Unlock-5 के 103वें दिन PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ की बैठक, वैक्सीन खरीदारी का दिया आर्डर

PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘देशवासियों में बढ़ते विश्वास का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई दे रहा है। अब हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। यह चरण है टीकाकरण का। 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरु कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश में तैयार कोरोना के दोनों टीके दुनिया के अन्य टीकों के मुकाबले किफायती हैं और उन्हें देश की स्थितियों व परिस्थितियों के अनुरूप निर्मित किया गया है। आगामी 16 जनवरी से आरंभ हो रहे देश्व्यापी टीकाकररण अभियान के पहले प्रधानमंत्री ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया और उन्हें भरोसा दिया कि देशवासियों को ‘‘प्रभावी’’ वैक्सीन देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने ‘‘सभी सावधानियां’’ बरती हैं। उन्होंने कहा कि देश अब कोरोना के खिलाफ जंग के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच संवाद और सहयोग ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है और यह सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जितनी घबराहट और चिंता सात-आठ महीने पहले देशवासियों में थी, उससे लोग अब बाहर निकल चुके हैं। उन्होंने इसे देश के लिए ‘‘अच्छी स्थिति’’ बताया और सचेत किया कि इसके बावजूद लापरवाही नहीं बरतनी है। उन्होंने कहा, ‘‘देशवासियों में बढ़ते विश्वास का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई दे रहा है। अब हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। यह चरण है टीकाकरण का। 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरु कर रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लिए गर्व की बात है कि जिन दो टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, वे दोनों ही ‘‘मेड इन इंडिया’’ हैं। 

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उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, चार और टीके प्रगति में हैं। जब ये टीके आ जाएंगे तो हमें भविष्य की योजना बनाने में और सुविधा होगी।’’ मोदी ने कहा कि देशवासियों को एक प्रभावी वैक्सीन देने के लिए विशेषज्ञों ने हर प्रकार की सावधानियां बरती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी दोनों वैक्सीन दुनिया की दूसरी वैकसीन से ज्यादा किफायती हैं। हम कल्पना कर सकते हैं कि भारत को कोरोना के टीके के लिए विदेशी वैक्सीन पर निर्भर रहना पड़ता तो हमारी क्या हालत होती। कितनी बड़ी मुश्किल होती है हम उसका अंदाज लगा सकते हैं। यह वैक्सीन भारत की स्थितियां और परिस्थितियों को देखते हुए निर्मित की गई हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत में अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिलेगा और टीकाकरण के लिए राज्यों के साथ सलाह के बाद प्राथमिकताएं भी तय कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण होगा और उसके बाद अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को कोरोना का टीका लगेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पहले चिह्नित तीन करोड़ लोगों के टीकाकरण में जो खर्च होगा उसे राज्यों को नहीं वहन करना है बल्कि वह भारत सरकार करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने बड़े देश में लगभग सभी जिलों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया, वह देश की क्षमता को दिखाता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में पहले से भी यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चल रहे हैं, उन अनुभवों कोइस टीकाकरण अभियान के साथ जोड़ा गया है। चुनाव में जिस तरह बूथ स्तर की रणनीति हमने बनाई है, उसका अनुभव यहां भी काम आएगा।’’

उन्होंने कहा कि कुछ देशों द्वारा टीकाकरण शुरू कर दिए जाने के बाद यह सवाल उठाए गए कि भारत में क्यों देरी हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा कहा है कि इस विषय पर साइंटिफिक कम्युनिटी जो कहेगी, वही हम करेंगे, उसी को हम फाइनल मानेंगे और उसी प्रकार चलते रहेंगे।’’ ज्ञात हो कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल के लिये भारत के औषधि नियामक की ओर से पिछले दिनों मंजूरी दी गई थी। इसके बाद यह प्रधानमंत्री का सभी मुख्यमंत्रियों के साथ पहला संवाद था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के टीकाकरण अभियान पर दुनिया की नजरें टिकी हैं और अनेक देश उसका अनुसरण भी करेंगे। ऐसे में भारत की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लगभग 50 देशों में लगभग एक महीने से टीकाकरण का काम चल रहा है लेकिन अब तक करीब ढाई करोड़ लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब भारत में हमें अगले कुछ महीनों में लगभग 30 करोड़ आबादी का टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना है। इस चुनौती का पूर्वानुमान लगाते हुए भारत ने बहुत व्यापक तैयारियां की है। अगर किसी को कुछ असहजता होती है तो उसके लिए भी जरूरी प्रबंध किए गए हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में सभी राज्यों ने एकजुट होकर काम किया और इस दौरान संवेदनशीलता के साथ बड़े फैसले भी किए गए और जरूरी संसाधन भी जुटाए गए तथा साथ ही जनता को लगातार जागरूक भी करते रहे। उन्होंने कहा, ‘‘आज इसी का परिणाम है कि भारत में कोरोना का संक्रमण वैसा नहीं है जैसा दुनिया के अन्य देशों में हमने देखा है। 

