Unlock 3 के पहले दिन देश में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 11 लाख के पार

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महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मास्क और सेनिटाइजर की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गठित चार सदस्यीय समिति अगले तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा, ''चूंकि दोनों चीजों की मांग बढ़ गयी है ऐसे में कीमतों की अधिकतम सीमा तय होनी चाहिए।''

देश में कोविड-19 से अब तक संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या बढ़ कर 11 लाख पहुंच गई है, वहीं इस महामारी से होने वाली मृत्यु की दर मध्य जून के 3.33 प्रतिशत से बेहतर हो कर अब 2.15 प्रतिशत रह गयी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मार्च में लॉकडाउन का प्रथम चरण लागू किये जाने के बाद से देश में कोविड-19 की मृत्यु दर पहली बार इतनी कम हुई है। मंत्रालय ने कहा कि कि दुनिया भर में भारत अभी भी कोविड-19 मृत्यु दर को सबसे कम स्तर पर बनाए हुए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की समन्वित, सक्रिय, क्रमिक और ‘‘जांच, संक्रमित मरीज के संपर्क में आये व्यक्ति का पता लगाना, उपचार करना’’ की रणनीति एवं कोशिशों को बयां करता है। मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 36,569 और मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के साथ ही देश में इलाज के बाद अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए लोगों की संख्या बढ़कर 10,94,374 हो गई है। देश में फिलहाल 5,65,103 संक्रमित मरीज इलाजरत हैं। मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 मरीजों के संक्रमण मुक्त होने की दर पहले से बेहतर होकर 64.53 प्रतिशत हो गई है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘तेजी से जांच करके संक्रमण का शुरुआती दौर में पता लगाने, अस्पतालों में भर्ती लोगों का समयबद्ध और प्रभावी उपचार होने से मृत्यु दर में लगातार कमी आ रही है। यह इस बारे में संकेत है कि भारत कोविड-19 मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफल रहा है।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जब मृत्यु दर को कम कर लिया गया है, ऐसे में संक्रमण को नियंत्रित करने की प्रभावी रणनीति का सफल क्रियान्वयन, तेजी से जांच, अस्पतालों में उचित इलाज से एक दिन में अब 30,000 से ज्यादा मरीज संक्रमण मुक्त हो रहे हैं। देश में शनिवार को एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 57,118 मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 16,95,988 हो गए, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़कर 10,94,374 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में 764 लोगों की मौत होने के साथ इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 36,511 हो गई है।

देश में एक दिन में रिकॉर्ड 57,118 मामले

देश में शनिवार को एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 57,118 मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 16,95,988 हो गए जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़कर 10,94,374 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में 764 लोगों की मौत के बाद इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 36,511 हो गई है। देश में फिलहाल 5,65,103 संक्रमित मरीज उपचाररत हैं। आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 मरीजों के स्वस्थ होने की दर 64.53 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर और घटकर 2.15 प्रतिशत रह गई है। यह लगातार तीसरा दिन है जब कोविड-19 के मामले 50,000 से ज्यादा सामने आए हैं। संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। आईसीएमआर के मुताबिक, 31 जुलाई तक 1,93,58,659 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 5,25,689 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई। जिन 764 और लोगों की मौत हुई है उनमें 265 महाराष्ट्र से, 97 तमिलनाडु से, 84 कर्नाटक से, 68 आंध्र प्रदेश से, 45 पश्चिम बंगाल से, 43 उत्तर प्रदेश से, 27 दिल्ली से, 23 गुजरात से, 16 पंजाब से हैं। वहीं बिहार और तेलंगाना से 14-14, जम्मू-कश्मीर से 12 और राजस्थान में 11 लोगों की मौत हुई है। मध्य प्रदेश से 10, ओडिशा से आठ, असम, हरियाणा और उत्तराखंड से चार-चार, गोवा, झारखंड, केरल से तीन-तीन, छत्तीसगढ़ से दो जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, मणिपुर और पुडुचेरी से एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। अब तक कुल हुई 36,511 मौत में से सबसे अधिक 14,994 मौत महाराष्ट्र में हुई है। इसके बाद दिल्ली में 3,963, तमिलनाडु में 3,935, गुजरात में 2,441, कर्नाटक में 2,314, उत्तर प्रदेश में 1,630, पश्चिम बंगाल में 1,581, आंध्र प्रदेश में 1,349 और मध्य प्रदेश में 867 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक राजस्थान में अब तक कोविड-19 से 674 लोगों, तेलंगाना में 519, हरियाणा में 421, पंजाब में 386, जम्मू-कश्मीर में 377, बिहार में 296, ओडिशा में 177, झारखंड में 106, असम में 98, उत्तराखंड में 80, केरल में 73 लोगों की मौत हुई है। छत्तीसगढ़ में 53, पुडुचेरी में 49, गोवा में 45, त्रिपुरा में 21, चंडीगढ़ में 15, हिमाचल प्रदेश में 14, लद्दाख में सात, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में पांच-पांच, अरुणाचल प्रदेश में तीन, दादरा और नगर हवेली और दमन एवं दीव में दो-दो तथा सिक्किम में एक व्यक्ति की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें अन्य गंभीर बीमारियों के कारण हुई हैं। मंत्रालय ने कहा कि हमारे आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ पुनर्मिलान किया जा रहा है।

अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल की जांच

राजभवन के एक पुलिसकर्मी के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल बी डी मिश्रा की भी कोविड-19 की जांच की गई। उनकी पत्नी और राजभवन के कर्मचारियों की भी यहां कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच हुई। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि राजभवन में तैनात एक पुलिसकर्मी के कोविड संक्रमित पाए जाने के बाद एहतियाती प्रोटोकॉल के तहत जांच की गई। होटल डोनयी पोलो अशोका में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्थापित केंद्र में जांच की गई। महामारी से लड़ने में अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों और खासकर चिकित्साकर्मियों ओर पुलिसकर्मियों की भूमिका की राज्यपाल ने प्रशंसा की।

दिल्ली में निरूद्ध क्षेत्रों की संख्या घटी

दिल्ली सरकार द्वारा व्यापक समीक्षा के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 निरूद्ध क्षेत्रों की संख्‍या घटकर अब 496 रह गई है। दिल्ली सरकार ने ऐसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को राहत प्रदान की है। राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को एक बयान में कहा कि जुलाई के अंत तक दिल्ली में निरूद्ध क्षेत्रों की संख्या 715 थी, जिससे लगभग 3.5 लाख लोग प्रभावित हुए। यह संख्या घटकर अब 496 होने के साथ ही इनसे अब केवल लगभग एक लाख लोगों की आवाजाही ही प्रभावित होगी। अधिकारियों ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने यह समीक्षा तब की है जब इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज्ञापन जारी कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निरूद्ध क्षेत्रों की समीक्षा करने के लिए कहा था, जिसमें कहा गया था कि अंतिम कोविड-19 मरीज के ठीक होने के 14 दिनों बाद एक निरूद्ध क्षेत्र को सामान्य क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने की अनुमति दी गई है। यह कार्य पहले अंतिम रोगी के ठीक होने के 28 दिनों के बाद की जाती थी। गहलोत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इच्छा पर पिछले 2 दिनों में प्रत्येक जिलाधिकारी और निगरानी टीम के साथ दिल्ली के सभी निरूद्ध क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर समीक्षा की गई।’’ दिल्ली में यदि किसी इलाके में तीन या उससे अधिक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित पाए जाते हैं, तो उस इलाके का जिला प्रशासन उस इलाके को एक निरूद्ध क्षेत्र घोषित कर देता है। मंत्री ने बयान में कहा, ‘‘पिछले दो दिनों के दौरान, राजस्व और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हर निरूद्ध क्षेत्र की व्यापक समीक्षा की गई। परिणाम काफी संतोषजनक रहा है। 715 निरूद्ध क्षेत्रों की संख्या घटकर अब 496 रह गई है। जहां पहले इन इलाकों के 348099 लोग प्रभावित थे, उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध था, वहीं अब 106211 लोगों की आवाजाही ही प्रभावित होगी।’’ मुख्यमंत्री ने स्थिति की फिर से समीक्षा की, जिन्होंने नियमित अंतराल पर ऐसी समीक्षा करने का निर्देश दिया। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार निरूद्ध क्षेत्र के मानदंडों में बदलाव की मांग कर रही थी, क्योंकि शहर में कुछ प्रतिबंधित क्षेत्र तीन-चार महीने से बंद थे और बड़ी संख्या में लोग घर के अंदर रहने को मजबूर थे।

