Unlock 3 के दूसरे दिन कई वीआईपी हुए संक्रमित, अमिताभ को मिली अस्पताल से छुट्टी

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देशभर में अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 मरीजों की रजिस्ट्री बनाने की योजना पर विचार चल रहा है ताकि वास्तविक समय के आंकड़ों को एकत्र कर इलाज के परिणामों में सुधार, वैश्विक महामारी के बढ़ने की प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया जाए और प्रतिक्रिया को जांचा जा सके।

भारत में कोविड-19 वैश्विक महामारी से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या रविवार को 11 लाख से अधिक हो गई जिनमें से 51,000 मरीज 24 घंटे में स्वस्थ हुए जो अभी तक सबसे अधिक संख्या है। इसके साथ ही स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 65.44 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि कोरोना वायरस से अब भी 5,67,730 लोग संक्रमित हैं जो कुल मामलों का 32.43 प्रतिशत है। सभी संक्रमित लोग या तो अस्पतालों में चिकित्सा निगरानी में हैं या घर पर पृथक-वास में रह रहे हैं। एक दिन में 51,225 मरीजों के स्वस्थ होने और अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के साथ भारत में इस संक्रामक रोग से उबरने वाले लोगों की संख्या 11,45,629 हो गई है और कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 5,77,899 है, जबकि मृत्यु दर घटकर 2.13 प्रतिशत रह गई है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कोविड-19 प्रबंधन रणीनति के समन्वित कार्यान्वयन और सभी स्वास्थ्य देखभाल और अन्य कर्मियों तथा कोविड-19 योद्धाओं की निस्वार्थ सेवा से स्वस्थ होने वाले मरीजों की सख्ंया बढ़ रही है।’’ उसने कहा, ‘‘स्वस्थ होने वाले और संक्रमित मामलों के बीच का अंतर तेजी से बढ़ रहा है। 10 जून को पहली बार स्वस्थ होने वाले मरीजों की कुल संख्या संक्रमित मरीजों से 1,573 के अंतर से अधिक थी जो आज की तारीख तक बढ़कर 5,77,899 हो गई है।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक औसत के मुकाबले 2.13 प्रतिशत के सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में से एक है।’’ भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 54,735 नए मामले आने से संक्रमण के मामलों की कुल 17.50 लाख पर पहुंच गई, जबकि 24 घंटों में 853 लोगों के इस बीमारी से जान गंवाने के कारण मृतकों की संख्या 37,364 हो गई है।

गृह मंत्री अमित शाह संक्रमित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं और डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। शाह ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी दी। उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, “कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने पर मैंने जांच करवायी और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं।” गृह मंत्री ने बीते कुछ दिनों के दौरान अपने संपर्क में आए लोगों से भी कोरोना वायरस की जांच कराने और पृथक-वास में रहने का अनुरोध किया।

अस्पतालों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल की इजाजत

केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा है कि अस्पतालों में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमितों को स्मार्ट फोन और टैबलेट के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए ताकि वे अपने परिवार और मित्रों से वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सकें और इससे मरीजों को मानसिक तौर पर मदद मिलेगी। वैसे तो अस्पतालों में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति है लेकिन मरीजों के परिजन द्वारा शिकायत मिलने पर इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (डीजीएचएस)डॉ राजीव गर्ग ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के प्रधान सचिवों को पत्र लिख कर कहा कि यंत्रों को संक्रमण मुक्त करने और मरीजों और परिवारों के बीच संपर्क के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने के वास्ते अस्पताल उचित नियम बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न अस्पतालों के कोविड-19वार्ड तथा आईसीयू में भर्ती मरीजों की मनोवैज्ञानिक जरूरतों का प्रशासनिक तथा चिकित्सकीय दलों को ध्यान रखना चाहिए। यह पत्र 29 जुलाई को जारी हुआ। जिसमें कहा गया, ‘‘समाज से संपर्क मरीज को शांत रख सकता है और उसे चिकित्सा दे रहे दल के मनोवैज्ञानिक सहयोग को भी बढ़ा सकता है। कृपया सभी को निर्देश दें कि वे रोगी क्षेत्र में स्मार्टफोन और टैबलेट रखने की अनुमति दें ताकि मरीज अपने परिवार और दोस्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सकें।’’ गर्ग ने कहा, ‘‘हालांकि वार्डों में मोबाइल फोन रखने की अनुमति है जिससे मरीज अपने परिवार के साथ संपर्क में रह सकें लेकिन हमें कुछ राज्यों से मरीजों के परिवारों से प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं कि अस्पताल प्रशासन मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं दे रहे हैं और इसकी वजह से वे मरीज के संपर्क में नहीं रह पा रहे हैं।’’ 

