By अभिनय आकाश | Jul 11, 2025
दुनिया का सबसे ताकतवर जेट राफेल और दूसरी तरफ चीन की वो चालबाजी जो हर कीमत पर इसे कमजोर साबित करना चाहता है। ग्रीस के तंगड़ा एयरबेस पर हुई घटना ने सभी को चौंका दिया है। चार चीनी जासूस राफेल की जासूसी करते रंगे हाथ पकड़े गए। दरअसल, ग्रीस के तंगड़ा एयरबेस पर फ्रांसिसि राफेल जेट और हेलनिक एयरोस्पेस इंडस्ट्री की अहम सुविधाएं है। वहीं चार चीनी नागरिक दो पुरुष, एक महिला और एक युवक संदिग्ध स्थिति में कैमरे लेकर फोटो खींचते पाए गए। सुरक्षा गार्ड्स ने रोका। लेकिन वे एक पुलिया की तरफ बढ़े और छिपकर फोटो खींचते रहे। हेलनिक एयरफोर्स पुलिस ने उन्हें तुरंत हिरासत में लिया और उनके कैमरों से दर्जनों संवेदनशील तस्वीरें बरामद की।
ग्रीस की इंटेलिजेंस एजेंसी ने इसे जासूसी का गंभीर मामला माना है। सवाल ये है कि एक टूरिस्ट आखिर क्यों राफेल जैसे सैन्य एयरबेस की तस्वीरें खींचेगा। आपको मई 2025 की घटना तो याद ही होगी जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर राफेल से हमले किए। उच्चस्तरीय सटीकता, गुप्त घुसपैठ और बिना किसी नुकसान के मिशन की सफलता राफेल की ताकत दुनिया ने देखी। इसके बाद से कई देश राफेल को खरीदने में रूचि दिखाने लगे। जिससे चीनी जेट्स जे 10 और एफसी 31 की बिक्री प्रभावित हुई।
यह घटना कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि एक व्यापक, सुप्रलेखित प्रवृत्ति का हिस्सा है, चीन द्वारा अपने वैश्विक जासूसी नेटवर्क का आक्रामक विस्तार। ख़ास तौर पर चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रीस को ऐसे अभियानों के लिए चुना गया है, जो पारंपरिक रूप से भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने वाला देश है और जिसका चीन के साथ कोई प्रत्यक्ष संघर्ष नहीं है।
चीन दुनिया के सबसे विस्तृत ख़ुफ़िया नेटवर्कों में से एक का संचालन करता है, जो वैश्विक स्तर पर जानकारी एकत्र करने के लिए सरकारी एजेंसियों, नागरिकों और प्रॉक्सी संगठनों के संयोजन का उपयोग करता है। देश का ख़ुफ़िया तंत्र अत्यधिक बहुमुखी है, जो अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मानवीय ख़ुफ़िया जानकारी, साइबर जासूसी और आर्थिक लाभ का मिश्रण इस्तेमाल करता है।