50 years of Emergency: काले अध्याय के 50 साल, आपातकाल पर किसने क्या कहा?

By एकता | Jun 25, 2025

आज, 25 जून, 2025, भारत उस काले अध्याय के 50 साल पूरे होने का साक्षी बन रहा है जब देश पर आपातकाल थोपा गया था। 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया यह आपातकाल, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक ऐसा गहरा घाव है जिसकी टीस आज भी महसूस होती है।


वर्तमान मोदी सरकार इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाकर उन अनगिनत लोगों के बलिदान और संघर्ष को याद कर रही है जिन्होंने उस दौर में अकल्पनीय पीड़ा सही। वहीं, राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनमानस तक, हर कोई उस अवधि को याद कर कांग्रेस पर सवाल उठा रहा है। यह वह समय था जब सत्ता ने अपनी ही जनता के मौलिक अधिकारों का खुलेआम हनन किया।


उस दौरान एक लाख से अधिक नागरिकों को बिना किसी ठोस आरोप के जेलों में ठूंस दिया गया था। देश के बड़े-बड़े विपक्षी नेता सलाखों के पीछे धकेल दिए गए थे, और उनके परिवारों से मिलने तक की अनुमति नहीं थी। न्यायपालिका भी एक तरह से निष्क्रिय हो गई थी; जमानत मिलना मुश्किल था और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अदालतें स्वतः संज्ञान लेने से भी कतरा रही थीं। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेलों में मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जा रही थीं, और पुलिस हिरासत में होने वाली मौतें भी आम थीं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं थी। यह दौर व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी के गला घोंटने का एक भयावह उदाहरण था।

प्रमुख खबरें

Delhi: धुंध के कारण 61 उड़ानें रद्द, 400 से अधिक में हुई देरी, लियोनेल मेस्सी भी हुए लेट

Arjun Rampal ने 6 साल साथ रहने के बाद Gabriella Demetriades से सगाई की, जानें दोनों की लव स्टोरी कैसे शुरू हुई

इजराइल और सऊदी के बीच बसा छोटा सा देश, भारत के लिए क्यों अहम है PM Modi का Jordan दौरा?

सर्दियों में घर पर बनाएं लसूनी मेथी नान की परफेक्ट रेसिपी, मेहमान खाकर खुश हो जाएंगे