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गुजरात में संदिग्ध मरीज की मौत: चिकित्सक पर हमला

गुजरात में गिर सोमनाथ जिले के वेरावल में कोविड-19 की एक संदिग्ध मरीज की मौत होने के बाद चिकित्सक पर कथित तौर पर हमला करने को लेकर शनिवार को 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनमें से छह आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। वेरावल नगर थाना के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना शुक्रवार देर रात एक सरकारी कोविड अस्पताल में हुई थी। वहां कुछ ही देर पहले 20 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई थी, जिसे एक निजी अस्पताल से गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया, ‘‘10 लोगों ने चिकित्सक पर हमला किया और कोविड अस्पताल के द्वार तथा केबिन जैसी संपत्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया।’’ जिलाधिकारी के आदेश पर अस्पताल में एक सप्ताह के लिये तैनात डॉ. आकाश शाह ने अपनी शिकायत में कहा कि कोविड-19 की एक संदिग्ध मरीज को एक निजी अस्पताल से रेफर करा कर शुक्रवार दोपहर गंभीर हालत में लाया गया था। उसे फौरन ही आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया, जहां कुछ घंटे बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद, कुछ लोगों ने उनसे बहस करना शुरू कर दिया और फिर उन पर हमला किया। पुलिस ने बताया कि चिकित्सक पर हमला करने वालों के खिलाफ महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश,2020 के अलावा आईपीसी की संबद्ध धाराओं, आपदा प्रबंधन अधनियम आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है।

राजस्थान में फिर लॉकडाउन !

राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर लॉकडाउन की संभावना को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि वह इसे उचित नहीं समझते। इसके साथ ही गहलोत ने लोगों को आगाह किया कि वे सभी नियम प्रोटोकॉल का पालन करें। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में पूर्ण लॉकडाउन की योजना संबंधी सवाल पर कहा,‘‘ फिर से तो लॉकडाउन लगाना उचित नहीं समझता मैं। परंतु मैं जनता को आगाह करना जरूर चाहूंगा कि महामारी तो महामारी है, यह खतरनाक महामारी है। सरकार की तरफ से सलाह दी गयी है कि किस प्रकार मास्क लगाना है, किस प्रकार सोशल डिस्टेंसिंग करनी है ... जनता को इसमें खुद के लिए एवं सभी के लिए सहयोग करना चाहिए।’’ राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर गहलोत ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार जांच ज्यादा कर रही है इसलिए संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा, ''कोई डरने की जरूरत इसलिए नहीं है, मृत्युदर पहले हमारे यहां दो प्रतिशत के आसपास थी, अब नीचे आ गई है। हमने पूरा जोर लगा रखा है कि हम पूरा ध्यान रखें एक-एक मरीज का, इलाज अच्छा हो रहा है राजस्थान में।’’ गहलोत ने कहा, ''संक्रमितों की संख्या इसलिए बढ़ रही है क्योंकि संख्या हमने बढ़ाई है ढूंढकर के। मतलब जितने ज्यादा परीक्षण करेंगे, उतनी ज्यादा संख्या बढ़ेगी, पूरे विश्व में यही हुआ है। जिन राज्यों ने ज्यादा जांच की उन राज्यों में ज्यादा स्थिति अच्छी नियंत्रण में रही।’’ उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण जांच की क्षमता अब 40 हजार जांच प्रतिदिन से अधिक है और यह जल्द ही 50 हजार तक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह करेंगे कि वह कोरोना वायरस संक्रमण के हालात पर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार वीडियो कॉन्फ्रेंस करें। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 42000 से ज्यादा हो गयी है जिनमें से 11,979 रोगी उपचाराधीन हैं।

