By अभिनय आकाश | Nov 08, 2025
भारतीय मूल का मुस्लिम अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क का मेयर चुनाव जीत गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर जोहरान ममदानी चुनाव जीतता है, तो वह न्यूयॉर्क में फंड की कटौती कर देंगे। लेकिन अब जोहरान ममदानी जीत चुका है। अब देखना होगा कि डॉनल्ड ट्रंप किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं। आपको बता दें कि चुनाव से कुछ दिन पहले ही जोहरान ममदानी ने वामपंथियों और कट्टरपंथियों का वोट बटोरने के लिए पीएम मोदी और भारत का अपमान किया था। जोहरान ममदानी ने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए कहा था कि मैं भी मुस्लिम हूं लेकिन भारत में मेरी कम्युनिटी के लोगों पर अत्याचार होता है। इतना बोलते ही जोहरान ममदानी को कट्टरपंथियों और वामपंथियों के खूब वोट मिले होंगे। वैसे आपको बता दें कि ममदानी के पिता महमूद ममदानी गुजराती मूल के मुस्लिम हैं और उनकी मां लिबरल हिंदू मीरा नायर हैं।
ममदानी की जीत पर भारत का पक्का दोस्त इजरायल भी भड़का हुआ है। न्यूयॉर्क वैसे भी कोई साधारण शहर नहीं है, फिर भी ज़ोहरान ममदानी की जीत न्यूयॉर्क के मानकों के हिसाब से भी असाधारण है। महज 34 साल के भारतीय/दक्षिण एशियाई/युगांडाई मूल के मुस्लिम व्यक्ति ममदानी और उनके विचारों को दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। इन विचारों में से एक है उनका फ़िलिस्तीन समर्थक और ज़ायोनिज़्म विरोधी रुख़, यही वजह है कि उनकी जीत ने इज़राइल और उसके यहूदी नागरिकों के एक बड़े हिस्से में भी हलचल मचा दी है। यरुशलम निवासी हाना जैगर ने ममदानी की उस शहर में सफलता के बाद समाचार एजेंसी एपी को बताया बहुत बुरा। यहूदियों के लिए, इज़राइल के लिए, सबके लिए, यह बहुत बुरा है। आप और क्या कह सकते हैं? इज़राइल के तेल अवीव के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी यहूदी आबादी है।
अमेरिका की मुख्यधारा की राजनीति लंबे समय से कट्टर रूप से इज़राइल समर्थक रही है, तब भी जब संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक दृष्टिकोण तेल अवीव की नीतियों और युद्धों की आलोचना करते रहे हैं। ममदानी का चुनाव अब तक के रुख़ में आए बदलाव का सबसे मज़बूत उदाहरण माना जा रहा है। एक तरह से, यह अमेरिकी जनता, ख़ासकर युवा डेमोक्रेटिक मतदाताओं के बीच इज़राइल के प्रति समर्थन में आई नरमी को दर्शाता है, जबकि रिपब्लिकन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ममदानी के ख़िलाफ़ लगातार बयानबाज़ी कर रहे हैं।