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संशोधित दिशा-निर्देश जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेशों से आने वाले लोगों के लिए रविवार को संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए जोकि आठ अगस्त से प्रभावी होंगे। दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सभी यात्रियों को ऑनलाइन पोर्टल पर एक शपथपत्र देना होगा कि वे अनिवार्य रूप से 14 दिन के पृथक-वास में रहेंगे, जिसमें से सात दिन के संस्थागत पृथक-वास का उन्हें भुगतान करना होगा और बाकी सात दिन गृह पृथक-वास के दौरान अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी। मंत्रालय ने कहा, 'केवल विशेष मामलों जैसे कि गर्भावस्था, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी और 10 साल अथवा उससे कम उम्र के बच्चों वाले अभिभावकों को 14 दिनों के गृह पृथक-वास की अनुमति दी जा सकती है।' उन्होंने कहा, 'अगर वे ऐसी छूट प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें पहुंचने से कम से कम 72 घंटे पहले ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। सरकार द्वारा पोर्टल पर लिया गया निर्णय अंतिम होगा।' नए दिशा-निर्देशों के मुतबिक, यात्री यहां पहुचंने पर आरटी-पीसीआर परीक्षण में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि वाली रिपोर्ट जमा करके संस्थागत पृथक-वास से छूट की मांग कर सकते हैं। यह परीक्षण यात्रा शुरू करने से पहले 96 घंटों के भीतर किया गया होना चाहिए। इसके मुताबिक, विमान अथवा जहाज के पहुंचने से पहले संबंधित एजेंसियों की ओर से यात्रियों को टिकट के साथ ही नियमों की जानकारी उपलब्ध कराने वाली सामग्री मुहैया करायी जानी चाहिए। सभी यात्रियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की भी सलाह दी जाएगी। दिशा-निर्देशों के मुताबिक, विमान अथवा जहाज के पहुंचने पर केवल बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही थर्मल जांच के बाद उतरने की अनुमति दी जाएगी। इसके मुताबिक, जमीनी सीमा के जरिए प्रवेश करने वाले यात्रियों को भी उपरोक्त सभी नियमों का पालन करना होगा और केवल ऐसे लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं।

महाराष्ट्र में एक दिन में 9,509 नए मामले

महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 9,509 नए मामले सामने आने के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,41,228 हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि 260 और मरीजों की मौत के साथ ही इस महामारी से जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर प्रदेश में 15,576 हो गया है। विभाग ने कहा कि रविवार को कुल 9,926 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई जिससे राज्य में ठीक हो चुके मरीजों की संख्या बढ़कर 2,76,809 पहुंच गई। महाराष्ट्र में अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,48,537 है। प्रदेश की राजधानी मुंबई में 1,105 नए मामले सामने आए जिससे इस शहर में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,16,436 हो गई। वहीं महानगरीय इलाके में 2,376 नए मामले मिले और संक्रमण के कुल मामले यहां बढ़कर 2,46,154 हो गए। विभाग के मुताबिक मुंबई में मृतकों की संख्या बढ़कर 6,447 हो गई है जबकि मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) में महामारी से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 9,887 हो गया है। विभाग ने कहा कि राज्य में अब तक कोविड-19 के 22,55,701 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

