जी20 की वैश्विक संकल्पना के अनुरूप होगा 8वाँ आईआईएसएफ

By इंडिया साइंस वायर | Jan 06, 2023

विज्ञान के महाकुंभ के नाम से विख्यात इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ)-2022 का आयोजन इस बार मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एमएएनआईटी) परिसर में  21 से 24 जनवरी, 2023 को किया जा रहा है। आईआईएसएफ का यह 8वाँ संस्करण है, जिसमें देश-विदेश के वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद, नीति-निर्माता, शिल्पकार, स्टार्टअप्स, किसान, शोधार्थी, छात्र और नवोन्मेषक शामिल हो रहे हैं।


केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि “आईआईएसएफ भारतीय और विदेशी छात्रों, नवप्रवर्तकों, शिल्पकारों, किसानों, वैज्ञानिकों एवं प्रौद्योगिकीविदों के साथ भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक उत्सव है।" 

डॉ जितेंद्र सिंह ने अधिक से अधिक डीप टेक स्टार्टअप और नये क्षेत्रों में भारतीय स्टार्टअप्स से आगे आने का आह्वान भी किया है। उन्होंने कहा है कि आईआईएसएफ-2022 इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ आयोजित किया जा रहा है।


आईआईएसएफ के 8वें संस्करण की मुख्य थीम “विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ अमृतकाल की ओर अग्रसर” रखी गई है। इस महोत्सव में 15  अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर केंद्रित देश के पहले ओटीटी चैनल इंडिया साइंस (https://www.indiascience.in) द्वारा इन कार्यक्रमों पर केंद्रित 15 फिल्मों का निर्माण किया गया है, जिन्हें समारोह के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा। विज्ञान महोत्सव में देश-विदेश के 8,000 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। इसके अलावा, अनुमानित एक लाख से अधिक आगंतुकों के इस महोत्सव का साक्षी बनने की संभावना है। 

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि आईआईएसएफ का आयोजन देश और विदेश में लोगों और वैज्ञानिक समुदाय को एक साथ आने, एक साथ काम करने और भारत एवं मानवता की भलाई के लिए विज्ञान की भूमिका का उत्सव मनाने का अवसर प्रदान करता है। डॉ सिंह ने कृषि प्रौद्योगिकी एवं डीप-टेक स्टार्टअप्स सहित नये विचारों और नवाचारों से लैस स्टार्टअप्स का भी इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए आह्वान किया है। डॉ सिंह ने आईआईएसएफ में एक मेंटर डेस्क स्थापित करने की बात कही है जिससे छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों को संभावित अभिनव पहल के बारे में मार्गदर्शन मिल सके।

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आईआईएसएफ का आयोजन भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के नेतृत्व में स्वदेशी भावना के साथ कार्य कर रही संस्था विज्ञान भारती (विभा) के सहयोग से किया जा रहा है। अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की सहभागिता इस वर्ष आईआईएसएफ का एक अतिरिक्त आकर्षण होगी। मध्य प्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा ने कहा है कि आईआईएसएफ के लिए एक विशेष साइंस कॉलोनी तैयार की जाएगी।


नई उपलब्धियाँ छूने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन पहले की तरह आईआईएसएफ का हिस्सा बना रहेगा। यहाँ युवा छात्र, नवोदित वैज्ञानिक, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए इकट्ठा होंगे। ये सभी प्रोटोटाइप मॉडल की एक साथ असेंबली के लिए तैयार होंगे और ऐसे व्यावहारिक मॉडल प्रदर्शित करेंगे, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संदेश देते हैं। स्कूली विद्यार्थियों के लिए ‘छात्र विज्ञान ग्राम’ आठवें आईआईएसएफ का एक प्रमुख आकर्षण होगा। इसमें पूरे देश से 2500 से अधिक स्कूली छात्र शामिल हो रहे हैं। ‘छात्र विज्ञान ग्राम’ कार्यक्रम आठवीं से ग्यारहवीं कक्षा तक के छात्रों और संसद सदस्यों द्वारा नामित ऐसे गाँवों के समन्वयक शिक्षकों के लिए है, जिन्हें "प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना" के तहत गोद लिया गया है । आईआईएसएफ-2022 का एक महत्वपूर्ण घटक 'फेस-टू-फेस विद फ्रंटियर्स ऑफ साइंस' कार्यक्रम है, जिसे छात्रों को केंद्र में रखकर डिजाइन किया गया है। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक बेहतरीन अवसर होगा, जहाँ वे भारत की चर्चित हस्तियों / वैज्ञानिकों / उद्योगपतियों से सीधा संवाद कर सकेंगे। यह एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम होगा, जिसमें 8वीं कक्षा से परास्नातक तक के 1200-1400 छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। 


इस दौरान ‘युवा वैज्ञानिकों का सम्मेलन’ आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 1500 युवा वैज्ञानिक और शोधकर्ता अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ परस्पर विचार-विमर्श करेंगे। वहीं, ‘मेगा-साइंस एक्स्पो’ में भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी कौशल की झलक देखने को मिलेगी। स्टार्टअप कॉन्क्लेव भी आईआईएसएफ का हिस्सा है, जिसमें जैव प्रौद्योगिकी इनोवेशन इकोसिस्टम पर कार्य करने वाले 600 से अधिक स्टार्टअप्स के शामिल होने की उम्मीद है। भारत का अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव (आईएसएफएफआई) इस महोत्सव का एक अन्य आकर्षण है। विज्ञान साहित्य पर केंद्रित "विज्ञानिका" का आयोजन भी इस अवसर पर किया जा रहा है। दो दिवसीय छात्र नवाचार उत्सव (स्टूडेंट इनोवेशन फेस्टिवल–एसआईएफ-022) भी महोत्सव का हिस्सा है।


प्रथम बार वर्ष 2015 में आयोजित किये गए वार्षिक भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का यह आठवाँ संस्करण है। पहला और दूसरा आईआईएसएफ नई दिल्ली में, तीसरा चेन्नई में, चौथा लखनऊ में, पाँचवां कोलकाता में, छठा वर्चुअल मोड के माध्यम से और आखिरी आईआईएसएफ गोवा में आयोजित किया गया था। वर्ष 2020 में, कोविड-19 ने इस वार्षिक आयोजन के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी थी। लेकिन, कार्यक्रम को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आयोजित कर इसके प्रवाह को बाधित नहीं होने दिया गया। 


(इंडिया साइंस वायर)

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