी संक्रामक रोग अस्पताल स्थापित करना चाहता हूं, जहां इलाज के लिये रोगियों को भर्ती किया जाए। साथ ही अनुसंधान भी किये जाएं। मुझे इसके निर्माण में आपका सहयोग और मदद चाहिये।

ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी की जांच रिपोर्ट निगेटिव

अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी आराध्या बच्चन की कोविड-19 जांच रिपोर्ट सोमवार को निगेटिव आयी और दोनों को शहर के एक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 46 वर्षीय अभिनेत्री के पति एवं अभिनेता अभिषेक बच्चन ने इसकी ट्विटर पर पुष्टि की। अभिनेता ने ट्वीट किया, ‘‘सौभाग्य से ऐश्वर्या और आराध्या की रिपोर्ट निगेटिव आई है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। दोनों अब घर पर रहेंगी।’’ 44 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह और उनके पिता अमिताभ बच्चन अब भी नानावती अस्पताल के पृथक वार्ड में हैं। अभिनेता ने ट्वीट किया, ‘‘मैं और मेरे पिता अब भी अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में हैं। आप सभी की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए धन्यवाद। हमेशा आभारी रहूंगा।’’ अभिनेत्री और उनकी आठ वर्षीय बेटी को संक्रमित पाए जाने के करीब एक सप्ताह बाद 17 जुलाई को नानावती अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया था। वहीं, अमिताभ और अभिषेक बच्चन 11 जुलाई को अस्पताल में भर्ती हुए थे। पिता-पुत्र अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी अपने प्रशंसकों के साथ विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर साझा करते रहे हैं। मुंबई के एक अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज करा रहे सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पृथक-वास में रह रहे मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के संघर्ष के बारे में बात करते हुए सप्ताहांत में अपने ब्लाग पर लिखा था। अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा कि इस बीमारी से पैदा हुई मानसिक स्थिति रोगी पर भारी पड़ती है क्योंकि उसे मानवीय संपर्क से दूर रखा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 मरीज को अस्पताल के अलग वार्ड में रखा जाता है जिससे वह हफ्तों तक दूसरे लोगों को नहीं देख पाता। नर्स और डॉक्टर इलाज के लिए आते हैं और दवाएं देते हैं लेकिन वे हमेशा पीपीई किट्स पहने दिखाई देते हैं।’’ अमिताभ ने कहा, ‘‘रात के अंधेरे और ठंडे कमरे में कंपकंपी के बीच मैं गाना गाता हूं...सोने की कोशिश में आंखें बंद करता हूं...आसपास कोई भी नहीं होता।’’ बॉलीवुड अभिनेता ने गत सप्ताह इन खबरों को खारिज कर दिया था कि उनकी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट अंतत: निगेटिव आयी है।

मुख्यमंत्री रूपाणी के डैशबोर्ड की तारीफ की गयी

अहमदाबाद के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएमए) के सर्वेक्षण में डैशबोर्ड की तारीफ की गयी है जिसके माध्यम से गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कोविड-19 महामारी के खिलाफ संघर्ष में संबंधित पक्षों के साथ समन्वय करते हैं। इस अध्ययन के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल किये गये 2387 लोगों में से करीब 80 फीसद ने कोविड-19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री के नेतृत्व से संतोष व्यक्त किया है। सर्वेक्षण के मुताबिक 70 फीसद स्वास्थ्यकर्मी संकट के दौरान संवाद, विश्वास कायम करने और स्थिति को पूरी तरह संभालने को लेकर संतुष्ट नजर आये। करीब 53 फीसद स्वास्थ्ययकर्मियों और 51 फीसद प्रशासनिक कर्मियों को मुख्यमंत्री का नेतृत्व एवं समर्थन ‘शानदार’ लगा। यह सर्वेक्षण आईआईएमए के शिक्षक रंजन कुमार घोष और उनकी टीम द्वारा गुजरात में कोविड-19 की स्थिति तथा राज्य सरकार द्वारा अपनायी गयी गतिशील एवं प्रभावी रणनीतियों का एक ‘निरीक्षण’ लक्ष्य’ के साथ तैयार रिपोर्ट का हिस्सा था। हालांकि इसमें चेतावनी है कि यह महामारी अभी दूर नहीं हुई है। सर्वेक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आयी है जो सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के विरूद्ध हैं। अहमदाबाद और सूरत में अध्ययन में शामिल लोगों में 72 फीसदी का कहना था कि वे ऑनलाइन खरीददारी को वरीयता देते हैं। राज्य में 26 जुलाई तक कोविड-19 के मामले 55,822 हो गये थे और 2,326 मरीजों की जान चली गयी थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह आंकड़ा दिया है।