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UP में कोविड-19 संक्रमित 10 और लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 संक्रमित 10 और लोगों की मौत हो गई तथा 516 नए मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 10 और मरीजों की मौत के साथ राज्य में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8,504 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा चार मौतें राजधानी लखनऊ में हुई हैं। उसके अलावा अयोध्या में दो तथा वाराणसी गोरखपुर, उन्नाव और कन्नौज में कोविड-19 से एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 516 नए मरीजों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। सबसे ज्यादा 121 नए मरीजों का लखनऊ में पता लगा है। प्रदेश में इस वक्त 10,864 लोगों का कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है। प्रसाद ने बताया कि राज्य में अब तक 5,74,312 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। राज्य में इस संक्रमण से उबरने की दर बढ़कर 96.74 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने बताया कि रविवार को प्रदेश में 1,23,000 से ज्यादा नमूनों की जांच की गई। राज्य में अब तक दो करोड़ 54 लाख से ज्यादा नमूने जांचे जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में सोमवार को1500 से ज्यादा स्थानों पर कोविड-19 टीका लगाने का पूर्वाभ्यास किया गया।

उत्तराखंड में 156 नए कोविड मामले

उत्तराखंड में सोमवार को 156 नए मरीजों में कोविड-19 महामारी की पुष्टि हुई जबकि पांच अन्य मरीजों ने संक्रमण से दम तोड़ दिया। यहां प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, 156 मरीजों के मिलने के साथ ही प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या बढकर 93,777 हो गयी है। ताजा मामलों में से सर्वाधिक 56 देहरादून जिले में सामने आए जबकि नैनीताल में 44, हरिद्वार में 15 और उधमसिंह नगर में 13 मरीज मिले। सोमवार को प्रदेश में पांच और कोविड मरीजों ने दम तोड़ दिया। महामारी से अब तक प्रदेश में 1578 मरीज जान गंवा चुके हैं। प्रदेश में सोमवार को 523 और मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गए। अब तक कुल 88,196 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मामलों की संख्या 2753 है। कोविड-19 के 1250 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं। 

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राजस्थान में कोविड-19 से दो और लोगों की मौत

राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के 429नये मामले सोमवार को आये इससे अब तक राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या3,13,425हो गई है। वहीं राज्य में संक्रमण से दो और लोगों की मौत हो गई जिससे राज्य में संक्रमण से कुल मरने वालों की संख्‍या 2736 हो गयी है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम छह बजे तक के बीते 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से दो और मौत हुई हैं। जिससे मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 2736हो गयी। राज्य में अब तक जयपुर में 509,जोधपुर में 296,अजमेर में 221,कोटा में 168, बीकानेर में 167 भरतपुर में 120,उदयपुर में 112,पाली में 109औरसीकर में 99संक्रमितों की मौत हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को राज्य में568लोग कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए इससे राज्य में अब तक कुल 3,04,104 लोग ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही सोमवार को संक्रमण के429नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या3,13,425हो गयी जिनमें से 6,585 रोगी उपचाराधीन हैं। नये मामलों में जयपुर-कोटा में 76-76, जोधपुर में 60, नागौर में 26, पाली में 20, भीलवाडा में 18, अजमेर में 17,नये संक्रमित शामिल हैं।

