Unlock 5 के 49वें दिन दिल्ली में संक्रमण पर काबू पाने के लिए उठाए गए कई कदम

Arvind Kejriwal

आईसीएमआर ने कहा कि कोविड-19 रोगियों के उपचार में प्लाज्मा पद्धति का अंधाधुंध इस्तेमाल उचित नहीं है। इस पद्धति में महामारी को मात देकर ठीक हुए रोगियों के प्लाज्मा का इस्तेमाल दूसरे रोगियों के उपचार में किया जाता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बृहस्पतिवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दिल्ली में 28 अक्टूबर के बाद से ही कोविड-19 के नए मामलों में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। 28 अक्टूबर को रोज सामने आने वाले मामलों का आंकड़ा पहली बार 5,000 पार कर गया था। 11 नवंबर को यह संख्या 8,000 का आंकड़ा पार कर गई थी। अधिकारियों ने कहा कि बैठक के लिए आम आदमी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं को बुलाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक करेंगे। यह बैठक बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे होगी। 

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दिल्ली सरकार के अस्पतालों में जोड़े जाएंगे 663 ICU बेड

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि शहर में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि के मद्देनजर अगले कुछ दिनों में दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में 660 से ज्यादा आईसीयू बेड जोड़े जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ पूर्वी दिल्ली में जीटीबी अस्पताल का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने जीटीबी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ बैठक की और वे अगले दो दिनों में 238 आईसीयू बेड जोड़ने पर राजी हो गए। इसके अलावा अगले कुछ दिनों में दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में 663 आईसीयू बेड जोड़े जाएंगे।’’ केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद डॉक्टर हालात से अच्छी तरह निपट रहे हैं। 

कोरोना के इलाज के लिए 800 बिस्तरों वाले कोच मुहैया करा रहा रेलवे

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि कोविड-19 ड्यूटी के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 45 डॉक्टर और 160 चिकित्साकर्मी दिल्ली पहुंच चुके हैं, वहीं भारतीय रेल राष्ट्रीय राजधानी को 800 बिस्तरों वाले कोच उपलब्ध कराएगा जिनका उपयोग स्वास्थ्य और पृथक-वास केन्द्रों के रूप में होगा। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) दिल्ली हवाईअड्डे के पास स्थित कोविड-19 अस्पताल में अगले तीन-चार दिनों में आईसीयू में मौजूदा 250 बिस्तरों में 250 अतिरिक्त बिस्तर जोड़ने जा रहा है। इसके अलावा 35 बीआईपीएपी बिस्तर भी उपल्बध कराए जाएंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में रविवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए 12 फैसलों को लागू करने के क्रम में यह कदम उठाया गया है। दिल्ली में 28 अक्टूबर से कोविड-19 के नए मामलों में तेजी आयी है और उस दिन पहली बार शहर में 5,000 से ज्यादा नए मामले आए थे। शहर में पहली बार 11 नवंबर को कोविड-19 के 8,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए। दिल्ली में कल मंगलवार को कोविड-19 के 6,396 नए मामले आए हैं। शहर में अभी तक 4.95 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आए हैं। प्रशासन ने बताया कि महामारी से और 99 लोगों की मौत होने के साथ संक्रमण से मरने वालों की संख्या 7,812 हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी में नए मामलों में वृद्धि का कारण त्योहारी सीजन, बढ़ते प्रदूषण और कोविड-19 नियमों में ढील को माना जा रहा है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हवाईअड्डे के निकट स्थित डीआरडीओ के अस्पताल और छत्तरपुर स्थित कोविड-19 देखभाल केन्द्र में तैनाती के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 45 डॉक्टर और 160 चिकित्साकर्मी दिल्ली आए हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाकी डॉक्टर और चिकित्साकर्मी अगले कुछ दिनों में दिल्ली आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने विशेषज्ञों की 10 टीमें बनाई हैं जो दिल्ली के 100 से ज्यादा निजी अस्पतालों में जाकर वहां बिस्तरों के उपयोग, जांच की क्षमता और आईसीयू के लिए अतिरिक्त बिस्तरों की पहचान करने का काम करेंगी। टीमें अस्पतालों का दौरा कर रही हैं। 