वुहान बाजार पहले ही साफ कर दिया गया था

चीन में प्रारंभ में कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने वाले एक चीनी डॉक्टर ने स्थानीय प्रशासन पर उसके केंद्र वुहान में इस महामारी की प्रारंभिक स्तर पर लीपापोती करने का आरोप लगाया और कहा कि जब वे जांच के लिए गये तब सबूत पहले ही नष्ट कर दिया गया था। हांगकांग के सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं चिकित्सक प्रोफेसर क्वोक-यंग युएन ने बीबीसी से कहा कि हुनान के वन्यजीव बाजार में सबूत नष्ट कर दिया गया और चिकित्सकीय निष्कर्ष के प्रति जवाबी कार्रवाई बहुत धीमी थी। युएन ने चीनी शहर वुहान में कोविड-19 महामारी के फैलने की जांच में मदद की थी। बीबीसी के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम हुनान सुपरमार्केट में गये तब वाकई वहां देखने के लिए कुछ था ही नहीं क्योंकि बाजार की पहले ही सफाई कर दी गयी थी। ऐसे में आप कह सकते हैं कि अपराधदृश्य में पहले ही गड़बड़ी कर दी गयी थी क्योंकि सुपरमार्केट साफ था। हम ऐसा कुछ नहीं पहचान पाए जो इंसानों में इस वायरस को पहुंचा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ''मुझे संदेह है कि वे वुहान में स्थानीय स्तर पर कुछ लीपा-पोती की गयी हैं। जिन स्थानीय अधिकारियों को तत्काल सूचना आगे भेजवानी थी, उन्होंने उसे उतनी तत्परता से ऐसा होने नहीं दिया जितनी तत्परता से होनी चाहिए।’’ कोरोना वायरस पिछले साल दिसंबर में वुहान के हुनान वन्यजीव बाजार से फैला था और अब वह दुनियाभर में 1.6 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस संक्रमण के चलते दुनिया में 648,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और विश्व अर्थव्यवस्था का पहिया थम गया है। जॉन होपकिंस के आंकड़े के अनुसार चीन में कोविड-19 के 86,570 मामले सामने आए और 4,652 मौतें हुईं। अमेरिका समेत कई देशों ने इस बीमारी की गंभीरता के बारे में दुनिया को अवगत नहीं कराने को लेकर चीन की आलोचना की। लेकिन चीन ने सूचना रोकने के आरोप से इनकार किया है। चीन पर डॉ. ली वेनलियांग और अन्य ऐसे लोगों को सताने का आरोप है जिन्होंने इस जानलेवा वायरस के बारे में चिकित्साकर्मियों को चेतावनी देन का प्रयास किया। पिछले साल दिसंबर में ली पहले एसे व्यक्ति थे जिन्होंने इस वायरस के बारे में रिपोर्ट किया था। वह संक्रमित होकर फरवरी में मर गये।

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फिक्की ने सुझाव दिया

उद्योग मंडल फिक्की ने सुझाव दिया है कि ‘अनलॉक’ के तीरसे चरण में सरकार को मल्टीप्लेक्स और सिनेमा घरों तथा मेट्रो रेल को दोबारा खोलना चाहिए एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं की इजाजत देनी चाहिए। हालांकि, फिक्की ने यह कहा कि ऐसा करने के दौरान सभी सुरक्षा सावधानियों का सख्ती के साथ पालन होना चाहिए। उद्योग मंडल ने स्थानीय हालात को ध्यान में रखते हुए स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का समर्थन भी किया है। इसके अलावा कई अन्य प्रतिबंधों को हटाने का सुझाव भी फिक्की ने दिया है। फिक्की ने सुझाव दिया कि दो देशों के बीच भारतीय और विदेशी विमानन कंपनियों को परिचालन की इजाजात दी जानी चाहिए। इसके साथ ही होटलों में रेस्तरां और भोजनालयों के इस्तेमाल की सिफारिश भी की गई है। फिक्की ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप से निपटने के दौरान यह स्पष्ट हो गया है कि ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं में लंबे समय तक ‘लॉकडाउन’ नहीं चल सकता है। संगठन ने कहा कि चूंकि देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन को लागू किया जा रहा है, ऐसे में बड़ी संख्या में कारोबार और आजीविका प्रभावित हुई हैं। अनलॉक का दूसरा चरण 31 जुलाई को खत्म हो रहा है और देश अनलॉक के तीसरे चरण की तैयारी कर रहा है। फिक्की ने कहा कि अब विमानन, खेल और पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर लगाए गए प्रतिबंधों को आसान बनाने पर विचार करने का समय है।

कोविड-19 मरीजों की संख्या दोगुनी हुई

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी लगातार बढ़ रही है और पिछले छह हफ्ते में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हुई है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा दुनिया में कोविड-19 के 1.6 करोड़ मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 6,40,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। टेड्रोस बृहस्पतिवार को डब्ल्यूएचओ की आपात समिति की बैठक बुलाएंगे। जनवरी में कोरोना वायरस को वैश्विक चिंताओं वाला सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के छह महीने के बाद बैठक बुलाना प्रक्रियागत जरूरत है। समिति इस महामारी पर उन्हें सलाह देगी। उन्होंने सोमवार को जिनेवा स्थिति डब्ल्यूएचओ के मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''कोविड-19 ने दुनिया को बदल दिया है। टेड्रोस ने कहा, ‘‘ इसने लोगों, समुदायों और देशों को साथ लाया है और उन्हें अलग भी किया है।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि कुछ देशों में राजनीतिक नेतृत्व, शिक्षा, उच्च जांच दर, स्वच्छता और सामाजिक दूरी जैसे कारक प्रभावी साबित हुए हैं। टेड्रोस ने कहा, ''हम महामारी के बंधक नहीं हैं और हममें से प्रत्येक व्यक्ति बदलाव ला सकता है।''

-नीरज कुमार दुबे

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