By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 05, 2018
बोस्टन। मानव शरीर के भीतर लगे उपकरणों को सक्रिय करने और उनके साथ वायरलेस तरीके से संवाद कायम करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नया तरीका विकसित किया है। इस तरह दवाएं देने , आंतरिक स्थिति पर नजर रखने और रोगों के उपचार के नए तरीके की राह खुलती है। इन इम्प्लांट (आरोपण) को रेडियो फ्रक्वेंसी तरंगों के जरिए सक्रिय किया जाता है। ये तरंगें मानव शरीर के उत्तकों के जरिए सुरक्षित रूप से आ - जा सकती है। जानवरों पर किए परीक्षणों के जरिए अनुसंधानकर्ताओं ने यह दिखाया कि ये तरंगें एक मीटर की दूरी से उत्तक में 10 सेंमी की गहराई पर स्थित उपकरणों को भी सक्रिय कर सकती हैं। अमेरिका में मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर फादेल आदिब ने बताया , ‘‘ इन छोटे आरोपण उपकरणों में कोई बैटरी नहीं होती है , फिर भी शरीर से कुछ दूरी पर रहते हुए भी उनसे संपर्क साध सकते हैं। सुअरों पर किए गए इस परीक्षण में अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि वह शरीर से एक मीटर की दूरी से , शरीर में दस सेंटीमीटर भीतर स्थित सेंसर को सक्रिय कर सकते हैं। अगर सेंसर त्वचा की सतह के ज्यादा करीब हैं तो उन्हें 38 मीटर की दूरी से भी सक्रिय किया जा सकता है।