केरल में कोविड-19 के 1,169 नये मामले

केरल में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,169 नये मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 25 हजार के पार चली गयी है। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। नये मामलों में कम से कम 29 स्वास्थ्य कर्मी हैं जिनमें 11 राजधानी से हैं। राज्य में एक दिन में 688 लोगों के संक्रमण से उबरने के बाद कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या भी 14,467 हो गयी है। राज्य में अब तक 82 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार को एर्नाकुलम में 128 नये मामले सामने आये, वहीं मलप्पुरम में 126 और कासरगोड में 113 लोग संक्रमित पाये गये हैं।

उत्तराखंड में कोविड-19 से तीन और लोगों की मौत

उत्तराखंड में रविवार को कोविड—19 के तीन और मरीजों की मौत हो गयी, जबकि संक्रमण क 146 नए मामले आने के साथ अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 7,593 पहुंच गई। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोविड—19 से पीडि़त 68 वर्षीय एक व्यक्ति और 44 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति की दून मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई, जबकि 77 वर्षीय एक महिला की हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में मृत्यु हो गई। प्रदेश में महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़ कर अब 86 हो गयी है। बुलेटिन के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 51 नये मामले देहरादून में सामने आये हैं, जबकि हरिद्वार में 28 और नैनीताल में 33 मामले सामने आए हैं। प्रदेश में अब तक कुल 4,437 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मरीजों की संख्या 3,032 है।

मप्र में एक दिन में सर्वाधिक 921 नए मामले

मध्य प्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 921 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 33,535 हो गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस महामारी से 10 और व्यक्तियों की मौत की हुई, जिससे कुल मृतक संख्या बढ़ कर 886 हो गयी है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से भोपाल एवं इंदौर में तीन-तीन और बुरहानपुर, रतलाम, सीहोर एवं होशंगाबाद में एक-एक मरीज की मौत हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे अधिक 315 मरीजों की मौत इन्दौर में हुई है। भोपाल में 184, उज्जैन में 74, सागर में 32, जबलपुर में 29, बुरहानपुर में 25, खंडवा में 19 एवं खरगोन में 17 लोगों की मौत हुई है। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में रविवार को कोविड—19 के सबसे अधिक 158 नये मामले भोपाल जिले में सामने आये, जबकि ग्वालियर में 129, इंदौर में 107, जबलपुर में 65, बड़वानी में 56 एवं मुरैना में 38 नये मामले आये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 33,535 संक्रमितों में अब तक 23,550 मरीज संक्रमण मुक्त होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं और अभी 9,099 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि रविवार को 581 मरीजों के इस रोग से उबरने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 3,246 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

तमिलनाडु में कोविड-19 के 5,875 नए मामले

तमिलनाडु में कोविड-19 के 5,875 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक कुल 2.57 लाख लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि संक्रमण से 98 और लोगों की मौत हुई है। विभाग ने बताया कि रविवार को 5,517 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। राज्य में अभी तक 1.96 लाख लोग इलाज के बाद ठीक हुए हैं। विभाग के अनुसार, तमिलनाडु में फिलहाल 56,998 लोगों का कोविड-19 का इलाज चल रहा है।

हिमाचल प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,655

हिमाचल प्रदेश में रविवार को 20 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई जिनमें से छह सैन्य बलों के जवान हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,655 हो गई। वरिष्ठ अधिकरी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 13 लोगों की मौत कोविड-19 की वजह से हुई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान ने बताया कि 20 संक्रमितों में आठ कांगड़ा जिले के, पांच शिमला जिले के, चार मंडी के और तीन चंबा के रहने वाले हैं। कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन ने बताया कि जिले में सामने आए नये संक्रमितों में चार सेना, एक नौसेना का जवान और पांच साल की एक लड़की शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक उमापति जामवाल ने बताया कि शिमला जिले के रामपुर अनुमंडल के दाकोलर में पांच मजूदरों में कोविड-19 होने की पुष्टि हुई। वहीं मंडी में सेना का एक जवान और 15 वर्षीय एक लड़की के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। धीमान ने बताया कि अब तक राज्य में 1,508 लोक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं जबकि 15 संक्रमितों ने राज्य से बाहर पलायन किया है। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में 1,117 मरीज उपचाराधीन हैं। धीमान ने बताया कि सोलन जिले में सबसे अधिक 389 उपचाराधीन मरीज है। इसके अलावा सिरमौर में 189, कांगड़ा में 133, मंडी में 127, शिमला में 88, उना में 67, चंबा में 37, बिलासपुर में 35, हमीरपुर में 25, कुल्लू में 19 और किन्नौर में 11 मरीजों का इलाज चल रहा है।