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भारतीय रेल शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन पर 800 बिस्तरों वाले कोच मुहैया करा रहा है। अद्धैसैनिक बलों के डॉक्टर और चिकित्साकर्मी इन कोविड-19 सह पृथक-वास केन्द्रों में आने वाली मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी उठाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और दिल्ली सरकार साथ मिलकर नवंबर के अंत तक 60,000 आरटी-पीसीआर जांच प्रतिदिन की क्षमता विकसित करने पर काम कर रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि 17 नवंबर को दिल्ली में रोजाना 10,000 जांच की क्षमता है। इसके तहत एम्स, दिल्ली में आरटी-पीसीआर जांच के पांच लैब काम करने लगे हैं। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में घर-घर जाकर सर्वे करने की योजना अंतिम चरण में हैं और उसके इसी सप्ताह शुरू होने की संभावना है। सर्वे 25 नवंबर तक पूरा होने की आशा है। प्रवक्ता के अनुसार, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने बेंगलुरु से 250 वेंटिलेटर भेजे हैं जो सप्ताह के अंत तक दिल्ली पहुंचेंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली हवाईअड्डे के पास स्थित डीआरडीओ के अस्पताल के लिए 35 बीआईपीएपी मशीनें भेजी हैं। दिल्ली वासियों के लिए कोविड-19 की जांच आसान बनाने के लक्ष्य से आईसीएमआर अगले सप्ताह से चरणबद्ध तरीके से 10 मोबाइल जांच वैन तैनात करेगा जिनकी क्षमता 20,000 जांच की होगी। दिल्ली में कोविड-19 हालात को लेकर रविवार को हुई बैठक में गृहमंत्री अमित शाह के अलावा दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हिस्सा लिया था।

लॉकडाउन की योजना नहीं !

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार की लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर कुछ दिनों के लिए बाजारों में कुछ पाबंदियां लागू की जा सकती हैं। सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय में पत्रकारों से कहा कि लॉकडाउन महामारी का समाधान नहीं है। इससे उचित चिकित्सकीय प्रबंधन के जरिए निपटा जा सकता है जो सरकार कर रही है। दिल्ली में 28 अक्टूबर से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जब पहली बार एक दिन में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। इसके बाद 11 नवंबर को एक दिन में आठ हजार से भी ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए। सिसोदिया ने कहा, हमारी लॉकडाउन लगाने की कोई मंशा नहीं है। मैं स्पष्ट कर दूं कि हमने केंद्र सरकार को कुछ नियमों के संबंध में सामान्य प्रस्ताव भेजा है जैसे उन बाजारों को कुछ दिन के लिए बंद करना जहां कोविड-19 उचित व्यवहार और एक-दूसरे से दूरी बनाने के मानक के उल्लंघन से संक्रमण के तेजी से बढ़ने का खतरा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने मास्क नहीं लगाने और बाजारों में भीड़ जैसे उल्लंघनों को रोकने के उपायों का प्रस्ताव किया है।  

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आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के 1,236 नए मामले

आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,236 नये मामले सामने आये हैं, जिसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर बुधवार को 8,57,395 हो गयी। राज्य सरकार की ओर से जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में नौ और लोगों की संक्रमण से मौत हो गयी है, जिससे मरने वालों की कुल संख्या बढ़ कर 6899 हो गयी है। बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले 24 घंटे में 1,696 मरीज स्वस्थ हो गए। इससे ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर आठ लाख 33 हजार 980 हो गई। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में 16,516 संक्रमित मरीज उपचाराधीन हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि प्रदेश में संक्रमण दर 9.19 प्रतिशत है जबकि संक्रमण मुक्त होने की दर 97.27 फीसदी है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर 0.80 प्रतिशत है।  

राजस्थान में कोरोना संक्रमण से 12 और मौत

राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से बुधवार को 12 और लोगों की मौत हो गई जिससे राज्य में संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 2101 तक पहुंच गया। वहीं 2178 नये मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की अब तक कुल संख्या 2,32,358 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम छह बजे तक के बीते 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से 12 और मौत हुई हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक जयपुर में 402, जोधपुर में 209,अजमेर में 160, बीकानेर में 153, कोटा में 119, भरतपुर में 97, पाली में 81,उदयपुर में 80 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक कुल 2,10,779 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही बुधवार को संक्रमण के 2178 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या 2,32,358 हो गयी जिनमें से 19,478 रोगी उपचाराधीन हैं। 

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मध्य प्रदेश में कोरोना के 1,209 नए मामले

मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1209 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाये गये लोगों की कुल संख्या 1,86,655 तक पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 13 और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 3,115 हो गयी है। मध्य प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से इंदौर में तीन और भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, खरगोन, रतलाम, विदिशा, रायसेन, खंडवा, कटनी एवं छतरपुर में एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 719 मौतें इंदौर में हुई हैं, जबकि भोपाल में 501, उज्जैन में 98, सागर में 128, जबलपुर में 214 एवं ग्वालियर में 170 लोगों की मौत हुई हैं। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि भोपाल जिले में कोविड-19 के 238 नये मामले आये हैं, जबकि इंदौर में 194 ,ग्वालियर में 123 और जबलपुर में 44 नये मामले आये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 1,86,655 संक्रमितों में से अब तक 1,74,202 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 9,338 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि बुधवार को 918 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।   

जींद में 39 छात्र कोरोना से संक्रमित

जींद जिले में 39 स्कूली विद्यार्थियों और 10 अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी है। उपायुक्त (डीसी) डा. आदित्य दहिया ने बताया कि स्कूल खुलने के बाद अब तक 4810 विद्यार्थियों के नमूने लिए गए हैं। उनमें से 4651 नमूनों की रिपोर्ट आ चुकी है। इनमें 39 विद्यार्थियों और 10 अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुयी है। उन्होंने कहा कि जिला में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हर छात्र का कोविड-19 परीक्षण कराने का निर्णय लिया गया है। अधिकारियों के अनुसार संक्रमित छात्र 9वीं से 12वीं कक्षा में पढते हैं। बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्हें मास्क की महत्ता से भी अवगत कराया जा रहा है।  

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कोरोना मरीजों के उपचार में प्लाज्मा पद्धति का अंधाधुंध इस्तेमाल उचित नहीं

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने परामर्श जारी कर कहा है कि कोविड-19 रोगियों के उपचार में प्लाज्मा पद्धति का अंधाधुंध इस्तेमाल उचित नहीं है। इस पद्धति में महामारी को मात देकर ठीक हुए रोगियों के प्लाज्मा का इस्तेमाल दूसरे रोगियों के उपचार में किया जाता है। इस बीच, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 89 लाख के पार चली गई है। देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई ने प्लाज्मा पद्धति के अनुचित इस्तेमाल को लेकर साक्ष्य आधारित परामर्श में कहा है कि प्लाज्मा दान करने वाले व्यक्ति के शरीर में कोविड-19के खिलाफ काम करने वाली एंटीबॉडीज का पर्याप्त सांद्रण होना चाहिए। चिकित्सकीय परिणामों में सुधार, बीमारी की गंभीरता, अस्पताल में रहने की अवधि और मृत्युदर में कमी प्लाज्मा में विशिष्ट एंटीबॉडीज की सांद्रता पर निर्भर करती है जो सार्स-कोव-2 के प्रभावों को खत्म कर सकती हैं। इस पद्धति का इस्तेमाल पूर्व में एच1एन1, इबोला और सार्स-कोव-1 जैसे विषाणु संक्रमण के उपचार में किया जा चुका है।

आईसीएमआर ने हाल में 39 निजी और सरकारी अस्पतालों में एक अध्ययन के बाद कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर मरीजों का इलाज करने और मृत्यु दर को कम करने में प्लाज्मा पद्धति कोई खास कारगर साबित नहीं हो रही है। परामर्श में कहा गया है कि इसी तरह के अध्ययन चीन और नीदरलैंड में किए गए जिनमें इस पद्धति का कोई खास लाभ नजर नहीं आया। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के रोगियों के उपचार में प्लाज्मा पद्धति का अंधाधुंध इस्तेमाल उचित नहीं है। कहा जाता है कि कोविड-19 रोगियों के उपचार में सार्स-कोव-2 के खिलाफ कम सांद्रता वाली विशिष्ट एंटीबॉडीज अधिक सांद्रता वाली एंटीबॉडीज की तुलना में कम लाभकारी हो सकती हैं। परामर्श में कहा गया है कि इसलिए प्लाज्मा के संभावित दानदाता के शरीर में कोविड-19 के खिलाफ काम करने वाले एंटीबॉडीज में पर्याप्त सांद्रता होनी चाहिए। इसमें कहा गया है कि इस पद्धति का इस्तेमाल विशिष्ट मानक पूरा होने पर आईसीएमआर के परामर्श के अनुसार ही होना चाहिए।  

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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