By अभिनय आकाश | Dec 29, 2021
एक ऐसा साम्राज्य जिसने जर्मन तानाशाह हिटलर को परास्त कर दिया। अमेरिका के साथ शीत युद्ध किया। परमाणु से लेकर अंतरिक्ष तक में अपनी क्षमता का लोहा मनवाया। क्यूबा से लेकर वियतनाम की क्रांति में भी भूमिका निभाई। जिसकी भौगोलिक ताकत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उसके पास पृथ्वी का छठा भाग था। अर्थव्यवस्था हो तकनीक हो या फिर विचारधारा हर क्षेत्र को प्रभावित किया। लेकिन 1991 के साल में ऐसा क्या हुआ कि वो 15 अलग-अलग देशों में विभाजित हो गया। एक ही रात में सोवियत के विघटित होने वाली घटना भी चकित करने वाली थी। 26 दिसंबर 1991 को जब सोवियत संघ टूटा तो न सिर्फ दुनिया एकध्रुवीय रह गई बल्कि क्षेत्र में संघर्ष का नया अध्याय भी खुल गया, जिसके चलते कभी साथ रहे रूस और यूक्रेन आज युद्ध के कगार पर खड़े हैं। कई एक्सपर्ट सोवियत संघ के विघटन के लिए कई कारणों को ज़िम्मेदार मानते हैं।
शुरुआती दौर
सोवियत संघ की ताकत
69 सालों तक रहा एकजुट
22 मिलियन स्कव्यार किलोमीटर का दायरा
15 अलग-अलग देश
सोवियत का प्रभाव
शीत युद्ध के बाद एक तबके को अमेरिका जबकि दूसरा सोवियत संघ के द्वारा नियंत्रित किया जाता था। कैपटलिज्म को अमेरिका द्वारा समर्थन किया जाता था जबकि कम्युनिज्म को सोवियत संघ का सपोर्ट था। लेकिन वक्त के साथ सोवियत का नियंत्रण बहुत ही प्रभावशाली हो गया। मतलब जिन देशों को सोवियत नियंत्रत करता था चाहे वो पोलैंड, चाकोस्लोवाकिया जैसी जगहों पर इनका दबदबा हद से ज्यादा हो गया। यहां की जो सरकारें थीं वो सोवियत के नेता ही चुनकर भेजते थे।
गोर्बाचोव का इस्तीफा
सबसे शक्तिशाली संघ के राष्ट्रपति के रूप में मिखाइल गोर्बाचोव का इस्तीफा क्रेमलिन (मॉस्को) पर 74 साल से लहराते लाल झंडे के हटने के साथ-साथ 20वीं सदी की ऐतिहासिक घटना बन गई। गोर्बाचोव पद पर बने रहकर संघ को बिखरने से बचा सकते थे लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। संस्मरणों में खुद गोर्बाचेव ने भी लिखा है कि सोवियत संघ को टूटने से न बचा पाने की कसक उनके दिल में आज भी कायम है।
हथौड़े और हंसिया के निशान वाला झंडा झुका दिया गया
जब सोवियत संघ के तीन स्लाव गणराज्यों के नेता आठ दिसंबर 1991 को शिकारियों के लिए बनाए गए एक सुनसान लॉज में मिले, तो इस विशाल देश के विघटन की इबारत को लिखा गया था. इन नेताओं के दस्तखत से सोवियत संघ के विघटन के साथ ही कई देशों का उदय हुआ। दो हफ्ते बाद, आठ अन्य सोवियत गणराज्य गठबंधन में शामिल हो गए, और इस तरह सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव का अधिकार प्रभावी ढंग से समाप्त हो गया और क्रेमलिन पर हथौड़े और हंसिया के निशान वाला झंडा झुका दिया गया।