दिल्ली में एक जुलाई के बाद सबसे कम मौत

दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण पिछले 24 घंटे में 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जो एक जुलाई के बाद एक दिन में मौत का सबसे कम आंकड़ा है। दिल्ली में रविवार तक कोरोना वायरस के मामलों की संख्या एक लाख 37 हजार 677 है जबकि मृतकों की संख्या 4004 हो गई है। महामारी के कारण 26 जुलाई को 21 लोगों की मौत हुई थी, जो एक जुलाई के बाद सबसे कम मौत का आंकड़ा था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से कहा है कि वे पर्याप्त एहतियात बरतें।

उप्र भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह संक्रमित

उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। उन्होंने ट्वीट कर खुद यह जानकारी दी। स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया, 'मुझे कोरोना (वायरस संक्रमण) के शुरुआती लक्षण दिख रहे थे, जिसके चलते मैंने कोविड-19 की जाँच कराई। जांच में मेरी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है।' उन्होंने कहा, 'मुझसे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से मेरा निवेदन है कि वे संबद्ध दिशानिर्देशों के अनुसार स्वयं को पृथक कर लें और आवश्यकता अनुसार अपनी जाँच करा लें।' ‬प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''डॉक्टर की सलाह पर वह वर्तमान में अपने आवास पर पृथक रह रहे हैं। मेरा सभी प्रदेशवासियों से निवेदन है कि पूरी सावधानी बरतें और सरकार के दिशानिर्देश का सख़्ती से पालन करें।' वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, 'कोरोना (वायरस) महामारी की विभीषिका के बीच जनसेवा में संलग्न भाजपा, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह जी के संक्रमित होने की सूचना प्राप्त हुई।' उन्होंने कहा, 'कुशल चिकित्सकों की देख-रेख और आपके मजबूत आत्मबल से कोरोना शीघ्र ही परास्त होगा । प्रभु श्री राम से आपके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रार्थना है।'

अमिताभ बच्चन कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त

अभिनेता अमिताभ बच्चन ने रविवार को कहा कि वह कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो गए हैं और अब वह घर पर पृथक-वास में रहेंगे। उन्होंने शुभचिंतकों की ओर से लगातार मिले समर्थन तथा प्रार्थनाओं के लिए आभार जताया। 77 वर्षीय अभिनेता को और उनके बेटे अभिषेक को कोविड-19 से ग्रस्त पाए जाने के बाद 11 जुलाई को नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जांच में मैं कोविड-19 से मुक्त पाया गया हूं। अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। घर पर एकांत पृथक-वास में हूं। ईश्वर की कृपा, मां-बाबूजी के आशीर्वाद, प्रियजनों तथा मित्रों की प्रार्थनाओं, दुआओं तथा नानावती अस्पताल में मिलने वाली उत्कृष्ट देखभाल और सेवा से मैं यह देख सका।’’ कुछ मिनट पहले अभिषेक बच्चन ने ट्विटर पर लिखा था कि उनके पिता संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। हालांकि, 44 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह अभी भी संक्रमित हैं और अभी चिकित्सकीय देखभाल में रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से स्वास्थ्य संबंधी कुछ अन्य परेशानियों के कारण मैं अभी संक्रमित हूं और अस्पताल में ही हूं। आपकी ओर से लगातार मिल रही शुभकामनाओं तथा परिवार के लिए प्रार्थनाओं के लिए आप सभी का आभार। बहुत आभारी और कृतज्ञ हूं। मैं इसे हरा दूंगा और स्वस्थ होकर लौटूंगा। वादा है।’’ अभिषेक की पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन (46) और उनकी आठ साल की बेटी आराध्या को संक्रमण मुक्त होने के बाद सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान अमिताभ अपने प्रशंसकों को लगातार अपनी सेहत के बारे में ट्विटर के जरिए जानकारी देते रहे।