सिक्किम में 11 और व्यक्ति कोरोना संक्रमित

सिक्किम में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 11 और मामले सामने आये जिसके बाद प्रदेश में कुल कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 650 हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव सह महानिदेशक डॉक्टर पेम्पा टी भूटिया ने बताया कि सभी नये मामले पूर्वी सिक्किम जिले में सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पूर्वी सिक्किम जिले में कोविड-19 के सबसे अधिक 464 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा दक्षिण सिक्किम जिले में 143, पश्चिमी सिक्किम जिले में 42 और उत्तरी सिक्किम जिले में एक मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि इस समय 380 उपचाराधीन मरीज हैं जबकि 269 कोविड-19 मरीज ठीक हो चुके हैं। डॉ. भूटिया ने बताया कि सिक्किम में एक मरीज की कोविड-19 की वजह से मौत हुई है।

नगालैंड में 130 नये मामले सामने आए

नगालैंड में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 130 नये मामले सामने आने के बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 1,823 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एस पांग्यू फोम ने बताया कि दीमापुर में कोविड-19 के सबसे अधिक 109 नये मामले सामने आए जबकि कोहिमा में 21 नये मामले सामने आए। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में फिलहाल 1,183 मरीज उपचाराधीन हैं जबकि 635 मरीज संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। नगालैंड में कोविड-19 से ठीक होने की दर 34.83 प्रतिशत है। राज्य में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।

गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर कहा कि होटल और साप्ताहिक बाजार खोलने के लिए उप राज्यपाल अनिल बैजल को अनुमति देने का निर्देश दिया जाये। इससे एक दिन पहले बैजल ने राष्ट्रीय राजधानी में होटल और साप्ताहिक बाजार पुनः खोलने के अरविंद केजरीवाल सरकार के निर्णय को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कोविड-19 से उपजी स्थिति ‘चिंताजनक’ बनी हुई है और खतरा टला नहीं है। हिंदी में लिखे गए पत्र में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार होटल और साप्ताहिक बाजार को खोलने के प्रस्ताव को मंगलवार को दोबारा उप राज्यपाल के पास भेजेगी। सिसोदिया ने कहा, “मेरा अनुरोध है कि आप उप राज्यपाल को प्रस्ताव अस्वीकार न करने को कहें। व्यापारी जब व्यापार शुरू करेंगे, तो रोजगार उत्पन्न होगा और आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।'' 

613 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को 10 और कोविड-19 मरीजों की मौत होने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 388 हो गई है। वहीं, इस अवधि में 613 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई जिन्हें मिलाकर जम्मू-कश्मीर में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 20,972 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि सभी 10 मौतें कश्मीर घाटी में हुई हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को जिन 613 व्यक्तियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई उनमें 468 कश्मीर के और 145 जम्मू क्षेत्र के रहने वाले हैं। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में उपचाराधीन कोविड-19 मरीजों की संख्या 7,713 है जबकि 12,871 मरीज ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमण के नए मामलों में 64 लोग वे हैं जो हाल में जम्मू-कश्मीर लौटे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले में सबसे अधिक 305 नये मामले सामने आए हैं जबकि पुलवामा में 58 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होनें बताया कि गत 24 घंटे में 10 और लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हुई है जिन्हें मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 388 हो गई। अधिकारियों ने बताया कि कुल 388 मृतकों में 360 कश्मीर घाटी के हैं जबकि 28 जम्मू क्षेत्र के हैं।

