By अभिनय आकाश | Apr 24, 2025
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का एक्शन लगातार जारी है। भारत सरकार ने जहां डिप्लोमैटिक स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए। सिंधु जल समझौते को रद्द करने का ऐलान किया। इसके अलावा अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया। वहीं पाकिस्तान के राजनयिकों और मिलिट्री अटाचे को भारत छोड़ने का आदेश दिया है। पाकिस्तान के वीजा को तत्काल प्रभाव से कैंसल करते हुए सभी पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया है। अब भारत सैन्य स्तर पर क्या कार्रवाई करेगा इसका आंकलन हर कोई करेगा। हालांकि इस बात की आशंका हर किसी को है कि भारत किसी न किसी तरह से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई जरूर करेगा। इसी बीच अमेरिका ने जो कदम उठाया है उसने इस हवा को और तेज कर दिया है कि सीमा पर कुछ बड़ा होने वाला है।
जिस तरह से देर रात अमेरिका की ओर से ट्रैवल एडवाइजरी जारी की गई। उससे ये बात पता चलती है कि हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं और आने वाले दिनों में यहां कुछ बड़ा हो सकता है। अमेरिका की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गई उसमें कहा गया कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ और जिस तरह से जानकारी सामने आई उसमें कई लोगों की मौत हुई। हर कोई हाई अलर्ट पर जा चुका है। अमेरिका ने हिंसक अशांति की आशंका के मद्देनजर इस केंद्रशासित प्रदेश के लिए और भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा नहीं करें संबंधी परामर्श जारी किया है। अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से अमेरिकी नागरिकों के लिए जारी ताजा परामर्श में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमले और हिंसक नागरिक अशांति संभव है। इस राज्य की यात्रा न करें (पूर्वी लद्दाख क्षेत्र और इसकी राजधानी लेह की यात्राओं को छोड़कर) और भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर यह आम बात है। यह कश्मीर घाटी के पर्यटन स्थलों: श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम में भी होती है।
आखिर में ये बात अमेरिका की ओर से बेहद सख्त लहजे में लिखी गई है कि अमेरिकी सरकार अपने नागरिकों को ये चेतावनी देती है कि वो किसी भी तरह से जम्मू कश्मीर में यात्रा न करें। स्थानीय मीडिया के अपडेट्स को देखते रहे। अपने आसपास के माहौल को देखकर सर्तक रहे। पर्यटकों वाले इलाकों में खासी सतर्कता बरते। ऐसे में अमेरिका ने अपने नागरिकों को एक चेतावनी के तौर पर जम्मू कश्मीर जाने से मना तो कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर जो बातचीत हुई थी क्या उसमें किसी रूप से किसी एक्शन प्लान पर भी बात हुई है और क्या अमेरिका को भारत की किसी भी तरह की कोई सैन्य कार्रवाई की जानकारी है।