उप्र की मंत्री कमल रानी वरुण की मृत्यु

उत्तर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण की लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में रविवार सुबह मृत्यु हो गई। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थी। कानुपर में उनके पार्थिव शरीर की शाम में कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार अंत्येष्टि की गई। कमल रानी (62) उत्तर प्रदेश की पहली मंत्री हैं, जिनकी मृत्यु कोरोनो वायरस संक्रमण से हुई। वह कानपुर की घाटमपुर सीट से विधायक थी। पूर्व में वह दो बार सांसद भी रह चुकी थी। शाम में उनके पार्थिव शरीर की कानपुर के भैरो घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में कोविड—19 प्रोटोकॉल के अनुसार अंत्येष्टि की गई। इसके पूर्व, उन्हें ‘‘गार्ड आफ आनर’’ भी दिया गया। एसजीपीजीआई के एक बयान के मुताबिक गत 18 जुलाई को बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर वहां भर्ती करायी गई मंत्री कमल रानी कोरोना वायरस से संक्रमित थी। साथ ही उन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायराइड की भी समस्या था। एसजीपीजीआई में भर्ती होने के समय उन्हें निमोनिया भी था। इसक कारण उन्हें फौरन आईसीयू में भर्ती किया गया था। बाद में मंत्री को अधिक आक्सीजन की जरूरत के मद्देनजर नॉन—इन्वेसिव वेंटिलेशन पर रखा गया था, मगर उनकी हालत ठीक नहीं हुई। एम्स, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया और पीजीआईएमईआर चंडीगढ के प्रोफेसर रितेश अग्रवाल से भी उनके स्वास्थ्य को लेकर सलाह ली गयी थी। शनिवार को उन्हें मैकेनिकल वेंटिलेटर पर रखा गया, मगर उनकी हालत बिगड़ती चली गयी और उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया, नतीजतन रविवार सुबह साढ़े नौ बजे उनकी मृत्यु हो गई। उनकी गत 18 जुलाई को कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उन्हें श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उन्हें संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान भेजा गया था। कानपुर के जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि कमल रानी का पार्थिव शरीर निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कानपुर के बर्रा इलाके में लाया गया, जहां परिजन ने दूर से उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी। बाद में उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कमल रानी के परिजन के साथ—साथ भाजपा के कई नेता, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। इस बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्री कमल रानी की असमय मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। योगी ने अपने संदेश में कहा, ''कमल रानी बहुत अनुभवी और सक्षम नेता थीं। उन्होंने अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया था। वह एक समर्पित जनप्रतिनिधि थीं, जिन्होंने हमेशा समाज के दबे कुचले वर्गों के कल्याण के लिए काम किया।’’ गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मंत्री की मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री ने रविवार की अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित कर दी है। इस बीच, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने भी मंत्री कमल रानी वरुण की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है। तीन मई 1958 को जन्मीं कमल रानी 21 अगस्त 2019 को प्रदेश मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के दौरान मंत्री बनाई गई थी। वह योगी मंत्रिमंडल की दूसरी महिला सदस्य थीं। इससे पहले रीता बहुगुणा जोशी कैबिनेट मंत्री थीं, लेकिन लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, एक सरकारी बयान के मुताबिक मंत्री की मृत्यु पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

