Parliament Attack: संसद हमले के 23 साल पूरे, PM Modi ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

By रितिका कमठान | Dec 13, 2024

संसद पर हुए आतंकवादी हमले के 23 वर्ष आज पूरे हो चुके है। वर्ष 2001 में हुए इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे। संसद की सुरक्षा में लगे जवानों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए आतंकवादियों से लोहा लिया था। आतंकवादियों को रोकने में दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और संसद के वॉच एंड वार्ड स्टाफ के नौ सदस्य शहीद हुए थे।

 

संसद की रक्षा करने में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए हर वर्ष उन्हें 13 दिसंबर को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस मौके पर शुक्रवार को भी संसद भवन में कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 2001 में संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका बलिदान राष्ट्र को हमेशा प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, "2001 के संसद हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि। उनका बलिदान हमारे देश को हमेशा प्रेरित करेगा। हम उनके साहस और समर्पण के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।"

 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। उन्होंने कहा, "कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से अमर शहीदों को सादर श्रद्धांजलि। आज हमने संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए मां भारती के वीर जवानों को पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया। आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।" 

 

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने संसद हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को सलाम किया। आप प्रमुख ने एक्स पर लिखा, "आज का दिन हमें उन वीर जवानों की याद दिलाता है, जिन्होंने संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान देश और हमारे लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन सभी वीर जवानों की अमर शहादत को कोटि-कोटि नमन।"

 

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी को 13 दिसंबर, 2001 को भारतीय संसद पर हुए भीषण आतंकवादी हमले की याद दिलाई गई। स्मरण रहे कि 13 दिसंबर, 2001 को ही दिल्ली पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक जगदीश, मातबर, कमलेश कुमारी, नानक चंद और रामपाल, दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम तथा सीपीडब्ल्यूडी में माली देशराज ने आतंकवादी हमले के दौरान संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

 

अपराधी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से संबंधित थे - दो पाकिस्तान-प्रवर्तित आतंकवादी संगठन - जिन्होंने 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप पांच दिल्ली पुलिस कर्मियों, दो संसद सुरक्षा सेवा कर्मियों, एक सीआरपीएफ कांस्टेबल और एक माली की मौत हो गई और भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप 2001-2002 में भारत-पाकिस्तान गतिरोध हुआ। 

प्रमुख खबरें

India Russia के रिश्तों में नई रफ्तार; President Putin ने रक्षा, ऊर्जा और व्यापार में सहयोग देने का किया वादा

अमित शाह ने स्वदेशोत्सव 2025 का किया उद्घाटन, आत्मनिर्भर भारत के विजन को मिला नया मंच

रूस का भारत को तेल की गारंटी: पश्चिमी दबाव बेअसर, पुतिन ने किया अहम वादा

23rd India-Russia Summit में मोदी–पुतिन की बड़ी घोषणाएँ, Vision 2030 पर हस्ताक्षर