Chang'e-6 Mission: 53 दिनों का मिशन, 2 किलोग्राम सैंपल, जहां अब तक कोई नहीं गया, चांद पर उस जगह लैडिंग की योजना

By अभिनय आकाश | May 03, 2024

संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ स्पेस वॉर में कंधे से कंधा मिलाने के लिए चीन तैयार नजर आ रहा है। इसी क्रम में चीन ने चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने एकत्र करने के लिए शुक्रवार को अपना मिशन लॉन्च कर दिया है। चांग'ई-6 जांच चीन का अब तक का सबसे जटिल रोबोटिक मून मिशन है और एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनने के लिए बीजिंग के प्रयास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ‘चांग’ चंद्र अन्वेषण का नाम चीन के मिथकों में मिलने वाली एक देवी के नाम पर पड़ा है। चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से को पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता है। 

इसे भी पढ़ें: China का हाथ पकड़कर सीधा चांद पर लैंड करेगा पाकिस्तान, Chang'e-6 Mission के जरिए भेजा अपना सैटेलाइट

53 दिनों का मिशन, 2 किलोग्राम सैंपल करेगा जमा 

53-दिवसीय मिशन अभूतपूर्व है और यह चीन के तेजी से परिष्कृत और महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम में नवीनतम प्रगति होगी, जो पहले ही चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर एक रोवर उतार चुका है, ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है। चंद्रमा का रहस्यमय सुदूर भाग रेडियो खगोल विज्ञान और अन्य वैज्ञानिक कार्यों के लिए आदर्श है, लेकिन संचार बनाए रखने के लिए रिले उपग्रह की आवश्यकता होती है। सीएनएसए के अनुसार, चांग-6 में चार उपकरण-‘‘ऑर्बिटर, लैंडर, एसेंडर और री-एंट्री मॉड्यूल’’ हैं। इस मिशन के जरिये चंद्रमा पर धूल और चट्टानों के नमूने एकत्र करने के बाद एसेंडर उन्हें ऑर्बिटर तक पहुंचाएगा, जो नमूनों को री-एंट्री मॉडयूल को स्थानांतरित करेगा। 

इसे भी पढ़ें: Joe Biden ने भारत, चीन, रूस, जापान पर विदेशियों से द्वेष रखने का आरोप लगाया

चंद्रमा की देवी के नाम पर मून मिशन 

इस मिशन के जरिये चंद्रमा पर धूल और चट्टानों के नमूने एकत्र करने के बाद एसेंडर उन्हें ऑर्बिटर तक पहुंचाएगा, जो नमूनों को री-एंट्री मॉडयूल को स्थानांतरित करेगा। इसके बाद, यह मॉड्यूल इन नमूनों को पृथ्वी पर लाएगा। सीएनएसए ने इससे पहले कहा था कि मिशन का उद्देश्य स्वचालित तरीके से नमूने एकत्र करना और फिर चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से उन्हें लेकर लौटने जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों में सफलता हासिल करना है। 

 चंद्रयान-3 ने की थी चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैडिंग

चीन ने मंगल ग्रह पर भी रोवर भेजे हैं। इससे पहले, चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री को उतारने की अपनी योजना की घोषणा की थी। भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास रोवर उतारने वाला पहला देश है। पिछले साल, भारत का चंद्रयान-3 लैंडर और प्रज्ञान रोवर वहां सफलतापूर्वक उतरा था। पृथ्वी के सम्मुख कभी न आने वाला चंद्रमा का दूरस्थ हिस्सा रेडियो खगोल विज्ञान एवं अन्य वैज्ञानिक कार्य के लिए उपयोगी है। 

प्रमुख खबरें

केरल के LoP ने Meta को लिखा पत्र, सोशल मीडिया से पैरोडी गीत पोटिये केट्टिये को हटाने को कहा

फैंस को लगा बड़ा झटका: Avatar 3 के साथ रिलीज नहीं हुआ Avengers: Doomsday का ट्रेलर, सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

अखिलेश यादव को उपदेश नहीं देना चाहिए...सपा प्रमुख को लेकर ऐसा क्यों बोले केशव प्रसाद मौर्य

Red Fort blast: नसीर बिलाल से और एक हफ्ते होगी पूछताछ, सोयब को 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया