By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 09, 2021
11 सितंबर 2001 को अमेरिका का सामना इतिहास की सबसे बड़ी आतंकी घटना से हुआ था। इस हमले में दुनिया भर से 3000 मासूमों ने अपनी जान गंवाई थी। यह हमला अमेरिका के डब्ल्यूटीओ सहित चार महत्वपूर्ण जगहों पर हुआ था। माना जाता है कि अमेरिका पर इस हमले के पीछे अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था। अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश पर हुए इस आतंकी हमले ने पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर दी थी। एक के बाद एक चंद मिनटों में हुए चार जगहों पर इस हमले को विमान हाईजैक के जरिए अंजाम तक पहुंचाया गया था जिससे डब्ल्यूटीओ जैसी विशालकाय इमारत पलभर में ही राख के ढेर में तब्दील हो गई थी।
जन हानि होने के साथ-साथ इन हमलों ने आर्थिक स्तर पर भी अमेरिका को हिला कर रख दिया था। इस आतंकी हमले से अमेरिका को अरबों डालर का नुकसान हुआ था।इस हमले के साथ यहतारीख इतिहास में दर्दनाक पन्नों में दर्ज हो गई। आतंकवाद मानवता का वह कठोर दुश्मन है, जिसमें मानवीय मूल्यों एवं संवेदनाओं का कोई स्थान नहीं है। संपूर्ण संसार में आतंकवाद का एक अघोषित युद्ध जारी है। आज आतंकवाद एक संपूर्ण विश्व के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि आज संपूर्ण मानवता का अस्तित्व खतरे में है। आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्याओं में से एक है, जो दिनों- दिन बढ़ती जा रही है ।
आतंकवाद की प्रमुख चुनौती
संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति को लागू करने और आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने के लिए सदस्य राज्यों के प्रयासों के समर्थन में नेतृत्व, समन्वय और क्षमता निर्माण प्रदान किया जाना है। किसी भी देश की सीमा सुरक्षा आतंकवाद को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
हिंसक उग्रवाद को रोकना
आतंकवाद के लिए अनुकूल हिंसक उग्रवाद को रोकना खतरे को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है।
आतंकवाद के शिकार
यूएनओसीटी दुनिया भर में आतंकवाद के पीड़ितों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकता का आह्वान करता है और आतंकवाद को रोकने और मजबूत समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पीड़ितों की सहनशक्ति हम सभी के लिए एक उदाहरण है।