सरकार ने टीके की 1.1 करोड़ खुराक खरीदारी का दिया आर्डर 

सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके की 1.1 करोड़ खुराक खरीदने का सोमवार को आर्डर दिया। प्रत्येक टीका पर जीएसटी समेत 210 रुपये की लागत आएगी। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सोमवार देर शाम तक टीका भेजने की शुरुआत होगी। दिए गए ऑर्डर के मुताबिक प्रत्येक टीके पर 200 रुपये और 10 रुपये जीएसटी मिलाकर 210 रुपये की लागत आएगी। सार्वजनिक उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह के नाम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के लिए आपूर्ति का ऑर्डर जारी किया। सूत्रों ने बताया कि कोविशील्ड टीके की खुराक 60 स्थानों पर खेप के जरिए पहुंचायी जाएगी, जहां से यह आगे वितरण के लिए भेजी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक और टीका ‘कोवैक्सीन’ की खरीदारी के ऑर्डर पर भी हस्ताक्षर करने वाला है। कोवैक्सीन स्वदेशी टीका है जिसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है। इसके लिए बैठकें चल रही है। भारत ने हाल में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। देश में 16 जनवरी से कोविड-19 के टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया है। शुरुआत में देश के तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

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झारखंड में कोविड-19 से और दो लोगों की मौत

झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से और दो लोगों की मौत होने के साथ ही महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1047 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, संक्रमण के 145 नये मामले सामने आये हैं। राज्य अभी तक कुल 1,16,817 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य में अभी तक 1,14,302 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। 1,468 लोगों का कोविड-19 का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटे में संक्रमण से पलामू और धनबाद में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।         

IMA ने अपने 3.5 लाख सदस्यों से स्वेच्छा से टीका लगवाने का किया अनुरोध

भारतीय चिकित्सा संगठन (आईएमए) ने सोमवार को अपने साढ़े तीन लाख सदस्यों से आग्रह किया कि वे स्वेच्छा से कोविड-19 का टीका लगवाएं ताकि दुनिया को बताया जा सके कि ये टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं। चिकत्सकों के संगठन ने एक बयान में कहा कि वैज्ञानिक आंकड़ों, संबंधित लेखों, विशेषज्ञ समिति की रिपोर्टों की विस्तृत समीक्षा और आईसीएमआर तथा डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद इसने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का निर्णय किया है। इसने कहा, ‘‘भारतीय चिकित्सा संगठन ने 1800 स्थानीय शाखाओं में अपने सभी साढ़े तीन लाख सदस्यों से आग्रह किया है कि पहले वे स्वेच्छा से टीका लगवाएं ताकि दुनिया को दिखाया जा सके कि ये टीके सुरक्षित एवं प्रभावी हैं।’’ बयान के मुताबिक आईएमए ने कोरोना वायरस के खिलाफ दो टीका लाने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों, आधुनिक चिकित्सकों और भारत सरकार की प्रशंसा की है और उनकी कड़ी मेहनत के लिए उन्हें बधाई दी है। ये टीके भारतीय हालात में भंडारण एवं इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘आधुनिक दवा के क्षेत्र में भारत शोध एवं विकास के साथ सुपरपावर बनने की दिशा में अग्रसर है। इस उपलब्धि में नैसर्गिक एवं पेशेवर भागीदार के तौर पर आईएमए न केवल टीका के विकास में बल्कि टीके की आपूर्ति में भी मजबूती से खड़ा है।’’ इसमें बताया गया है, ‘‘इस टीकाकरण कार्यक्रम के लिए देश भर में आईएमए की शाखाओं की सभी सुविधाएं स्वेच्छा से उपलब्ध रहेंगी और भारतीय चिकित्सा संगठन के हमारे सभी सदस्य तकनीकी एवं सहायक मानव बल के तौर पर स्वेच्छा से अपनी सेवा देंगे।’’ चिकित्सा संगठन ने कहा कि उसका मानना है कि टीका लगवाना न केवल किसी व्यक्ति की सुरक्षा से जुड़ा है बल्कि इससे हर्ड इम्युनिटी भी आती है जिससे महामारी के नियंत्रण में आने की उम्मीद बढ़ेगी। इसने कहा, ‘‘हम लोगों से अपील करते हैं कि टीकाकरण के बाद भी वे कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का पालन करें जिसमें मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, हाथ साफ करना और श्वसन से संबंधित स्वच्छता शामिल है।’’ आईएमए मुख्यालय ने नयी दिल्ली में ‘फार्माकोविजिलेंस’ का भी गठन किया है जो टीकाकरण के बाद होने वाले प्रभाव पर नजर रखेगा और उपयुक्त सहयोग करेगा। भारत 16 जनवरी से कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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