By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 10, 2019
नयी दिल्ली। देश में डेटा का उपभोग 72.6 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 2022 तक 1,09,65,879.30 करोड़ एमबी पर पहुंच जाने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम और पीडब्ल्यूसी के एक अध्ययन के अनुसार देश में डेटा का उपभोग वर्ष 2017 में 7,16,710.30 करोड़ एमबी रहा जो 72.60 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 2022 तक 1,09,65,879.30 करोड़ एमबी पर पहुंच जाएगा।
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अध्ययन में कहा गया, ‘‘डेटा की कीमत पहले की तुलना में सबसे निचले स्तर पर आ जाने तथा देश में स्मार्टफोन की संख्या बढ़ते जाने से यह माना जा सकता है कि वीडियो ऑन डिमांड का बाजार सबसे अधिक लाभान्वित होने वाला है। देश में डेटा का उपभोग स्पष्ट तौर पर बढ़ रहा है।’’ वर्ष 2013 तक औसत भारतीय उपभोक्ता मोबाइल डेटा से अधिक वॉयस सेवाओं पर खर्च करता था। अब यह स्थिति बदल गयी है और भारतीय उपभोक्ता डेटा पर अधिक खर्च कर रहे हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 में वॉयस सेवाओं पर औसत मासिक खर्च 214 रुपये और औसत मासिक डेटा खर्च 173 रुपये था। वर्ष 2016 में वॉयस का औसत मासिक खर्च गिरकर 124 रुपये पर आ गया जबकि डेटा के मामले में यह 225 रुपये पर पहुंच गया। नोकिया मोबाइल ब्राडबैंड इंडेक्स 2018 के अनुसार करीब 65 से 75 प्रतिशत डेटा वीडियो सेवाओं पर खर्च किया जाता है।