बेलूर मठ में प्रवेश पर रोक

रामकृष्ण मठ और मिशन के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय बेलूर मठ ने शनिवार को घोषणा की कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप बढ़ने के कारण दो अगस्त से उसके परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी। बेलूर रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी सुवीरानंद ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि दो अगस्त से दूसरी बार आंगतुकों के मठ में प्रवेश पर रोक लगाई जा रही है। हावड़ा जिले में हुगली नदी के किनारे स्थित मठ परिसर को 24 मार्च को लॉकडाउन लगने के साथ ही आंगतुकों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया था। बाद में अधिकारियों ने 15 जून से कुछ नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ मठ के दरवाजे पुन: खोल दिये थे। स्वामी सुवीरानंद ने कहा, ‘‘हम दो अगस्त से अगले नोटिस तक श्रद्धालुओं के लिए मठ और मंदिर को बंद कर रहे हैं।’’ स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित मठ के एक अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा होने के बाद जिला प्रशासन से परामर्श करके यह निर्णय लिया गया। इस बीच देश की प्रमुख शक्तिपीठ तारापीठ काली मंदिर के अधिकारियों ने भी शनिवार से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी। 23 जून को रथ यात्रा वाले दिन से सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ मंदिर के द्वार खोले गये थे। मंदिर समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘मंदिर पुन: खुलने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं और हमें मंदिर को दोबारा बंद करना पड़ा। एक समय में अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं होने, सैनिटाइजर टनल का उपयोग करने और अन्य सुरक्षा उपायों को अपनाने के बावजूद हम लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।''

खादी ने रेशमी मास्क वाले गिफ्ट बॉक्स की पेशकश की

एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा तैयार किए गए एक गिफ्ट बॉक्स की पेशकश की, जिसमें हाथ से बने चार रेशमी मास्क हैं। केवीआईसी के गिफ्ट बॉक्स में मास्क हैं, जिन्हें हाथ से बने काले रंग के कागज के डिब्बे में रखा गया है और इस पर सुनहरे रंग से उभरी हुई छपाई है। इस गिफ्ट बॉक्स की कीमत 500 रुपये है और ये दिल्ली-एनसीआर के सभी केवीआईसी खुदरा बिक्री केंद्रों में उपलब्ध है। एमएसएमई मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गडकरी ने इस गिफ्ट बॉक्स की तारीफ करते हुए कहा कि सुरक्षा के साथ त्योहार मनाने के लिए यह एक सटीक उत्पाद है। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि गिफ्ट बॉक्स की पेशकश का मकसद विदेशी बाजार की मांग को पूरा करना है, क्योंकि त्योहारों के मौसम के दौरान वहां बड़ी संख्या में भारतीय लोग अपने प्रियजनों को उचित कीमत वाले उपहार देना चाहते हैं।