तमिलनाडु के राज्यपाल कोरोना वायरस से संक्रमित

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि, मामूली संक्रमण होने के चलते उन्हें गृह पृथक-वास में रहने की सलाह दी गई है। शहर के एक निजी अस्पताल ने रविवार को यह जानकारी दी। राजभवन में तीन लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद 80 वर्षीय पुरोहित 29 जुलाई से खुद ही पृथक-वास में चले गए थे। कावेरी अस्पताल की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया कि राज्यपाल को गृह पृथक-वास में रहने की सलाह दी गई है और एक चिकित्सीय दल उनकी निगरानी करेगा। राज्यपाल रविवार को कावेरी अस्पताल में जांच के लिए पहुंचे थे। अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉ. अरविंदन सेल्वाराज ने बुलेटिन में कहा, 'पुरोहित कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। उनमें लक्षण नहीं हैं और संक्रमण मामूली होने के चलते उन्हें गृह पृथक-वास की सलाह दी गई है। कावेरी अस्पताल का चिकित्सकीय दल उनकी निगरानी करेगा।' इससे पहले, 23 जुलाई को राजभवन में तैनात 84 सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवा के कर्मी संक्रमित पाए गए थे लेकिन राज्यपाल के कार्यालय ने तब कहा था कि इनमें से कोई भी कर्मी पुरोहित अथवा वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में नहीं आए थे।

सभी के संक्रमित होने की आशंका नहीं

परिवार के किसी एक सदस्य के कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद घर के सभी सदस्यों का उससे ग्रस्त होना तय मान लेना सही नहीं है क्योंकि गांधीनगर स्थित भारतीय जनस्वास्थ्य संस्थान के अध्ययन में सामने आया कि परिवार में किसी एक सदस्य के कोविड-19 संक्रमित होने के बावजूद घर में रहने वाले 80-90 फीसद सदस्यों को यह बीमारी नहीं होती है। संस्थान के निदेशक दिलीप मावलंकर ने रविवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि इससे संकेत मिलता है कि परिवार के अन्य सदस्यों में शायद इस बीमारी के प्रति किसी प्रकार की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गयी हो। उन्होंने सवालिये लहजे में कहा, ''यह धारणा कि सभी के कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा है, सही नहीं हो सकती। कहा जाता है कि महज कुछ मिनट के लिए कोरोना वायरस के संपर्क आने से हम संक्रमित हो जायेंगे। यदि ऐसा होता तो क्यों उसी परिवार के सारे लोगों में कोविड-19 नहीं होता (एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर)।’’ उन्होंने कहा, ''कुछ ऐसे परिवार हैं जहां सभी सदस्य संक्रमित हैं, लेकिन ऐसे परिवार बहुसंख्य नहीं हैं। ऐसे भी परिवार हैं जहां एक व्यक्ति की कोविड-19 से मौत हो गयी लेकिन कोई अन्य सदस्य संक्रमित नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि यह अध्ययन कोविड-19 के पारिवारिक संक्रमण के विषय पर वैश्विक रूप से प्रकाशित 13 शोधपत्रों की समीक्षा पर आधारित है ‘‘जो दर्शाता है कि परिवार में किसी एक सदस्य के कोविड-19 संक्रमित हो जाने के बाद उसके 80-90 फीसद सदस्यों को यह बीमारी नहीं हुई। इससे संकेत मिलता है कि परिवार के अन्य सदस्यों में शायद इस बीमारी के प्रति किसी प्रकार की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गयी हो।’’ ‘घरेलू संपर्क में कोविड-19 की माध्यमिक मारक दर: व्यवस्थित समीक्षा’ नामक इस अध्ययन में समीक्षा से गुजरे 13 में से ज्यादातर शोधपत्रों से पता चलता कि परिवार में एक सदस्य से दूसरे सदस्य में संक्रमण की दर (माध्यमिक संक्रमण दर) महज 10 से 15 फीसद है। संस्थान के संकाय सदस्यों कोमल शाह और दीपक सक्सेना के साथ मिलकर संयुक्त रूप से यह अध्ययन लिखने वाले मावलंकर ने कहा कि केवल तीन ऐसे शोधपत्र थे जो 30 फीसद या उससे अधिक की माध्यमिक संक्रमण दर दर्शाते हैं। यह अध्ययन हाल ही में ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड के त्रैमासिक जर्नल ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित हुआ है। मावलंकर ने कहा कि इन शोधपत्रों में शामिल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के शोधपत्र में परिवार में एक सदस्य से करीब आठ फीसद सदस्यों में संक्रमण फैलने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा, ''कुछ अध्ययनों में पति और पत्नी के बीच संक्रमण का विस्तार से अध्ययन किया गया है जो 45 से 65 फीसद दर्शाया गया हैं । जिन मामलों में बिस्तर साझा किया गया, वहां भी संक्रमण शत प्रतिशत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि परिवार के वयस्क सदस्य से बच्चे में संक्रमण कम होता है जबकि वयस्क से बुजुर्गों में ज्यादा होता है और यह भी 15-20 फीसद है। मावलंकर ने कहा, ''विभिन्न लोगों में इस वायरस के प्रति अलग अलग प्रतिरोधक क्षमता होती है। परिवार में हम एक दूसरे से दूरी नहीं रखते, न ही मास्क लगाते हैं। लक्षण सामने आने से लेकर जांच तक करीब तीन से पांच दिन का अंतर होता है जिसका मतलब है कि परिवार के सभी सदस्य इस वायरस के संपर्क में आये। लेकिन तब भी सभी संक्रमित नहीं होते।’’

