संसदीय समिति की सभी बैठकों से नदारद रहे 95 सांसद, बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस की रही उपस्थिति

By अभिनय आकाश | Mar 03, 2020

संसद जहां से इस देश को बहुत कुछ हासिल होता है और इसी संसद से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति सबसे पहले तो आपको दो लाइनों में बता देते हैं कि संसदीय समिति है क्या?

  • संसदीय समितियाँ वे मंच हैं जहाँ किसी प्रस्तावित कानून के ऊपर विस्तृत विचार-विमर्श होता है। 
  • ऐसी समितियों में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों की संख्या के अनुपात में सांसद लिए जाते हैं।

बजट सत्र पर चर्चा का दौर चल रहा है और राज्यसभा में सभापति एम. वेंकैया नायडू ने संसद की स्थायी समितियों की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति पर चिंता जताई है। नायडू ने बताया कि 18 मंत्रालयों के आवंटन की समीक्षा करने वाली आठ विभाग संबंधित संसदीय स्थायी समितियों (डीआरएससी) की किसी भी बैठक में 95 सांसदों ने भाग नहीं लिया। नायडू ने पूरे ब्यौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने तीन सप्ताह के संसदीय अवकाश के दौरान 20 बैठकें कीं। इस समिति में 244 सदस्य (लोकसभा से 166 और राज्यसभा से 78) हैं। नायडू ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (65.5%) समिति की बैठकों में सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि सबसे कम उपस्थिति वाणिज्य डीआरएससी (32.3%) में थी।

इसे भी पढ़ें: संसदीय समितियों की बैठक में सदस्यों की कम उपस्थिति गंभीर चिंता का विषय: वेंकैया नायडू

राज्यसभा में बीजेपी 244 में से 110 सांसदों की संख्याबल में हैं जिनमें से 58 प्रतिशत उपस्थित हुए और कांग्रेस के 32 सांसद (62 प्रतिशत) उपस्थित हुए। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए गठित अनुदान मांगों की समितियों में से राज्यसभा की आठ समितियों ने 20 बैठकें कीं। 63 घंटे तक चली इन बैठकों में 18 मंत्रालयों की मांगों पर विचार किया गया। यह सदन की 10 बैठकों के बराबर थी। 

इसे भी पढ़ें: 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए बंदरगाहों पर विश्वस्तरीय बुनियादी संरचना महत्वपूर्ण: नायडू

संसद की स्थाई समितियों के प्रकार

अधिकांश संसदीय समितियाँ स्थायी होती हैं क्योंकि ये अनवरत् अस्तित्व में रहती हैं और सामान्यतः प्रत्येक वर्ष पुनर्गठित होती हैं।

कुछ समितियाँ किसी विशेष विधेयक पर विचार करने के लिए गठित होती हैं। अतः इन्हें “सिलेक्ट समितियाँ” कहा जाता है। 

 

प्रमुख खबरें

Manoj Tiwari ने मुझ पर हमला कराया क्योंकि लोग अब उन्हें स्वीकार नहीं कर रहे हैं: Kanhaiya

Shakti Yojana से Metro को नुकसान होने संबंधी प्रधानमंत्री की टिप्पणी से हैरान हूं: Shivkumar

दुनिया में India जैसे जीवंत लोकतंत्र बहुत कम हैं: White House के सुरक्षा संचार सलाहकार

Mutual Fund को भारत में निवेश करने वाले विदेशी कोषों में निवेश की सुविधा देने का SEBI का प्रस्ताव