उत्तर प्रदेश में 47 और मौतें

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से 47 और मौतें होने के साथ ही शनिवार को मृतकों का आंकडा बढ़कर 1677 हो गया। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में उपचाराधीन मरीज 36, 037 हैं जबकि 51, 354 लोगों को संक्रमण से मुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। बीते 24 घंटे में संक्रमण के 3807 नये प्रकरण सामने आये। उन्होंने बताया कि अब तक 1677 लोगों की मौत इस संक्रमण की वजह से हो चुकी है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक बीते 24 घंटे में हुई कोरोना संक्रमण से 47 मौतों में से छह मौतें लखनउ में हुईं। बरेली में पांच, प्रयागराज में चार, कानपुर नगर, गोरखपुर में तीन तीन मौतें हुईं। बुलेटिन में बताया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक सबसे अधिक 202 मौतें कानपुर में हुई हैं। मेरठ में 108 और लखनउ में 101 लोगों की मौत हुई। बुलेटिन के अनुसार राजधानी लखनऊ में बीते 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक 363 नये मामले सामने आये। कानपुर नगर में 317, प्रयागराज मे 231 और वाराणसी में 229 नये मामले सामने आये। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शुक्रवार को राज्य में 93,381 नमूने जांचे गये और इस प्रकार अब तक कुल 24,18,809 नमूनों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हम लगातार 90 हजार, एक लाख या एक लाख से ऊपर जांच कर रहे हैं और ये जांच एंटीजन, आरटीपीसीआर और ट्रूनेट के माध्यम से हो रही है। प्रसाद ने जांच बढ़ाने का उल्लेख करते हुए कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब अधिकांश जनपदों में 'आन डिमांड' टेस्टिंग की व्यवस्था हो गयी है, पहले प्रोटोकाल के अनुसार लोगों को चयनित कर टेस्ट करते थे लेकिन अब अगर किसी व्यक्ति को खुद में लक्षण दिखायी पडते हैं तो जो भी हमारे स्टैटिक बूथ हैं, कोई भी व्यक्ति वहां जाकर अपनी जांच करा सकता है। उन्होंने कहा कि सेमी पेड या निजी चिकित्सालय की व्यवस्था जो लोग नहीं चाहते, उनके लिए एल—1, एल—2 और एल—3 कोविड अस्पतालों की व्यवस्था है, जहां एक लाख 51 हजार से अधिक बेड हैं और इलाज नि:शुल्क है। उन्होंने निगरानी का जिक्र करते हुए कहा कि कुल 41,904 क्षेत्रों में कंटेनमेंट का कार्य हुआ है। इनमें 1,49,31,897 घरों में 7,56,14,060 लोगों का सर्विलांस किया गया है। प्रसाद ने बताया कि शनिवार से विश्व स्तनपान सप्ताह शुरू हुआ है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसका शुभारंभ किया। छोटे बच्चों और नवजात के लिए स्तनपान अनिवार्य है।

मध्य प्रदेश में मास्क नहीं लगाने पर 100 रुपये जुर्माना

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मध्य प्रदेश में बगैर मास्क लगाए घर के बाहर निकलने वाले व्यक्ति का 100 रुपये का चालान काटा जाएगा और जुर्माना वसूली के बाद उसे मुफ्त में दो मास्क भी दिए जाएंगे। मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'एक मास्क- अनेक जिंदगी' अभियान का शनिवार को शुभारंभ करते हुए कहा, ‘‘बगैर मास्क लगाए घर के बाहर निकलने पर नियमानुसार 100 रुपये का चालान तो होगा ही, लेकिन इसके साथ ही दो मास्क भी नि:शुल्क दिए जाएंगे।’’ उन्होंने हरी झंडी दिखाकर सागर सहित अनेक नगरीय निकायों के प्रचार रथों को रवाना किया। सिंह ने कहा, ‘‘मैं कोरोना वायरस संक्रमित कई लोगों के संपर्क में आने के बाद भी सिर्फ मास्क और दस्ताने के कारण ही संक्रमण से बचा रहा।’’ उन्होंने बताया, ''मैं दो बार कोरोना वायरस की जांच करा चुका हूं।संक्रमण बढ़ रहा है लेकिन लोग लापरवाह हो रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि मास्क कोरोना वायरस से बचने का सबसे सरल और सस्ता उपाय है। सिंह ने कहा कि दानदाताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सभी निकायों में मास्क बैंक स्थापित किए जाएंगे। यहां पर लोग मास्क दान कर सकेंगे और यहीं से अशासकीय संगठन और नागरिक मास्क प्राप्त कर सकेंगे। प्रमुख चौराहों पर भी मास्क दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में संक्रमण अधिक है, अतः नगरीय निकायों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने भोपाल, इंदौर, सागर सहित अनेक निकायों में निकाली गई जागरूकता वाहन रैली की सराहना की। सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों के सभी वार्ड में 21 स्वयंसेवकों की समिति बनाई जाएगी। समिति के सदस्य घर-घर जाकर नागरिकों को पंपलेट वितरित करने के साथ ही गर्म पानी पीने, ठंडी चीजों का उपयोग नहीं करने और घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की बात बतायेंगे।