बंगाल में कोविड-19 से एक दिन में सर्वाधिक 49 मौत

पश्चिम बंगाल में रविवार को कोविड-19 से एक दिन में सर्वाधिक 49 मौतें होने के साथ ही राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,678 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में एक दिन में सर्वाधिक 2,739 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में अभी तक कुल 75,516 लोग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य में जिन और 49 मरीजों की मौत हुई है उनमें से 20 कोलकाता शहर में हुई हैं। पिछले 24 घंटे में 2,213 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं, जिसके साथ ही राज्य में मरीजों के ठीक होने की दर सुधरकर 69.83 प्रतिशत हो गई। वर्तमान में राज्य में इलाजरत मरीजों की संख्या 21,108 है। पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटे में 21,072 नमूनों की जांच की गई।

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कोरोना वायरस से प्रभावित बजट होटल

कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित राष्ट्रीय राजधानी के करीब तीन हजार बजट होटल और गेस्ट हाउस ने अपने 75 फीसदी से अधिक कर्मचारियों की छंटनी कर दी और अब वे दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके हैं क्योंकि उन्हें लाखों रुपये के बिलों का भुगतान करना है। यह दावा उनके संगठन ने किया है। दिल्ली होटल और रेस्तरां मालिक संगठन के अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल ने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि वह खुद के मकान का किराया देने में अक्षम हैं। केंद्र ने देश भर में होटलों को अपने दरवाजे ग्राहकों के लिए आठ जून से खोलने की अनुमति दे दी थी लेकिन दिल्ली सरकार ने उस महीने कोविड-19 के मामलों की संख्या ज्यादा होने की वजह से ऐसा नहीं किया। जुलाई के अंत में दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पिछले बृहस्पतिवार को होटलों को ‘‘सामान्य कामकाज’’ शुरू करने की अनुमति दे दी। लेकिन उसके अगले दिन ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निर्णय पर रोक लगा दी और कहा कि स्थिति ‘‘नाजुक’’ बनी हुई है और खतरा अब भी बरकरार है। खंडेलवाल ने कहा कि चार लाख से अधिक लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपनी आजीविका के लिए होटलों, गेस्ट हाउस और रेस्तरां पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये प्रतिष्ठान 15 मार्च से बंद हैं। अधिकतर कर्मचारी अपने गांवों को लौट चुके हैं। कुछ लोग परिसरों की देखभाल करने के लिए रूके हुए हैं। उनको भी पूरा वेतन नहीं मिल रहा है।’’ करोल बाग में लीज पर होटल ग्रैंड इम्पीरियल चलाने वाले खंडेलवाल ने दावा किया कि वह पिछले चार महीने से इसका किराया भी नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं संपत्ति का किराया सात लाख रुपये देता हूं। लॉकडाउन से पहले होटल में 20 कर्मचारी काम करते थे लेकिन अब केवल तीन बचे हैं। होटल पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से करीब 50 परिवार निर्भर हैं।’’ संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि उनकी इतनी कमाई भी नहीं हो रही है कि वह घर का किराया और कार के ऋण की किस्त चुका सकें। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बजट होटल का प्रतिनिधित्व करता हूं और मेरी स्थिति देखिए। अन्य की स्थिति और भी खराब है।’’ खंडेलवाल ने दावा किया कि होटल और गेस्ट हाउस मालिकों को पानी और बिजली के भारी भरकम बिल का भुगतान करने के लिए ‘‘दबाव’’ बनाया जा रहा है, जबकि पिछले चार महीने में ‘‘कोई व्यवसाय नहीं हुआ।’’ उन्होंने मांग की, ‘‘हमारी सरकार से मांग है कि बिल में कुछ छूट दी जाए। कई प्रतिष्ठान दिवालिया होने की कगार पर हैं। अगर वे कोई राहत नहीं दे सकते तो कम से कम हमारी अग्निशमन और पुलिस लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाए और हमें काम करने दिया जाए।’’ करोल बाग गेस्ट हाउस कल्याण संगठन के अध्यक्ष जगप्रीत अरोड़ा ने कहा कि अधिकतर प्रतिष्ठानों ने अपने कर्मचारियों की संख्या 75 फीसदी से भी कम कर दी है। करोल बाग में एम्प्रर पाल्म्स चलाने वाले अरोड़ा ने पिछले चार महीने में अपने कर्मचारियों की संख्या 30 से घटाकर महज पांच कर दी है। उन्होंने उपराज्यपाल से अपील की कि जमीनी हकीकत को समझते हुए गेस्ट हाउस संचालन को अनुमति दें।