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आंध्र प्रदेश में 9,276 नए मामले

आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के 9,276 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1.50 लाख के पार चला गया। पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 12,750 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सरकार द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में राज्य में कोविड-19 के 9,276 मामले सामने आये हैं जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,50,209 हो गई है । इनमें से 72,188 मरीज इलाजरत हैं जबकि 76,614 मरीज संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। इसके अलावा राज्य में अब तक संक्रमण की वजह से कुल 1,407 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक कुल 20,12,573 नमूनों की जांच की गई है यानी प्रति 10 लाख आबादी में से 37,689 नमूनों की जांच की गई है। इसके साथ ही राज्य में संक्रमित होने की दर 7.46 प्रतिशत हो गई है। ताजा स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार राज्य में संक्रमण से मौत के 58 नये मामलों के साथ कुल मृतक संख्या 1,407 हो गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटे में 12,750 रोगी स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। इसके साथ ही स्वस्थ होने की दर बढ़कर 51 प्रतिशत हो गई है जबकि संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर में 0.91 प्रतिशत की गिरावट आयी है।

ऋण गारंटी योजना के दायरे को बढ़ाया

सरकार ने शनिवार को तीन लाख करोड़ रुपये की एमएसएमई ऋण गारंटी योजना के दायरे को बढ़ाते हुए अब 50 करोड़ रुपये तक के बकाया कर्ज वाली इकाइयों को इसका पात्र बना दिया है। अब तक अधिकतम 25 करोड़ रुपये तक के बकाया कर्ज वाली इकाइयों को ही नए कर्ज पर सरकारी गारंटी देने की योजना थी। साथ ही योजना के दायरे में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए चिकित्सकों, वकीलों और चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे पेशेवरों को दिए गए व्यक्तिगत ऋणों को शामिल किया है। आपातकालीन ऋण गारंटी योजना में (ईसीएलजीएस) में बदलाव श्रमिक संगठनों की मांगों और जून में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई एमएसएमई की नई परिभाषा के आधार पर किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन बदलावों के बारे में मीडिया को बताया कि ईसीएलजीएस योजना में अब व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए दिए गए व्यक्तिगत ऋण भी शामिल होंगे, जो इस योजना की पात्रता मानदंड के अधीन हैं। वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा ने कहा, ‘‘हमने योजना के तहत व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए चिकित्सकों, चार्टर्ड एकाउंटेंट आदि को दिए गए व्यक्तिगत ऋण को भी कवर करने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि कंपनियों के संबंध में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि व्यवसाय चलाने वाले इन पेशेवरों के ऋण स्वीकृत किए जा सकें। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ अधिक से अधिक कंपनियां ले सकें, इसके लिए इस योजना के तहत पात्रता के लिए 29 फरवरी को बकाया ऋण की ऊपरी सीमा को 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने का फैसला किया गया है। पांडा ने बताया कि इस योजना के तहत गारंटीकृत आपातकालीन क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) की अधिकतम राशि भी मौजूदा पांच करोड़ रुपये से बढ़कर 10 करोड़ रुपये हो जाएगी। यह योजना सरकार द्वारा कोविड-19 के प्रकोप से निपटने के लिए घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एक हिस्सा है। यह योजना अब 250 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार वाली कंपनियों लागू होगा, जबकि अभी तक यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये था। पांडा ने कहा कि इस योजना के तहत छोटी कंपनियों को पर्याप्त संख्या में शामिल किया जा चुका है, इसलिए अब बड़ी कंपनियों को भी शामिल करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि इस योजना की कुल सीमा तीन लाख करोड़ रुपये है और योजना की वैधता अक्टूबर 2020 तक है। उन्होंने बताया कि बैंकों ने किसानों को खरीफ बुवाई और संबंधित गतिविधियों में मदद के लिए लगभग 1.1 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों के लगभग 90,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

-नीरज कुमार दुबे

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