12 लाख दस्तावेजों का ऑनलाइन काम किया

पिछले चार महीने के दौरान जब पूरा देश कोरोना वायरस लॉकडाउन के विभिन्न चरणों से गुजर रहा था तब रेलवे ने पत्रों, बिलों, कार्यालय आदेशों, परियोजना ड्राइंग जैसे 12 लाख दस्तावेजों और चार लाख से अधिक फाइलों का डिजिटलीकरण कर दिया। उसने अपने कर्मियों द्वारा पारंपरिक ढंग से होने वाले संचालन कार्य को खत्म करते हुए न केवल अधिकारियों के बीच आपसी संपर्क को कम किया, बल्कि संचालन लागत भी कम कर दी। रेलवे के ई-कार्यालय का उपयोग महामारी के कदम रखने के बाद से कई गुना बढ़ गया है और ई रसीद की संख्या मार्च, 2019 से लेकर मार्च, 2020 तक 4.5 लाख से बढ़कर इस साल अप्रैल-जुलाई में 16.5 लाख हो गई। इस प्रकार इस अवधि में ई-फाइलों की संख्या 1.3 लाख से बढ़कर 5.4 लाख हो गई। रेलटेल द्वारा प्रदत्त ई-कार्यालय क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर है जिसे राष्ट्रीय सूचना केंद्र ने विकसित किया है। इसका लक्ष्य सरकारी फाइलों एवं दस्तावेजों का भरोसेमंद, कुशल एवं प्रभावी संचालन तथा रखरखाव करना है। रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने कहा, ''ई-कार्यालय की उपलब्धता के कारण रेलवे में जयादातर फाइल-कार्य कार्यालयों में शारीरिक उपस्थिति के बगैर ही आसानी से हो जाता है जो इस जैसे संकट के दौर में एक वरदान है।’’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान काम पूरा करना एक बड़ी चुनौती था क्योंकि संसाधनों की आवाजाही सीमित थी। चावला ने कहा, ''हम संभागीय कार्यालय नहीं जा सकते थे और क्रियान्वयन कार्य दूर से ही करना था और यह बड़ा वक्त लेने वाला काम था। इस क्रियान्वयन का अहम हिस्सा अधिकारियों को इस मंच का सही ढंग से उपयोग करने का प्रशिक्षण था।’’ उन्होंने कहा कि चूंकि रेलटेल अधिकारियों और रेलवे के उपयोगकर्ताओं के बीच आमने-सामने संपर्क संभव नहीं था, इसलिए सारा प्रशिक्षण कार्य वीडियो कॉन्फ्रेंस और कॉल सहयोग के माध्यम से दूर से ही किया गया।

-नीरज कुमार दुबे

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